हर साल की तरह इस साल भी मौसम काफी मेहरबान है शहर के कई जल भराव की समस्या है व गोरखपुर की कई नदियां अपने उफान पे है. वही शहर से सटे बंधे व गावं के इलाके भी प्रभावित है.

गोरखपुर: इस समय थोडी सी लापरवाही से कई लोगो की जान जा सकती है। इसमे ज्यादातर यूथ यंग लडकों ही है जो नदी व तालाब मे नहाने जाया करते इनमे से कई ऐसे होते है जिनको तैरना भी नही आता है वो बाकियों को देख कर जोश - जोश मे नदी मे छलांग मार देते है। जिससे कई बार नदी मे डूब कर उनकी जान तक चली जाती है। साथ-ही बारिश का मौसम होने की वजह से व गोरखपुर का इलाका तराई क्षेत्र होने की वजह से नदी , तालाब मे जलस्तर काफी बढा है। जिसके कारण डूबने खतरा ज्यादा रहता है।

युवा बन रहे शिकार , मोबाइल की लत से कमजोर हो रही उनकी याददाश्त
मोबाइल और इंटरनेट ने हमारे जीवन को आसान तो बना दिया है, लेकिन इनका अत्यधिक उपयोग, खासकर बच्चों के लिए, चिंता का विषय बन गया है मोबाइल का लगातार इस्तेमाल बच्चों की याददाश्त कमजोर कर रहा है और उनके शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचा रहा है यह जरूरी है कि हम बच्चों को मोबाइल के नुकसानों के बारे में जागरूक करें और उन्हें किताबें पढऩे, खेलनें में शामिल करें मोबाइल के उपयोग को कम करके और बच्चों को स्वस्थ आदतें सिखाकर हम उन्हें एक बेहतर कल दे सकते हैं

अत्यधिक फोन उपयोग और स्क्रीन टाइम के कारण बच्चों में मेमोरी लॉस की समस्या तेजी से बढ़ रही है पहले यह समस्या बुजुर्गों में देखी जाती थी, लेकिन अब मोबाइल और गैजेट्स के अधिक उपयोग के कारण बच्चे भी इसके शिकार हो रहे हैं लगातार स्क्रीन देखने से नींद की कमी, मानसिक थकान और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई जैसी समस्याएं पैदा होती हैं जो दिमाग को प्रभावित करती हैं इस तरह के लगातार तनाव और मस्तिष्क पर बोझ के कारण बच्चों में डिमेंशिया जैसे लक्षण भी देखने को मिल रहे हैं, जिसे डिजिटल डिमेंशिया भी कहा जाता है यह एक गंभीर समस्या है जिसके लिए हमें तत्काल उपाय करने की आवश्यकता है

मोबाइल यूज के साइडइफैक्ट
याददाश्त कमजोर होना लगातार स्क्रीन समय के कारण बच्चों का ध्यान भटकता है। जिससे वे पढ़ाई और अन्य कामों पर ध्यान नहीं दे पाते इससे उनकी याददाश्त कमजोर होती है और वे चीजें जल्दी भूल जाते हैं


नींद की कमी मोबाइल की रोशनी नींद के पैटर्न को रोकती करती है, जिससे बच्चों को नींद नहीं आती है नींद की कमी से बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास पर असर होता है।

आंखों की समस्याएं मोबाइल की नीली रोशनी आंखों को नुकसान पहुंचाती है, जिससे आंखों में सूजन, जलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं

मोटापा मोबाइल के उपयोग के कारण बच्चे शारीरिक गतिविधियों से दूर होते हैं, जिससे मोटापे का खतरा बढ़ जाता है

मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव अधिक मोबाइल यूज से चिंता, तनाव जैसी मानसिक समस्याएं हो सकती हैं

मोबाइल पर अधिक टाइम देने के कारण बच्चों के आउट डोर गेम मे कमजोर होते है ंवे दूसरों के साथ बातचीत करने से बचते है साथ ही कॉफिडेन्ट फील नही करते हैं

Posted By: Inextlive