वर्तमान में बंगलुरु सिटी भीषण पानी की समस्या से जूझ रही है. यहां पानी का श्रोत खत्म होने की कगार पर है जिसका सबसे बड़ा कारण जल का दोहन है.


गोरखपुर (ब्यूरो)। डेवलपमेंट के नाम पर जिस तरह से बंगलुरु में पानी की बर्बादी की गई। अब इसका भुक्तभोगी वहां के शहरवासी हो रहे है। लोग पानी के लिए तरस रहे हैं। ऐसे में अगर समय रहते हम सचेत नहीं हुए तो बंगलुरु जैसे हालात यहां भी हो जाएगी। वहीं, गर्मी आते ही पानी का संकट गोरखपुर सिटी में भी गहरा जाता है। इस समस्या से मानसून के बाद ही लोगों को निजात मिलता है। हालांकि, अभी सिर्फ यह एक चेतावनी है, जो प्रकृति हमें दे रही है। ऐसे में अगर हमने पानी का दोहन बंद नहीं किया तो आने वाले दिनों में बंगलुरु जैसे हालात यहां भी हो जाएंगे। हमें आने वाली पीढिय़ों के लिए पानी का इंतजाम करना है। ऐसे में पानी बचाना सभी की जिम्मेदारी है। इसके लिए हम नहीं 'मैं की भावना के साथ काम करना होगा।


बुधवार को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की मुहिम 'पानी बड़ी चीज है पर गु्रप डिस्कशन का आयोजन सिविल लाइंस स्थित दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के ऑफिस में किया गया। इसमें पानी बचाने को लेकर सिटी के स्टूडेंट्स, पानी बचाने को लेकर काम कर रहे एनजीओ के साथ ही विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों ने अपनी बात रखी। इस दौरान उन्होंनेआवाह्न किया कि वह वार्ड में घर-घर जाकर महिलाओं को पानी बचाने क लिए प्रेरित करेंगे। साथ ही नुक्कड़ नाटक सहित विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों पानी बचाने के जागरूक किया जाएगा।जापान की तर्ज पर हो पानी की बचतडिस्कशन के दौरान पानी के बचत को लेकर जापान की तकनीक पर काम करने को लेकर बात रखी गई। एक्सपर्ट ने बताया कि जापान पूरी तरह से समुद्र से घिरा हुआ है। बावजूद इसके वहां पानी की कमी नहीं है। वहां पानी को बचाने के कई इंतजाम किए गए हैं। जापान कुल इस्तेमाल किए गए पानी का 80 परसेंट दोबारा इस्तेमाल हो जाता है। इससे वहां पानी की दिक्कत नहीं होती है। इस तरह की व्यवस्था अगर यहां भी लागू हो जाए तो यहां भी काफी हद तक पानी की समस्या से निजात मिल जाएगी।सिटी में विकास के नाम पर जल का दोहन हो रहा है। गांव में भी जल का दोहन हो रहा है। पानी को बचाने के लिए बारिश के पानी का सरंक्षण होना चाहिए।प्रवेश दूबे, अधिवक्ताघर में मिट्टी वाली जगह अब होती ही नहीं है, इससे बारिश का पानी नाले में बह जाता है, घर में भी बारिश के पानी को संरक्षित करने का इंतजाम करना होंगा।शिव प्रसाद शुक्ला, एनजीओ संचालक

पानी बचाने के लिए किसी की मदद न लें, हम नहीं मैं की भावना के साथ पानी को अगर बचाया जाए तो निश्चित ही पानी को बचाया जा सकता हैं।अवनीश कुमार सिंह, अधिवक्ताटंकी का पानी ओवरफ्लो होकर नाले में बह जाता है, ऐसे में हर किसी को टंकी का जो पानी बर्बाद होता है, उसे बचाने के लिए अलार्म लगाना चाहिए।सत्यदीप मिश्र, एनजीओ संचालकआने वाली पीढिय़ों को पानी बचाने के लिए प्रेरित करना होगा। ग्राउंड वाटर लेवल मेंटेन करने के लिए जलाशयों के संरक्षण की भी आवश्यक है।सार्थक शुक्ला, समाजसेवीपानी बचाने के लिए पानी की टंकी में अलार्म जरूर लगाना चाहिए। साथ ही दूसरों को भी पानी बचाने के लिए प्रेरित करना चाहिए, तभी पानी बचेगा। अंकित कुशवाहा, स्टूडेंटपानी को बचाने के लिए वाटर हार्वेस्टिंग जरूरी है। नीम, पीपल, पाकड़ जैसे पेड़ लगाए जाएं। आरओ प्लांट से पानी की खूब बर्बादी हो रही है। वेदांश सिंह, एनजीओ संचालकपानी की कमी का मुख्य कारण डेवलपमेंट है। वाटरपार्क बनाकर पानी की बर्बादी की जा रही है। नित्य में भी पानी को बचाने का प्रयास करें। नेहा मणि आर्य, पर्यावरणविद्

पानी को सेफ करने के लिए ब्रांड अंबेस्डर बनाना चाहिए। बर्तन नल से न धुलकर किसी टब में पानी लेकर बर्तन धुलें इससे पानी की काफी बचत होगी।नैना सिंह, थियेटर आर्टिस्टपानी की बर्बादी रोकने के लिए समझदार बनना होगा, क्योंकि बिना समझदारी के पानी नहीं बच सकता है। पानी के स्टोर करने पर विचार करना होगा।चंद्रशेखर झा, अधिवक्ताडेवलपमेंट जरूरी है, लेकिन पेड़ों को कटने से बचाना होगा और पेड़ भी लगाने होंगे। घरों में पानी को बचाने की व्यवस्था भी करनी होगी।अनुसिंह, समाजसेवीमशीनों का इस्तेमाल कम से कम करें, क्योंकि वाशिंग मशीन और आरओ जैसे उपकरणों से पानी की बर्बादी होती है। बच्चों को पानी की अहमियत बताएं।रश्मि रंजन, समाजसेवीपानी की बर्बादी न करें। आने वाली पीढ़ी को पानी के महत्व के बारे में बताना होगा। उन्हें बताना होगा की जल ही जीवन है, इसके बिना कुछ भी नहीं है। अनीता तिवारी, समाजसेवीपानी को बचाने के लिए सभी को आगे आना होगा। बिना पानी के कुछ भी मुमकिन नहीं है। ऐसे में पानी को बचाने के लिए लोगों को जागरूक करना पड़ेगा। आभा पांडेय, समाजसेवीकहीं भी बाहर जाएं तो पानी की बोतल घर से लेकर जाएं। बोतल में बचे पानी को फेंके नहीं बल्कि उसका इस्तेताल करें। पानी बचाना हम सभी की जिम्मेदारी है।
संकल्प प्रताप, स्टूडेंटघर की टोटियों को ठीक रखना चाहिए। क्योंकि इससे जब पानी का लिकेज होता है तो पानी बर्बाद होता है। वाटर हार्वेस्टिंग के इंतमाज करने चाहिए। फरजाना, समाजसेवीघरों से निकलने वाले पानी के लिए सोख्ता हर घर में जरूरी है। इससे भूगर्भ जल स्तर मेंटेन होगा। नाल-नालियों में पानी जाने से वह बेकार हो जाता है। इशिता मिश्रा, समाजसेवीगर्मी के दिनों में पानी की दिक्कत बढ़ जाती है। इससे लोगों को सचेत होने की आवश्यक है। अगर आज सचेत नहीं हुए तो आगे पीने के लिए भी पानी नहीं मिलेगा।सिद्धि सिंह स्टूडेंटसबसे अधिक सबमर्सिबल से पानी का दोहन हो रहा है। इस पर तत्काल सरकार को रोक लगानी चाहिए। लोगों को अवेयर करने का समय आ गया है। मीनाक्षी, चौधरी, स्टूडेंट पूछे गए ये प्रश्न1. आज हर शहर में अंडरग्राउंड वॉटर लेवल तय मानक से काफी नीचे चला गया है। आपको क्या लगता है कि इसकी सबसे बड़ी वजह क्या है?2. कई बार हम देखते हैं कि फायर हाइड्रेंट और सरकारी पाइप लाइनें टूटी रहती हैं। हजारों लीटर पानी बह जाता है। कम्प्लेंट के बाद भी कोई एक्शन नहीं होता। इस पर आपकी क्या राय हैै?3. पब्लिक प्लेसेज की बात करें, तो वहां अक्सर ड्रिंकिंग वॉटर की क्राइसिस रहती है। इस पर आपका कैसा अनुभव रहा है?4. सरकारी सिस्टम के जरिए कई बार घरों में दूषित पानी भी सप्लाई हो जाता है। जिससे कई बार गंभीर बीमारियां भी हो जाती है। इससे बचने के लिए क्या उपाय हो सकते हैं?5. आज गली-गली आरओ प्लांट और पानी बेचने वाले मौजूद हैं, जो सब-स्टैंडर्ड पानी सप्लाई करते हैं। जिनका टीडीएस तक चेक नहीं होता। सही टीडीएस का पैमाना क्या है और यह कितना होना चाहिए?6. हर घर पर आज वॉटर स्टोरेज के लिए प्लास्टिक की टंकियां मौजूद हैं। मगर, कई बार सस्ते के चक्कर में लोग सब-स्टैंडर्ड टंकियां खरीद लेते हैं। उसके अंदर की कोटिंग या पॉलिश पर ध्यान नहीं देते। तो टंकी का खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए। टंकियों की वैराइटी कैसी होनी चाहिए, ताकि ज्यादा से ज्यादा पानी की बचत हो सके? 7. वॉटर हार्वेस्टिंग और वॉटर कंजर्वेशन के लिए अगर आपके या आपकी सोसाइटी में आरडब्ल्यूए के स्तर पर कुछ प्रयास किए जा रहे हों, या कोई ऐसा आइडिया, जो आप खुद कर रहे हों। तो उसे भी बताएं, जिसे हर किसी के लिए करना संभव हो?8. कहते हैं कि हर बड़े सफर की शुरुआत एक छोटे से कदम से होती है। आपके अपने अखबार दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने पानी की बचत को लेकर जिस तरह यह अभियान चलाया है। तो ऐसा क्या किया जा सकता है कि हर दिन के हिसाब से आम आदमी भी अपना योगदान दे सके?

Posted By: Inextlive