एसपीजीपीजीआई और केजीएमयू लखनऊ के बाद अब गोरखपुर एम्स में प्रदेश के तीसरा एपेक्स लैब को मंजूरी मिल गई है. एम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग को डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारी की रोकथाम के लिए एपेक्स लैब की की योजना पर मुहर लग गई है.

गोरखपुर: केंद्रिय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएफडब्लू) के तहत राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीवीबीडीसी) की पहल पर गोरखपुर एम्स में एपेक्स लैब की शुरूआत होने जा रहा है।

एम्स के कार्यकारी निदेशक प्रो। डॉ। अजय सिंह ने माइक्रोबायोलॉजी विभाग की टीम को बधाई दी। उन्होंने बताया कि गोरखपुर एम्स में प्रदेश का तीसरा संस्थान है, जहां पर डेंगू और चिकनगुनिया की हर जांच हो सकेगी। इन जांचों में मॉलिक्यूलर, डेंगू के स्ट्रेन, डेंगू और चिकनगुनिया सभी वायरस, वायरस म्यूटेशन की जानकारी लैब में हो सकेगी।

म्यूटेशन और स्ट्रेन की जानकारी


कार्यकारी निदेशक ने बताया कि इससे पूर्व इस जांच की सुविधा केजीएमयू लखनऊ और एसजीपीजीआई लखनऊ में थी। एम्स के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है। इस लैब के बनने से वेक्टर जनित रोगों की सही जानकारी पूर्वांचल में ही हो सकेगी। डेंगू और चिकनगुनिया पूरे देश में सबसे अधिक फैलने वाली बीमारी है। पूर्वांचल में इस बीमारी की वजह से बड़ी संख्या में लोग बीमार होते हैं। जिसकी सामान्य जांच ही पूर्वांचल में हो पाती है। लेकिन, वायरस के लोड से लेकर उसके म्यूटेशन और स्ट्रेन की जानकारी नहीं हो पाती। इसकी वजह से बीमारी पर अंकुश नहीं लग पाता। ऐसे में अब लैब में डेंगू और चिकनगुनिया की सभी जांच हो सकेगी तो बीमारी पर अंकुश लगाया जा सकेगा। यह लैब एसजीपीजीआई और केजीएमयू लखनऊ सहित अन्य प्रमुख संस्थानों के साथ मिलकर काम करेगा।

Posted By: Inextlive