सेंट्रल फॉरेस्ट एंड एन्वायरनमेंट मिनिस्ट्री की गाइडलाइन ने इलेक्ट्रानिक गैजेस्ट्स के लिए एक निश्चित एक्सपायरी डेट घोषित की है. गाइडलाइन के मुताबिक पांच साल में स्मार्ट फोन और लैपटॉप व 10 साल में रेफ्रिजरेटर एक्सपायर हो जाते हैं.

गोरखपुर: इसके लिए करीब दो साल पहले सिटी में पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने ई-वेस्ट का नियम लागू करने की पहल शुरू की थी। लेकिन, अब तक यह नियम लागू नहीं हो पाया है। लागू करने की कयासों के बीच गोरखपुरराइट्स को यह टेंशन सताने लगी है कि नियम अप्लाई होते ही उनकी टीवी, फ्रिज, मोबाइल और लैपटाप जैसे इलेक्ट्रानिक सामान वेस्ट हो जाएंगे।

134 इलेक्ट्रानिक सामान


सेंट्रल गवर्नमेंट ने कार, मोबाइल, लैपटॉप, टीवी, फ्रि ज, वॉशिंग मशीन, ओवन समेत 134 इलेक्ट्रानिक सामानों की एक्सपायरी डेट डिसाइड की थी। गवर्नमेंट की ओर से तय एक्सपायरी डेट के बाद इन इलेक्ट्रॉनिक सामानों को वेस्ट माना जाएगा और इनका कोई मूल्य नहीं रह जाएगा। इसके बाद इनका डिस्पोजल करना ही उचित रहेगा। इसके लिए गोरखपुर नगर निगम की ओर से वेस्ट मैनेजमेंट का सिस्टम तो तैयार कर दिया गया लेकिन पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की सुस्ती के चलते आजतक यह नियम लागू नहीं हो पाया है।

लेना होगा सर्टिफिकेट


घर में पुरानी टीवी, फ्रि ज, ओवन, वॉशिंग मशीन आदि इलेक्ट्रानिक सामान पुराना हो जाने पर उसे लोग इधर-उधर बेच देते हैं या फिर फेंक देते हैं। लेकिन गवर्नमेंट की और से डिसाइड 134 इलेक्ट्रॉनिक सामानों की अवधि समाप्त होने के बाद लोगों की इन सामानों को नष्ट कर इसका सर्टिफिकेट लेना होगा, वहीं, इसके बाद नए आइटम खरीदने पर टैक्स में रिबेट दिया जाएगा।

कंपनी की जवाबदेही


सेंट्रल फॉरेस्ट एंड एन्वायर्नमेंट मिनिस्ट्री की गाइडलाइन के मुताबिक इन सामानों की एक्सपायरी डेट खत्म होने के बाद इन्हें नुकसान पहुंचाने की जिम्मेदारी ब्रांड या कंपनी की होगी। दरअसल, ई-कचरे से निकलने वाले रसायन खतरनाक होते हैं। इसमें पारा, आर्सेनिक, सीसा, कैडमियम जैसे खतरनाक रसायन होते हैं। जो सांस, फेफड़ों के कैंसर और त्वचा की बीमारियों का कारण बनते हैं। ऐसे में कंपनियां एक समय के बाद इन सामानों को नष्ट कर देंगी।

ई-वेस्ट का नियम


एक अप्रैल 2023 से देश भर में ई-वेस्ट निपटाने का नया कानून लागू किया गया है, जो ई-वेस्ट पैदा करेगा। वही नष्ट भी करेगा, यदि किसी कंपनी ने वॉशिंग मशीन बनाई है तो 10 साल बाद जितनी वॉशिंग मशीन पहले बनाई थी। उसके 60 परसेंट हिस्से को नष्ट करने का प्रमाण पत्र देने के बाद ही उसे फिर से उत्पादन की परमिशन मिलेगी। जिम्मेदारी न उठाने वालों पर जुर्माना और जेल दोनों होगा।

प्रोडक्ट में परिवर्तन


ई-वेस्ट के नए नियम के बाद कंपनियों ने ऐसे उत्पादों को बनाना शुरू कर दिया जिनकी उम्र ज्यादा न हो। इस तरह के फ्रि ज, टीवी, वॉशिंग मशीन में ऐसा सामान इस्तेमाल होगा, जो निर्धारित अवधि के बाद इस्तेमाल के लायक नहीं बचेगा, ऐसे में ग्राहकों को मजबूरी में उन्हें ई-वेस्ट मानकर बेचना ही होगा।

एक्सपायरी के बाद क्या


अगर आपका इलेक्ट्रानिक सामान एक्सपायर होने की कगार पर है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। प्रोडक्ट की एक्सपायरी डेट बीत जाने के बाद ई-वेस्ट के निस्तारण की जिम्मेदारी ब्रांड उत्पादकों की होगी। वहीं इसे समुचित तरीके से नष्ट करेंगे, इसके बाद ही उन्हें पुराने के बदले नया प्रोडक्ट लांच करने की अनुमति होगी।

इनकी होगी एक्सपायरी
रेफ्रि जरेटर 10 साल
सीलिंग फैन 10 साल
वॉशिंग मशीन 10 साल
रेडियो 08 साल
स्मार्टफोन, लैपटॉप 05 साल
टेबलेट 05 साल
स्कैनर 05 साल
इलेक्ट्रिक ट्रेन और रेसिंग कार 02 साल


ई-वेस्ट के प्रति सरकार गंभीर है और ई-वेस्ट को निपटाने का एक अप्रैल 2023 से नया कानून लागू हुआ है। ई-वेस्ट के लिए नगर निगम की ओर से एमएसडब्ल्यू ट्रीटमेंट प्लांट गीडा में बनाया गया है। ई-वेस्ट का निपटान करने के लिए पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की ओर से लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसी के तहत गोरखपुर परिक्षेत्र के सभी सरकारी कार्यालयों को लेटर लिखकर आगाह किया गया है। आम पब्लिक को इसमें भाग लेने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
अजीत सुमन, रीजनल ऑफिसर, पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, गोरखपुर

Posted By: Inextlive