मौसम में बदलाव के साथ-साथ यंगेस्टर में सांस फूलने की प्रॉब्लम बढऩे लगी है. यह प्रॉब्लम सबसे अधिक यंगस्टर्स में देखने को मिल रही है. ये हार्ट अटैक की वजह बन रही है. सीढ़ी चढऩे पर सांस फूलने को नजरअंदाज करने वाले 20 से 35 साल के लोग हार्ट अटैक के शिकार हुए हैं. इसमें से 70 परसेंट यूथ सिगरेट बीड़ी या किसी न किसी रूप में धूम्रपान का यूज करते थे.

गोरखपुर: बीआरडी मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक में पहुंच रहे हार्ट अटैक के पेशेंट्स में ज्यादातर की उम्र 20 से 35 के बीच है। अधिक उम्र के ज्यादातर लोगों में निमोनिया या क्रानिक आब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) मिली। डॉक्टर्स के मुताबिक मौसम में बदलाव, धुआं वाले स्थानों पर ज्यादा रहना व सिगरेट पीना इसका मुख्य कारण है। जब हार्ट ब्लड को ठीक से पंप नहीं कर पाता तो संचार प्रणाली में तरल पदार्थ उत्पन्न होते हैं, जो फेफड़ों में जमा होने लगते हैं। इससे सांस फूलने लगती है।

डॉक्टर्स से करें संपर्क


विशेषज्ञों का कहना है कि आम आदमी यह निर्णय नहीं ले सकता कि सांस निमोनिया, सीओपीडी की वजह से फूल रही है या हार्ट के ठीक से काम न करने की वजह से। इसलिए जब भी सांस फूलने की दिक्कत आए तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा कि दिक्कत कहां से है और उसका तत्काल इलाज शुरू हो जाएगा। इससे सावधान रहने की जरूरत है।

सीढ़ी चढऩे पर सांस फूलने, आंखों के सामने अंधेरा छाने व चक्कर आने पर तत्काल हार्ट के पेशेंट को विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए। ये हार्ट अटैक के लक्षण हो सकते हैं। इसलिए सावधानी जरूरी है।
डॉ। आसिफ शकील, हृदय रोग विशेषज्ञ

मौसम बदलने के साथ ही हार्ट अटैक के पेशेंट्स की संख्या भी बढ़ी है। इसमें सबसे अधिक 20 से 35 एज ग्रुप के हैं। इससे अधिक उम्र के ज्यादातर लोगों में निमोनिया व सीओपीडी पाई जा रही है।
डॉ। धीरज गौरव, हृदय रोग विशेषज्ञ, बीआरडी मेडिकल कॉलेज

Posted By: Inextlive