गुलरिहा क्षेत्र में शुक्रवार को अंतर्जनपदीय गैंग के सरगना समेत तीन बदमाश पकड़े गए हैं. इनके निशाने पर एटीएम पर आने वाले बुजुर्ग और महिलाएं होती थीं जिनकी मदद करने के बहाने एटीएम बदलकर उनसे पिन कोड प्राप्त करके रुपये निकाल लेते थे.

गुलरिहा पुलिस ने गिरफ्तार किए गए बदमाशों की पहचान बांसगांव बदौली बाबू गांव निवासी सुरजीत, पिपराइच के मुंडेरी गढवा निवासी अमन शर्मा और चित्रकूट जिले के कर्वी थाना क्षेत्र के शत्रुधनपुरी लक्ष्मनपुरी निवासी इरफान के रुप में हुई। इस गैंग का सरगना सुरजीत है, जिस पर कुशीनगर में पांच और गोरखपुर में सात केस दर्ज है। इरफान पर सात कुशीनगर, तीन पीलीभीत और एक गोरखपुर में केस दर्ज है, जबकि अमन शर्मा पर तीन कुशीनगर और गोरखपुर में दो केस दर्ज है। इनके पास से पुलिस ने 20 एटीएम कार्ड, तीन मोबाइल, एक बाइक और तीन हजार रुपये बरामद किए हैं।

एसएसपी डॉ। गौरव ग्रोवर ने बताया कि 26 अगस्त को भटहट स्थित एचडीएफसी एटीएम से रुपये निकालने गए पीडि़त का कार्ड मशीन में फंस गया। एटीएम में गार्ड का नंबर लिखा था, जिसपर पीडि़त ने फोन किया तो कॉल रिसीव करने वाले ने बोला कि टेक्निशियन के आने पर कार्ड मशीन से निकल जाएगा। पीडि़त कार्ड छोड़कर चला गया। थोड़ी देर बाद उनके खाते से 30 हजार रुपये निकलने का मैसेज आया। उन्होंने पुलिस को तहरीर दी।

मदद के बहाने वारदात


पुलिस की जांच में पता चला कि एटीएम पर लिखा नंबर गार्ड नहीं बल्कि जालसाज का था, जो वहीं बगल में खड़ा होकर बात कर रहा था। इसी तरह 16 अगस्त को जालसाजों ने भटहट स्थित एटीएम से रुपये निकालने आए पीडि़त की मदद के बहाने उनका कार्ड बदल लिया। इसके बाद दूसरे एटीएम से 10 हजार रुपये निकाल लिए। दोनों ही मामले में केस दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू की, जिसमें पता चला कि एक ही तरीके से दोनों घटनाएं की गई थी। इसके बाद इस गैंग के सदस्यों की तलाश शुरू हुई।

जेल में जालसाजी की योजना


तीनों बदमाश देवरिया जेल में एक साथ बंद थे। सरगना सुरजीत को वहां बांसगांव का बदमाश सुधीर मिला था। उसने अपराध करने का नया तरीका बताया था। जुलाई में जेल से छूटने के बाद सुधीर पंजाब चल गया, जबकि सुरजीत, इरफान और अमन ने बाहर आकर जालसाजी करने लगे। कुशीनगर में इनके खिलाफ अधिक केस थे, इसलिए गोरखपुर जिले में जालसाजी करने की योजना बनाई।

20 एटीएम कार्ड बरामद


बदमाशों के पास से 20 बैंक के एटीएम मिले हैं। पुलिस ने बताया कि ये हर बैंक का एटीएम अपने अलग-अलग जेब में रखते थे। ताकि किसी से एटीएम कार्ड बदलते समय शंका न हो। गैंग का सरगना सुरजीत दिन भर जिले के एटीएम की रेकी करता था। इरफान और अमन घटना को अंजाम देते थे। इन्होंने कई एटीएम में जाकर हेल्प लाइन और गार्ड के नाम के आगे अपने नंबर लिखे थे, जिसकी जांच चल रही है।

एसएसपी की अपील
-एटीएम पर रुपये निकालते समय सावधानी बरतें।
-कोई भी अंजान या किसी व्यक्ति पर शक होने पर 112 पर सूचना दें।
-घर के बुजुर्ग या महिलाएं, जिन्हें एटीएम से रुपये निकालने में परेशानी हो उन्हें न भेजें।
-एटीएम पर अंजान इंसान से सावधान रहें।

Posted By: Inextlive