एक दौर था जब सिटी की सड़कों पर आए दिन खुलेआम हत्या और लूट की वारदात को अंजाम दिया जाता था इन वारदातों को अंजाम देने वालों में सबसे अधिक संख्या युवाओं की होती थी


गोरखपुर (ब्यूरो)। एक दौर था, जब सिटी की सड़कों पर आए दिन खुलेआम हत्या और लूट की वारदात को अंजाम दिया जाता था, इन वारदातों को अंजाम देने वालों में सबसे अधिक संख्या युवाओं की होती थी, लेकिन बदलते वक्त के साथ अब क्राइम का ट्रेंड बदल चुका है। आजकल यूथ में साइलेंट क्राइम को अंजाम दे रहे है, एक्सपर्ट भी नहीं पकड़ पा रहे हैं। इनमें ज्यादातर युवा डार्क एप के माध्यम से साइबर क्राइम को अंजाम दे रहे हैं, जो साइबर एक्सपर्ट के लिए सिरदर्द बने हुए हैं। केस- 1


पिपराइच इलाके के रहने वाले धर्मेश उपाध्याय के खाते से जालसाजों ने 14 लाख रुपए उड़ा दिए। उनकी शिकायत पर पुलिस केस दर्ज कर जांच कर रही है। उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक के कस्टमर केयर पर कॉल किया। कस्टमर केयर के टेलीकॉलर ने दूसरा नंबर नोट करा दिया। इसके बाद धर्मेश ने कस्टमर केयर के टेलीकॉलर द्वारा बताए गए नंबरों पर कॉल किया। कॉल उठाने वाले ने क्रेडिट कार्ड की जानकारी देने के बजाय धर्मेश की पर्सनल डिटेल पूछी गई और उनके खाते से 14 लाख रुपए उड़़ा दिए।केस- 2

शाहपुर एरिया के एक रिटायर्ड इंस्पेक्टर को एक अननोन नंबर से कॉल आया था। कॉलर ने खुद को ट्रेजरी अफसर बताकर फोन किया। कहा कि इस समय सभी कार्यालय बंद चल रहे हैं। ऐसे में आपकी पेंशन ऑनलाइन खाते में जाएगी। वेरिफिकेशन को लेकर उसने नाम, डेट ऑफ बर्थ, पुलिस भर्ती की तिथि सहित अन्य कई जानकारियां दीं। थोड़ी देर बाद उसने कहा कि मोबाइल पर कुछ नंबर गया होगा। वह नंबर बताते ही खाते से दस लाख रुपये कट गए।केस- 3शाहपुर के मेडिकल रोड के रहने वाले अमित कुमार से जालसाजों ने एक लाख रुपए ऐंठ लिए। ऑनलाइन शॉपिंग साइट पर उन्होंने गूगल से नंबर निकाल कर कॉल किया। फोन नहीं लगा, लेकिन कुछ दूर बाद ही एक फोन आया और उसने खुद को ऑनलाइन शॉपिंग का कर्मचारी बताया। बातचीत में उसने एक लिंक भेजा। जिस पर टच करने के बाद कोड आया और उसे उसने पूछा। इसके बाद ही खाते से कई बार में एक लाख रुपए निकाल लिए गए।ऐसे करते है ऑनलाइन ठगी - क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड के नाम पर- रुपये डबल करने का लालच देकरलोन दिलाने के नाम पर- ओएलएक्स पर सामान खरीद-बिक्री करने के नाम पर- फर्जी कॉल से गोपनीय जानकारी लेकरइंश्योरेंस में ज्यादा लाभ दिलाने के नाम पर- बिजली बिल जमा करने के नाम पर

- मोबाइल में एप डाउनलोड करा कर- मकान किराया पर लेने के नाम पर- गाड़ी की खरीद-बिक्री के नाम परसाइबर क्राइम से ऐसे बचें- अनजान लिंक पर कभी भी क्लिक कर उसे ओपन न करें- अनजान वेबसाइट से दूरी बनाएं- कभी भी अपना पर्सनल डिटेल कहीं भी शेयर न करें- कंप्यूटर या फोन पर कभी भी थर्ड पार्टी ऐप या सॉफ्टवेयर इंस्टाल न करें- ऑनलाइन स्कीम, लॉटरी या गिफ्ट के मैसेज पर भरोसा न करें- पब्लिक वाईफाई का प्रयोग न करें- बैंक से फोन कर जानकारी लेने वाले कॉल को न अटेंड करें- बैंक और यूपीआई से संबंधित कोई भी जानकारी किसी से शेयर न करें- ओटीपी शेयर न करेंक्राइम का ट्रेंड बदला है। अब साइबर क्राइम ज्यादा हो रहे हैं। बड़ी संख्या में युवा साइबर क्राइम में शामिल रह रहे हैं। हर दिन ऐसे मामले आ रहे हैं जिसमें साइबर ठगी हो रही है। उपेंद्र सिंह, साइबर एक्सपर्ट साइबर थाना

Posted By: Inextlive