अमन की चाह, दिन में ही निकाला जुलूस
- दशहरे का मेला देखते हुए गेहुआं सागर और बड़गो का जुलूस दोपहर में ही निकले
GORAKHPUR: मोहर्रम और दशहरा एक साथ पड़ने से पुलिस और प्रशासन के होश उड़े हुए हैं। वह त्योहारों को अमन और सलामती के साथ निकालने के लिए हर संभव प्रयास में लगा हुआ है। वहीं दुर्गा कमेटियां और मुतवल्ली भी इस ओर अच्छी पहल कर रहे हैं। इस सीरीज में रविवार को भी एक अच्छी पहल की गई। सातवीं की रात में गेहुआं सागर और बड़गों से निकलने वाला जुलूस रात में लगने वाले मेले को देखते हुए अमन और सुकून के लिए दोपहर में ही निकाल दिया गया। जिससे दोनों ही लोगों को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। कई इमामचौकों से निकले जुलूससातवीं मोहर्रम को हजरत इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हुए पूरे शहर के इमाम चैकों से मोहर्रम के जुलूस निकले। जुलूसों में शमिल रौशन चौकी, सद्दा और करतब दिखाते नौजवान मुख्य आकर्षण का केंद्र रहे। सातवीं मोहर्रम को शहर के करीब सभी इमाम चैकों से जुलूसों का सिलसिला शुरू हुआ, जो कि देर रात तक चला। जुलूसों का मुख्य केंद्र नखास चौक रहा। सभी जुलूस यहीं से होकर गुजरे। जुलूसों में शामिल अखाड़ों ने एक से बढ़कर एक करतब दिखाए। वहीं देर रात तुर्कमानपुर स्थित चिंगी शहीद और रायगंज इमामबाड़ा से भी जुलूस निकाला गया।