Gorakhpur News : निशाने पर ट्रॉप-10 गुण्डे, नए साल में पुलिस पकड़ेगी... गोरखपुर के मुख्तार
गोरखपुर (ब्यूरो)।इसी तर्ज पर अब गोरखपुर के मुख्तार यानी टॉप क्लास माफिया और बदमाशों की लिस्ट बन चुकी है। नए साल से ऑपरेशन शिकंजा के तहत मुकदमे की पैरवी तेज कर पुलिस अब जिले के लिस्ट में शामिल बड़े माफिया और बदमाशों को जल्द सजा दिलाएगी। प्रदेश में गोरखपुर ने बनाया रिकॉर्डऑपरेशन शिकंजा के तहत अपराधियों को सजा दिलाने में गोरखपुर प्रदेश में नंबर वन पर है। इधर लगातार ऑपरेशन शिकंजा के तहत हत्या, रेप, हत्या का प्रयास, दहेज हत्या समेत अन्य मुकदमों में पुलिस और अभियोजन अधिकारियों द्वारा पैरवी तेज कर आरोपियों को सजा दिलाई गई है। बदमाशों पर लगातार हो रही कार्रवाई
इधर गोरखपुर पुलिस ने 100 से अधिक बदमाशों पर गैंगेस्टर एक्ट लगाया है। वहीं, नए बदमाशों की हिस्ट्रीशीट भी खोली जा रही है। बदमाश और माफिया दुबारा अपराध की दुनिया में सिर ना उठा सके इसके लिए पुलिस उन्हें आर्थिक रूप से कमजोर कर उनकी कमर तोड़ रही है। गोरखपुर में 10 माह में हुईं सजासजा के प्रकार केस अपराधीआजीवन कारावास 44 106
20 साल की सजा 01 0110 साल की सजा 32 48सात साल की सजा 21 447 साल से कम की सजा 110 155टोटल 208 354जिले के टॉप टेन बदमाशों की लिस्ट
जिले के टॉप-10 बदमाशों की लिस्ट में पहले नम्बर पर झंगहा क्षेत्र का एक लाख का इनामी राघवेन्द्र यादव है। उस पर तीन मुकदमे दर्ज हैं। एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या कर वह फरार है। दूसरे नंबर पर बेलघाट क्षेत्र का शैलेन्द्र प्रताप सिंह है। तीसरे नंबर पर गुलरिहा का राकेश यादव है। चौथे नंबर पर बांसगांव क्षेत्र का राधेश्याम यादव उर्फ राधे का नाम है। पांचवें नंबर पर कैंट क्षेत्र का सत्यब्रत राय है। छठवें नम्बर पर सुभाष शर्मा का नाम है। सातवें नम्बर पर अजीत शाही का नाम है। आठवें नम्बर पर प्रदीप सिंह का नाम है। प्रदीप पर 51 मुकदमे हैं। नौवें नम्बर पर सुधीर सिंह का नाम है। सुधीर पर 27 मुकदमे हैं। वह पिपरौली का ब्लॉक प्रमुख है। दसवें नम्बर पर विनोद उपाध्याय का नाम है। विनोद जमानत पर है उसके खिलाफ 27 मुकदमे हैं।ऑपरेशन शिकंजा के तहत इधर लगातार पीडि़त पक्ष को इंसाफ मिल रहा है। कई मुकदमे जो पेंडिंग थे। उनकी अभियोजन अधिकारी और पुलिस पैरवी तेज कर आरोपियों को सजा दिला रहे हैं। अब गोरखपुर के बड़े माफिया और बदमाश हैं, उनके मुकदमें कोर्ट में तेज चले इसकी पैरवी की जाएगी। जिससे उन्हें सजा मिल सके।अखिल कुमार, एडीजी जोन