जिले में बिना डिग्री वाले डॉक्टर जान ले रहे हैं लेकिन इन पर विभागीय लगाम नहीं लग पा रही. ऐसे में झोलाछाप विभागीय साठगांठ से किसी न किसी एमबीबीएस डॉक्टर के नाम पर अवैध हॉस्पिटल खोल दे रहे. 5 दिन पहले सीएमओ की ओर से गठित पांच सदस्यीय टीम गोपनीय जांच कर रही है. कमेटी में कौन है? जांच कहां तक पहुंची? अभी भी रहस्य बना हुआ है.


गोरखपुर (ब्यूरो)।अभी तक कोई फाइडिंग सामने नहीं है। सीएमओ ऑफिस स्टाफ के कथित संरक्षण में अवैध हॉस्पिटल्स का कारोबार और उनके खिलाफ हो रही जांच ठंडे बस्ते में है। रजिस्ट्रेशन में हेर-फेर विवाद में अगर ऐसे हॉस्पिटल बंद हो जा रहे हैंं, तो उनके नाम पर हेर-फेर कर दूसरे नाम से रजिस्ट्रेशन करा ले रहे हैं। इसके बाद फिर से इस धंधे को शुरू कर दे रहे हैं। इसकी वजह से मरीज की जान तक चली जा रही है। यह हम नहीं कह रहे हैं पिछले दिनों सत्यम हॉस्पिटल में गर्भवती महिला की मौत के बाद मामले का खुलासा हुआ। अलग-अलग नामों से हॉस्पिटल बिना रजिस्ट्रेशन के चलाया जा रहा था। गोपनीय जांच का दावा


जानकारी के अनुसार सीएमओ ऑफिस में प्राइवेट हॉस्पिटल, नर्सिंग होम, क्लीनिक, डायग्नोस्टिक और पैथोलॉजी सेंटर के रजिस्ट्रेशन की पांच सदस्यीय टीम गोपनीय जांच कर रही है। विभागीय अफसरों का कहना है, जांच टीम का नाम गोपनीय रखा गया है। ताकि जांच के दौरान किसी प्रकार की सिफारिश न आए। इतना ही नहीं जांच में किसी प्रकार का व्यवधान न हो। इसलिए हेल्थ डिपार्टमेंट के वरिष्ठ अफसर खुद ही निगरानी कर रहे हैं।

रजिस्ट्रेशन की जांच गोपनीय तरीके से कराई जा रही है, ताकि जांच के दौरान किसी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न ना हो सके। जांच टीम रिपोर्ट तैयार कर रही है। जल्द ही रिपोर्ट संबंधित अधिकारी को सौंप दी जाएगी। डॉ। एके सिंह, डिप्टी सीएमओ

Posted By: Inextlive