गोरखपुर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर की नियुक्ति प्रक्रिया में जल्द ही बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. यहां बिना पीएचडी किए लोगों को भी प्रोफेसर बनने का मौका मिलेगा.

गोरखपुर: इसके लिए प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस की तैनाती की जाएगी। यूनिवर्सिटी के कार्य परिषद से पहले ही इस प्रस्ताव को अपू्रवल मिल चुका है।

एकेडमिक तौर पर समृद्ध


दरअसल, यूनिवर्सिटी में पढऩे वाले छात्र एकेडमिक तौर पर तो काफी समृद्ध होते हैं। लेकिन पढ़ाई पूरी करने के बाद रोजगार के लिए उन्हें भटकना पड़ता है। इसकी वजह इंडस्ट्री के अनुभवी लोगों द्वारा प्रशिक्षण न मिल पाना है। वहीं, बाहर से किसी एक्सपर्ट को बुलाने पर वह लिमिटेड समय में कोरम पूरा करने भर की ही ट्रेनिंग दे पाते हैं। इसी समस्या के मद्देनजर यूनिवर्सिटी प्रशासन ने प्रोफेसर्स की भर्ती में यह बड़ा बदलाव करने का निर्णय लिया है।

फील्ड एक्सपट्र्स की तैनाती


यूनिवर्सिटी के स्टूडेट्स को इंडस्ट्री के हिसाब से ट्रेंड करने के लिए फील्ड के एक्सपर्ट्स को प्रोफेसर के तौर पर तैनाती दी जाएगी। इसके लिए अनुभवी व अपने फील्ड में महारत हासिल करने वाले लोगों को मौका दिया जाएगा। इन एक्सपर्ट़्स की जिम्मेदारी होगी कि वे छात्रों को इंडस्ट्री की वर्तमान मांग के मुताबिक ट्रेंड करें।

बढ़ेेंगे रोजगार के मौके


प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस की तैनाती के बाद छात्रों को एकेडमिक नालेज के साथ ही इंडस्ट्री में काम करने के लिए जरूरी ट्रेनिंग कैंपस में ही मिल जाएगी। जिससे उन्हें अपने ऊपर काम करने का अधिक मौका मिलेगा। आवश्यक ट्रेनिंग कैंपस में ही मिल जाने से छात्रों को बेहतर रोजगार के मौके भी अधिक प्राप्त होंगे।

यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस की नियुक्ति के लिए प्राविधान किया गया है। इसके लिए इंडस्ट्री का अनुभव रखने वाले लोगों को मौका दिया जाएगा। इससे कैंपस में पढ़ाई के दौरान ही छात्रों को आवश्यक ट्रेनिंग मिल जाएगी व अधिक संख्या में बेहतर रोजगार का मौका मिलेगा।
प्रो। पूनम टंडन, वीसी

Posted By: Inextlive