बस अड्डे से कोविड हेल्प डेस्क गायब
नंबर गेम
गोरखपुर रीजन कुल बसें: 770 चल रही बसें: 600 सरेंडर बसें: 54 गोरखपुर डिपो निगम की बसें: 84 संचालित बसें: 55 दिल्ली के लिए: 08 लखनऊ के लिए: 16 कानपुर के लिए: 04 वाराणसी के लिए: 06 प्रयागराज के लिए: 06 पैसेंजर्स की संख्या: 25 हजार -रेलवे बस स्टेशन और राप्तीनगर बस स्टेशन पर बनाया गया था कोविड हेल्प डेस्क, लेकिन मिला सिर्फ बैनरGORAKHPUR: कोरोना अभी गया नहीं है। लेकिन लोग इसके कहर को फिर से भूलने लगे हैं। गोरखपुर में दोनों बस अड्डों पर कोविड हेल्प डेस्क का हाल देखने के बाद तो ऐसा ही लगता है। शुक्रवार को दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट रियलिटी चेक में जो सच्चाई सामने आई उसने परिवहन निगम के सारे दावों की पोल खोल दी। आलम यह रहा कि कोविड हेल्प डेस्क का बैनर तो दिखा, लेकिन हेल्प डेस्क पर एक भी कर्मचारी तैनात नजर नहीं आया। दोनों ही जगहों पर पैसेंजर्स कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते नजर नहीं आए।
जारी हुई थी गाइडलाइनकोरोना कफ्र्यू खत्म होने के साथ ही रोडवेज यात्रियों को सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचाने के लिए शासन ने अलग से गाइडलाइन जारी की थी। इसमें प्रमुख रूप से बस स्टेशन पर कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना कर यहां पैसेंजर्स की एंटीजन किट से कोविड जांच, थर्मल स्क्रीनिंग, सेनेटाइजर की व्यवस्था करने के निर्देश दिए थे। साथ ही संदिग्ध लक्षण वाले लोगों को रिकॉर्ड दर्ज करने की बात कही थी। इसके अलावा दो गज की दूरी और मास्क को भी बसों के साथ ही बस स्टेशन और ऑफिसों में अनिवार्य किया गया था। लेकिन शासन के निर्देश गोरखपुर डिपो के रेलवे बस स्टेशन और राप्तीनगर डिपो के कचहरी बस स्टेशन पर हवा-हवाई नजर आए।
बैनर मिला, पालन कराने वाले नहीं शासन की गाइडलाइंस का कहीं भी पालन होता नजर नहीं आया है। बस स्टेशन पर कोविड हेल्प डेस्क बना है, लेकिन यहां भी कर्मचारी नजर नहीं आए। इतना ही नहीं बस स्टेशन परिसर में बिना मास्क और बिना सोशल डिस्टेंसिंग बड़ी संख्या में यात्री बैठे हुए नजर आए। लेकिन उन्हें टोकने वाला कोई जिम्मेदार नजर नहीं आया। पैसेंजर्स के अलावा कई ड्राइवर-कंडक्टर और कर्मचारी भी बिना मास्क के ही बस स्टेशन पर घूमते हुए दिखाई दिए। बिना रोक-टोक बस में बैठ रहे यात्रीरोडवेज बस में यात्रा करने के लिए मास्क अनिवार्य है। बिना मास्क यात्री बस में बैठ ही नहीं सकते हैं। बस में प्रवेश से पूर्व पैसेंजर्स के हाथों को सेनेटाइज कराना होता है। मास्क की जांच एवं पैसेंजर्स को सेनेटाइजर देने की जिम्मेदारी ड्राइवर्स और कंडक्टर्स को सौंपी गई हैं। यह भी अपने जिम्मेदारी का पालन नहीं कर रहे हैं। बिना किसी रोक-टोक यात्री बसों में आसानी से यात्रा कर रहे हैं।
वर्जन बस स्टेशन पर कोविड प्रोटोकाल का पालन कराया जा रहा है। कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना की गई है, लेकिन कर्मचारियों की कमी के चलते मुश्किल हो रही है। कर्मचारियों की कमी दूर होते ही उन्हें ड्यूटी पर लगाया जाएगा। -पीके तिवारी, आरएम गोरखपुर रीजन