अश्लील डांस मामले में कड़ी कार्रवाई का दावा करने वाला एम्स प्रशासन बैकफुट पर आता दिख रहा है. एक सप्ताह पहले गठित दंड निर्धारण समिति की रिपोर्ट मिली या रिपोर्ट मिलने के बाद भी क्या कार्रवाई अमल में ले आई गई इसके बारे में कोई बताने वाला नहीं है.

गोरखपुर:
कार्रवाई की आशंका में परिसर में सब कुछ व्यवस्थित हो रहा था लेकिन अब देर से फिर मनमर्जी बढऩे लगी है। देर रात मेडिकल छात्र परिसर से बाहर जाने लगे हैं। इसे लेकर लोग इंटरनेट मीडिया पर भी सवाल उठाने लगे हैं। मामला सामने आने के बाद एम्स प्रशासन ने जांच शुरू कराई थी। तीन जूनियर डाक्टरों और तीन इंटर्न डाक्टरों पर कार्रवाई की चर्चा थी। तीनों जूनियर डाक्टर कुछ दिनों तक एम्स में दिखे भी नहीं थे। अब वह फिर एम्स में काम कर रहे हैं।

यह है मामला


एक इंटर्न डाक्टर की 23 सितंबर को जन्मतिथि थी। उसने इसे भव्य तरीके से मनाने का निर्णय लिया था। एम्स थाना के बगल में एक मैरिज हाल में समारोह का आयोजन किया गया था। वाट््सएप पर आमंत्रण कार्ड भेजा गया था। समारोह में दो सौ से ज्यादा एम्स के मेडिकल छात्र-छात्राएं, इंटर्न डाक्टर और जूनियर डाक्टर शामिल हुए थे। छात्राएं तो थोड़ी देर में वापस चली गईं लेकिन बाकी लोग देर रात तक मौजूद रहे। आरोप है कि ज्यादातर ने शराब पी और आपत्तिजनक तरीके से डांस किया।

यह कहा था एम्स प्रशासन ने


एम्स प्रशासन की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि, एम्स गोरखपुर अपने सभी स्टाफ और छात्रों के लिए उच्चतम स्तर की व्यावसायिकता के मानकों का पालन करता है। इस घटना की पूरी जांच के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा। समिति की रिपोर्ट के आधार पर इसमें शामिल लोगों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। एम्स गोरखपुर स्पष्ट करता है कि इस प्रकार का व्यवहार अस्वीकार्य है और इसे गंभीरता से लिया जाएगा। एम्स गोरखपुर मरीजों की देखभाल, व्यावसायिकता, और अनुशासन जैसे अपने मूल्यों को बनाए रखने के लिए पूरी तरह से समर्पित है। इन घटनाओं को संस्थान की प्रतिष्ठा और अखंडता को बनाए रखने के लिए गंभीरता से लिया जा रहा है। इसके बाद आरोप तय करने की बात कहते हुए दंड निर्धारण समिति का गठन किया गया। इसकी रिपोर्ट रविवार तक आने की बात कही जा रही थी। रविवार, सोमवार और मंगलवार को कार्यकारी निदेशक (ईडी) व मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) प्रो। अजय ङ्क्षसह एम्स में मौजूद थे। माना जा रहा था कि कार्रवाई की जाएगी लेकिन कुछ नहीं हुआ। हालांकि चेयरमैन देशदीपक वर्मा ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।


अनुशासन हो रहा तार-तार


गोरखपुर: एम्स गोरखपुर की तत्कालीन ईडी प्रो। सुरेखा किशोर ने परिसर से छात्रों के बाहर निकलने के समय को लेकर प्रतिबंध लगाए थे। तब छात्रों ने आंदोलन करते हुए परिसर से बाहर निकलकर कैंट थाने में ईडी के खिलाफ तहरीर देते हुए डीएम आवास के सामने प्रदर्शन किया था। बाद में तय हुआ कि छात्र रात 11 बजे बाद परिसर से बाहर नहीं जाएंगे। उनके रहने तक सख्ती रही। तब छात्र सिर्फ गेट नंबर एक से बाहर आ और जा सकते थे। उनका पूरा ब्योरा रजिस्टर में दर्ज किया जाता था। इसके बाद यह व्यवस्था ध्वस्त हो गई। अब कोई इसे देखने वाला नहीं है। जिसकी जब मर्जी हो रही है, आ-जा रहा है।
अनुशासनात्मक समिति मामले की जांच कर रही है। समिति जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
डा। अरूप मोहंती, मीडिया प्रभारी, एम्स गोरखपुर

Posted By: Inextlive