Gorakhpur News: फिल्मी कहानी, एक्टिंग और जालसाजी में है यह... 'फैमिली नंबर 1'
गोरखपुर (ब्यूरो)। जिसमें आगरा 3 लोगों की लंबी-चौड़ी शातिर फैमिली ने कई लोगों को अपना शिकार बना लिया। गोरखपुर में सिद्धार्थनगर के व्यापारियों के साथ हुई इस वारदात के बाद केस दर्ज करने के 14वें दिन ही पुलिस ने उन शातिरों की फिल्मी कहानी और जालसाजी का राज फाश कर दिया। 13 अभियुक्त अरेस्टकैंट थाने की पुलिस ने धोखाधड़ी कर नकली सोना बेचने वाली टप्पेबाजों की गैंग के पुरूष/महिला समेत 13 अभियुक्तों को अरेस्ट किया है। इस गैंग में युवा, अधेड़ और बुजुर्ग महिलाएं शामिल हैं। इस गैंग ने 7 जनवरी को सिद्धार्थनगर के व्यापारियों से रेलवे स्टेशन गोरखपुर के पास नकली सोना देकर छह लाख रुपए की टप्पेबाजी की गई थी। घटना का खुलासा करते हुए एसएसपी डॉ। गौरव ग्रोवर और एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने गैंग के बारे में विस्तार से बताया। सस्ता सोना पाने की लालच में फंसे व्यापारी
सिद्धार्थनगर के डुमरियागंज इटवा बाजार में 55 वर्षीय घनश्याम प्रसाद कसौधन अपनी पुश्तैनी फुटकर दाल की दुकान 15 साल से संभाल रहे हैं। 27 दिसंबर को अभियुक्तों में से एक रवि राय उनकी दुकान पर दाल लेने पहुंचा। आधा किलो दाल लेकर उसने घनश्याम को सोने का दाना दिखाया। रवि ने बताया कि वह मजूदरों की ठेकेदारी करता है। गोरखपुर के ट्रांसपोर्टनगर में खुदाई का काम चल रहा है, जिसमें करीब दस लाख कीमत का 3 से 400 ग्राम सोना मिला है। उसने घनश्याम को दो सोने का दाना ये कहकर दे दिया कि अगर सही लगे तो बताना सस्ते में सौदा हो जाएगा।सौ बार की मोबाइल से बातघनश्याम ने अपने सर्राफा मित्र संजय उर्फ पप्पू को सोना दिखाया। उन्होंने चेक किया तो सोना खरा निकला। फिर घनश्याम और पप्पू ने मिलकर सोना लेने का प्लान बनाया। इस बीच घनश्याम और रवि के बीच सोने के सौदे को लेकर 100 से अधिक बार मोबाइल से बात हुई। छह लाख सौदा तय हुआ। रवि ने घनश्याम को गोरखपुर रेलवे स्टेशन गेट नंबर 4 पर सोना देने के लिए बुलाया। तीन-तीन लाख लेकर पहुंचे व्यापारी
सात जनवरी को घनश्याम और पप्पू तीन-तीन लाख रुपए लेकर सिद्धार्थनगर से गोरखपुर रेलवे स्टेशन पहुंचे। यहां पर रवि ने एक माला निकाली और उसमें से दो सोने का दाना तोड़कर व्यापारियों को पकड़ाया। सर्राफा पप्पू ने उसे चेक किया तो वह असली थे। वहीं रवि के इर्द-गिर्द बुजुर्ग महिला और अन्य लोग भी जो सोना खरीदने की एक्टिंग कर रहे थे। यह सब देख व्यापारियों का विश्वास हो गया, उन्होंने अपने 3-3 लाख यानी कुल 6 लाख रुपए रवि को दिए। पैसा पाते ही रवि की स्पीड बढ़ गई उसने जल्दी, जल्दी व्यापारियों को सोने की माला पकड़ाई और उन्हें पुलिस का डर दिखाकर तत्काल निकलने के लिए कहकर खुद ऑटो से रफूचक्कर हो गया। उसके जाते ही जब व्यापारियों ने माला चेक की तो सभी दाने नकली निकले। टप्पेबाजी के शिकार व्यापारियों ने रेलवे स्टेशन पुलिस चौकी पर इसकी सूचना दी। गुजरात, आगरा और गाजियाबाद के अभियुक्तगिरफ्तार अभियुक्तों में वर्तमान में आगरा मूल पता गुजरात का किशोर, आगरा के ही हरिपाल, रवि राय, गणेश राय, जमुना देवी, रवि की पत्नी ममता, इटावा के राजाराम, राजू, बीरबल, गोविंद, गाजियाबाद के कन्हैया, चौथा देवी और हीरालाल आपस में रिश्तेदार हैं। महिला और पुरूषों का यह गैंग एक्टिंग करने में एक्सपर्ट है। इनके पास से पुलिस ने 9 किलो 885 ग्राम पीला धातू बरामद किया है। बढऩी में बनाया था अड्डायह गैंग देश में अलग-अलग जिलों में जाकर वहां किराएदार की तरह रहते हैं। यहीं से यह शातिर दूसरे जिले में जाकर टप्पेबाजी की घटना को अंजाम देते हैं। इस गैंग ने वर्तमान में बढऩी में अपना अड्डा बनाया था। यूज करते हैं की-बोर्ड वाला मोबाइल
इन टप्पेबाजों को कोई ट्रेस न कर पाए, इसके लिए सस्ता कीबोर्ड वाला मोबाइल यह यूज करते हैं। यह मोबाइल भी बात करके सिम समेत नष्ट कर देते हैं। टप्पेबाजों ने बढऩी में फर्जी आईडी तैयार की थी, जिससे बार-बार सिम खरीदते थे। अभियुक्तों को पकडऩे में इनकी अहम भूमिकाघनश्याम की शिकायत के बाद कैंट थाने की पुलिस, एसओजी और सर्विलांस सेल की टीम घटना का खुलासा करने में जुट गई। सीसीटीवी कैमरे की मदद से पुलिस टीम ने सभी अभियुक्तों को अरेस्ट कर लिया। थाना प्रभारी रणधीर मिश्रा, एसओजी प्रभारी मधुपनाथ मिश्रा, स्वाट प्रभारी मनीष कुमार यादव, चौकी इंजार्च महेश कुमार चौबे समेत पुलिस टीम की इस घटना को खोलने में अहम भूमिका रही। गैंग में शामिल हैं - 10 पुरूष, 3 महिलाएंबरामद हुआ - 9 किलो 885 ग्राम पीला धातूबरामद हुआ - 4 लाख 27 हजार रुपएघनश्याम को करनी है बेटी की शादीदाल व्यापारी घनश्याम की 5 बेटियां और 2 बेटे हैं। घनश्याम ने पुलिस को थैंक्यू बोलते हुए बताया कि उसकी पंाच बेटियां हैं। जिसमे तीन की शादी कर चुके हैं। दो बेटी की शादी इसी साल उनको करनी है। रिश्ते की बात भी पक्की हो गई है। ऐसी है मॉडस ऑपरेंडी, रहे सावधान
। खुदाई में मिला सोना बताकर सस्ते में बेचने का देते लालच। पहले कस्टमर को चेक करने के लिए देते हैं असली सोना। सौदा तय होने पर किसी अन्य जगह पर मिलने के लिए बुलाते हैं। सौदा करते समय टप्पेबाजों के ही गुर्गे आम आदमी बन मोल भाव करते। पैसा लेते समय कस्टमर के सामने ही माला से असली सोना तोड़कर फिर चेक कराते हैं । पैसा पाते हाथ में मिलते ही पुलिस का खौफ दिखाकर नकली सोना दे फुर्र हो जाते हैं