हमारी प्राचीन संस्कृति में लोग बीमारियों से बचाव व उपचार के लिए विभिन्न तरह के औषधीय पौधों का प्रयोग करते रहे हैं. आसान उपलब्धता के लिए लोगों ने इसे अपने घरों में भी लगाया है. वहीं बीते सालों में व्यापक स्तर पर फैले कोरोना संक्रमण के बाद सिटी में औषधीय पौधों की मांग काफी बढ़ गयी है. विशेष तौर पर वे पौधे जिनसे रोग प्रतिरोधी क्षमता का विकास होता है.

सिटी के राजकीय उद्यान में व्यापक स्तर पर औषधीय पौधों की नर्सरी तैयार की गई है। जहां से पौधे खरीदना गोरखपुराइट्स को खूब भा रहा है। कोरोना कॉल से ही यहां करीब 25 से 30 लोग पर डे तुलसी, आंवला, नीम, एलोवेरा और अश्वगंधा जैसे पौधों को खरीदने के लिए पहुंच रहे हैं।

नीम की मांग अधिक


राजकीय उद्यान पहुंचने वाले लोग अन्य पौधों के साथ ही नीम के पौधे की भी खरीदारी कर रहे हैं। यहां पौधा बेचने वाले एक कर्मचारी ने बताया कि नीम की पत्तिया सांस संबधी बीमारियों के साथ ही इम्यूनिटी को इम्प्रूव करने का काम करती हैं। डेली करीब 15 नीम के पौधों की बिक्री होती है।

कारगर है तुलसी


राजकीय उद्यान के कर्मचारी रमेश ने बताया कि सर्दी जुकाम की बीमारी में तुलसी की पत्ती काफी फायदेमंद होती हैं। उन्होने कहा कि डेली दर्जनों लोग तुलसी का पौधा खरीदने के लिए आते हैं। तुलसी की पत्तियों को चबाने और चाय में डालकर पीने से सर्दी खासी जुकाम में राहत मिलती है। इसका सांस्कृतिक महत्व भी है इसे लोग घर के आंगन में लगाने के लिए पौधा खरीदते हैं।

वजन घटाने में मदद


औषधीय पौधे में एक महत्वपूर्ण स्थान आंवले का भी है। राजकीय उद्यान पहुंचने वाले ग्राहकों में एक बड़ी संख्या आंवला खरीदने वालों की भी है। आंवले का प्रयोग करने से इम्यूनिटी बढऩे के साथ-साथ वजन घटाने में भी मदद मिलती है।

इन पौधों की मांग
पौधा दाम
हरश्रृंगार-10
तुलसी- 10
गुडमार- 20
आंवला- 30
एलोवेरा- 20
सतावरी-20
अश्वगंधा- 30
गिलाए- 45
नीम- 10

कोरोना से ही लोगों में औषधीय पौधे की मांग बढ़ गई है। लोग इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए इनकी पत्तियों को चबाने के साथ चाय के साथ प्रयोग करते हैं। राजकीय उद्यान में उपलब्ध औषधीय पौधों को खरीदने के लिए डेली 25 से 30 लोग आते हैं। ज्यादा मांग वाले पौधे का उत्पादन उसी अनुसार किया जाता है।
शशि मूरारी पांडेय, सहायक उद्यान निरीक्षक

मेरे पिता को कोरोना हुआ था, औषधीय पौधे से उनके स्वास्थ्य में काफी सुधार हुआ। उसी समय से पूरा परिवार औषधीय पत्तों का इस्तेमाल करता है।
राहुल कुमार, पैडलेगंज

मेरे शरीर में बार-बार रैशेज और खुजली की समस्या हो रही थी, डॉक्टर की दवा से आराम नहीं मिला। औषधीय पौधों से राहत मिली तो राजकीय उद्यान से नीम के दो पौधों को घर के पास लगाया।
प्रीती सिंह, तारामंडल

Posted By: Inextlive