आया सावन झूम के
- जुलाई के अंतिम दिन खूब बरसे बदरा
- नेपाल में बारिश से बढ़ी बाढ़ की आशंका GORAKHPUR: करीब एक हफ्ते की तपिश पर फ्राइडे की बारिश भारी पड़ी। फ्राइडे इवनिंग हुई झमाझम बारिश से सिटी लबालब हो गई। सावन के ठीक पहले बारिश ने लोगों को जमकर भिगोया। मौसम विभाग ने बताया हैवी रेन फॉल की वजह से कई सालों के रिकार्ड टूट गए। उधर नेपाल में बारिश से नदियों का जलस्तर बढ़ने की संभावना बढ़ गई है। घाघरा भी एक सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ने लगी है। धान को जीवनदान, टूट गया रिकार्डजुलाई मंथ में कम बारिश होने से धान की फसल मुरझा सी गई। सूखा पड़ने की चिंता किसानों के माथे पर झलकने लगी थी। पंपिंग सेट के सहारे किसान धान की फसल को जिंदा रखने की कोशिश में लगे थे। फ्राइडे मार्निग हुई बारिश ने थोड़ी राहत दी। लेकिन शाम को हुई मूसलाधार बरसात ने किसानों की परेशानी को धो दिया। जिले के अधिकांश इलाकों में जमकर पानी बरसा। मौसम विभाग की मानें तो दो घंटे के भीतर 94.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। बारिश से इस साल का सारा रिकार्ड धो दिया। सावन के पहले झमाझम बारिश से धान की फसल को जीवनदान मिला।
मुसीबत बढ़ा सकती है नेपाल की बारिश
पिछले दो दिनों से नेपाल में हो रही बारिश से मुसीबत बढ़ सकती है। इसको लेकर जिला प्रशासन भी तैयारी में जुटा रहा। नेपाल में बारिश होने के करीब 48 घंटे बाद नदियों का पानी बढ़ने लगता है। रोहिन, राप्ती, घाघरा सहित कई नदियां उफना जाती हैं। ऐसे में नदी के आसपास एरिया में बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है। फ्राइडे को सुबह आठ बजे तक घाघरा नदी में एक सेमी प्रति घंटे का बढ़ाव दर्ज किया गया। कुआनो, राप्ती, रोहिन सहित अन्य नदियों की चाल सामान्य बताई गई। आपदा राहत से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल सभी नदियां खतरे के निशान से काफी नीचे हैं। लेकिन लगातार बारिश होने पर बाढ़ की आशंका बढ़ सकती है। ऐसे में बाढ़ से निपटने की तैयारी की जा रही है। नेपाल में बारिश का असर अभी नदियों में नजर नहीं आ रहा है। लेकिन इस पर नजर रखी जा रही है। बाढ़ की आपदा को देखते हुए अलर्ट किया गया है। गौतम गुप्ता, परियोजना प्रबंधक, जिला आपदा राहत केंद्र, गोरखपुर