सहजनवां में पति और 2 मासूम बच्चों की चाकू से गला रेतकर जान लेने वाली घटना ने गोरखपुर में हुई पहले की चर्चित घटनाओं की याद ताजा कर दी है.


गोरखपुर (ब्यूरो)।गोरखपुर के शाहपुर में एक महिला ने प्रेमी के साथ मिलकर पति और बच्चे की हत्या की थी। इसी तरह बड़हलगंज एरिया में भी पत्नी ने अपने प्रेमी से पति की हत्या कराई थी। प्रेमी ने पति की हत्या कर शव के साथ सेल्फी भी ली थी। इन घटनाओं ने पति-पत्नी के पवित्र रिश्तों को शर्मसार किया था। ऐसी घटनाओं को रोकना हर बार पुलिस के लिए भी चुनौती बनती जा रही है। मनोचिकित्सकों का मानना है कि पति-पत्नी में मामूली विवाद अब बड़ा रूप लेता जा रहा है। कई मामलों में तो पहले एक दूसरे को देखना भी पसंद नहीं करते हैं। धीरे-धीरे यह दूरी बढ़ती जाती है और कोई एक बात चुभ जाती है तो रास्ते से भी हटाने से गुरेज नहीं करते हैं। केस 1 बहड़हलगंज में प्रेमी ने ली थी मर्डर की सेल्फी


बड़हलगंज निवासी गिरजेश उर्फ गोलू की पत्नी अनीता का अफेयर उसकी बहन के जेठ अमरजीत से चल रहा था। दोनों साथ रहने के लिए गिरजेश को रास्ते से हटाना चाहते थे। प्रेमिका के इशारे पर प्रेमी अमरजीत ने अपने मौसेरे भाई विशेषर पटेल और दोस्त दुर्गेश के साथ मिलकर 3 फरवरी 2023 की रात में गिरजेश उर्फ गोलू को पहले शराब पिलाई, फिर चाकू से उसका गला रेत कर हत्या कर दी। इसके बाद शव के साथ अमरजीत ने सेल्फी ली। उस सेल्फी को प्रेमिका को भी भेजी। इसमें अमरजीत के हाथ में चाकू था। गिरजेश का शव नीचे पड़ा था, उसकी गर्दन रेती हुई थी। पुलिस ने जब मृतक और उसकी पत्नी के मोबाइल का सीडीआर निकलवाया तब पूरा मामला खुल गया। केस 2 शाहपुर में अर्चना ने हथौड़े से मारकर ली थी मासूम की जान

शाहपुर के बशारतपुर, अशोकनगर निवासी इंस्पेक्टर के मकान में 21 जनवरी को बिस्तर पर ओम प्रकाश की डेड बॉडी और बगल में उनके चार साल के मासूम का शव मिला था। बच्चे के शव के पास से खून से सना एक हथौड़ा भी मिला था। पत्नी अर्चना की सूचना पर पहुंची पुलिस को इस घटना को खोलने में काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। अर्चना ने पुलिस को बताया कि रात में उसके पति लौटे तो बेटे संग सो गए। भोर में उसकी नींद खुली तो दरवाजा बाहर बंद था। उसने शोर मचाया तो कोई आवाज नहीं आई। पहली जांच में लूट की बात सामने आई। ओम प्रकाश की मां बागेश्वरी देवी की तहरीर पर पुलिस ने चेन, मोबाइल, नकदी लूट और मर्डर केस फाइल किया। तभी मां ने क्लू दिया कि उनके बेटे और बहू के ताल्लुकात ठीक नहीं थे। पुलिस ने जब सीडीआर खंगाला तो एक मोबाइल नंबर ट्रेस हुआ। लेकिन जिद्दी अर्चना न तो अपना मोबाइल फोन पुलिस को दे रही थी। न ही वह पति और बेटे के हत्या की गुत्थी सुलझाने में कोई सहयोग करने को तैयार हुई। बाद में जब पुलिस ने कड़ाई की तब अर्चना ने बताया कि उसने अपने फेसबुक फ्रेंड संग मिलकर पति और बेटे की हत्या की थी। अपनी बात को शेयर न कर पाना खुद को अकेला समझना ये बहुत बड़ी वजह है कि लोग पवित्र रिश्ते को रास्ते से हटाने की सोच ले रहे हैं। लोग अब एक दूसरे से मिलना जुलना और बातचीत करने से भी कतरा रहे हैं। ऐसे में उनके मन की बात अंदर ही रह जा रही है। उनके अंदर ऐसी प्रवृति जन्म ले रही कि उन्हें कोई पंसद नहीं करता है। प्रो। सुषमा पांडेय, पूर्व विभागाध्यक्ष, डीडीयूजीयू मनोविज्ञान विभागकुटुंब बचाने के यह जरूरी - परिवार के सभी सदस्यों को अपनी बातें रखने का अवसर दिया जाए और उन्हें सुना जाए।- डेली एक समय ऐसा जरूर हो, जब परिवार के लोग एक साथ हंसी मजाक करें।

- घर पर जाते ही पति या पत्नी मोबाइल को दूर रखें।- सीनियर्स को रोल मॉडल के रूप में आगे करें।- परिवार में बड़ों का आदर करें और बच्चों को भी सिखाएं।- शादी से पहले लड़के और लड़की की रजामंदी को भी शामिल करें।

Posted By: Inextlive