फेसबुक इंस्टाग्राम आदि सोशल मीडिया प्लेटफार्म अब जी का जंजाल बनने लगे हैं. सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अंजान लोगों से दोस्ती खतरा बनती जा रही है. गोरखपुर में हाल ही में कानपुर की युवती के साथ हुए रेप केस में सामने आया कि इंस्टाग्राम पर किसी ने दोस्ती की और फिर कुसम्ही जंगल में किशोरी के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया.


गोरखपुर (ब्यूरो)। साथ ही उसका मोबाइल और कैश भी लूट लिया। इस तरह के कई मामले यह बताने के लिए काफी हैं कि सोशल मीडिया के साइड इफेक्ट भी हैं और कई बार इससे धोखा भी मिलता है। गोरखपुर में घटना, कानपुर में केस


कानपुर के जाजमऊ निवासी 17 वर्षीय किशोरी की इंस्टाग्राम पर गोरखपुर के एक शख्स से दोस्ती हो गई। दोनों कई दिनों तक एक दूसरे से बातचीत करते रहे। इसी बीच शख्स का एक और दोस्त इंस्टाग्राम पर किशोरी से जुड़ गया। शख्स ने किशोरी को घुमाने के बहाने गोरखपुर बुलाया। किशोरी का आरोप है कि 11 जनवरी की सुबह दोस्त से बात कर रही थी। ट्रेन पकड़ कर रात में गोरखपुर पहुंची। रेलवे स्टेशन पर एक अधेड़ मिला, जो मदद का भरोसा देकर किशोरी को साथ ले गया। आरोप है कि उसने कुसम्ही जंगल में बंधक बनाकर दुष्कर्म किया। जान मारने की धमकी देकर पर्स में रखे 10 हजार रुपए, मोबाइल फोन, कपड़े और जैकेट लूट लिया। जंगल से बाहर निकली किशोरी ने पिता को घटना की जानकारी दी। 12 जनवरी को पिता गोरखपुर पहुंचे और पुत्री को लेकर एम्स थाने गए। वहां से पुलिस ने उन्हें कानपुर भेज दिया। कानपुर के जाजमऊ थाने में अज्ञात के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज किया गया।

रील ने रियल लाइफ से किया दूरएक्सपर्ट का कहना है कि इंस्टाग्राम पर रील बनाने के चक्कर में लड़कियां परिवार और स्कूल के दोस्तों से दूर हो जा रही हैं। उन्हें आभासी दुनिया के दोस्तों जो कम ही समय में उनका विश्वास जीत लेते हैं, उन पर अधिक भरोसा होता है। इस कारण दोस्त जो भी कहता जाता है, उसे लड़कियां भी करती जाती हैं, जिसका अंत खतरनाक साबित होता है। साइबर एक्सपर्ट ने बताए उपाय- इंस्टाग्राम हो या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म, यहां पर कई लोगों ऐसे होते हैं, जो नाम और पहचान छिपाकर आईडी बनाते हैं और फिर लड़के, लड़कियां आपस में बिना कुछ इंवेस्टिगेट किए ही उनसे दोस्ती कर लेते हैं। -ऐसे में ऐसे लोगों को दोस्ती करने से पहले यह तस्दीक कर लेना चाहिए कि वो जिसे दोस्ती कर रहे हैं वह कौन है? उनका बैकग्राउंड क्या है, उनके दोस्त कौन कौन है? वो काम क्या करते हैं? जब आप सब जान लें तब ही उनसे यदि मिलना चाहते हैं तो ही मिलें।

- जब आप अपने सोशल मीडिया दोस्त से मिलना चाहते हैं तो यह ध्यान रखें कि कभी भी सुनसान जगह पर न मिलें। ताकि यदि ऐसी कोई स्थिति आ जाए कि आपको मदद की जरूरत हो तो वह समय से मिल सके। इसके अलावा सोशल मीडिया के माध्यम से मिले दोस्त से जब भी मिलने जाएं तो अपने ऐसी किसी परिचित पर आप भरोसा करते हो उन्हें जरूर बताकर जाएं, ताकि किसी उन्हें इसके बारे में जानकारी हो। -बच्चे अभी नादानी कर सकते हैं। इसलिए पेरेंट्स की निगरानी बहुत जरूरी है। एक नजर में मामलेकेस 1: गोरखपुर जिले के शाहपुर एरिया की छात्रा की इंस्टाग्राम पर महराष्ट्र के लातूर निवासी दस्तगीर शेख से दोस्ती हो गई। इंस्टाग्राम पर चैटिंग के जरिए युवक को छात्रा का नंबर मिला गया था। इस दौरान दस्तगीर शेख ने खुद को अमीर बता कर छात्रा को झांसे में लिया। उसने अच्छे स्कूल में पढ़ाई और नौकरी दिलाने की बात कह कर 12 दिसंबर 2021 को उसे अगवा कर लिया था। केस 2: राजघाट एरिया में सातवीं की छात्रा को इंस्टाग्राम पर युवक से दोस्ती करना भारी पड़ गया। दोस्त बने युवक छात्रा का अश्लील वीडियो उसे और उसकी मां को भेजकर ब्लैकमेल करने लगा।
केस 3: फेसबुक पर एक युवती ने रामगढ़ताल एरिया के युवक से दोस्ती की। बाद में जब युवती ने युवक से बात करना बंद किया। तब युवक ने युवती का अश्लील फोटो वीडियो वायरल कर दिया। केस 4: चिलुआताल एरिया में एक युवक ने सोशल मीडिया पर दोस्त बनकर छात्रा का वीडियो बना लिया, जिसे दिखाकर वो छात्रा को ब्लैकमेल करने लगा। फेसबुक, इंस्टाग्राम लोकप्रियफेसबुक, इंस्टाग्राम सोशल मीडिया प्लेटफार्म अपने यहां काफी लोकप्रिय हैं, जहां आप कनेक्टिविटी और रीच बढ़ा सकते हैं और अपने उत्पादों को बेच सकते हैं।इन नंबर पर करें कंप्लेन पीडि़त व्यक्ति टोल फ्री नंबर 1930 या गोरखपुर के नंबर 7839876674 पर कंप्लेन कर सकता है। वर्चुअल वल्र्ड में सरहदें खत्म हो जाती हैं। कोई कहीं से भी दोस्ती कर सकता है। इसलिए सावधानी बहुत जरूरी है। लड़कियां इस मकडज़ाल में फंसकर डिप्रेशन की भी शिकार हो जाती हैं। पेरेंट्स को प्रॉपर निगरानी करनी होगी। कोई भी अगर सोशल मीडिया के जरिए ब्लैकमेल करता है तो उसकी शिकायत फौरन करनी चाहिए। इसे दबाना नहीं चाहिए। उपेन्द्र कुमार सिंह, साइबर एक्सपर्ट, साइबर क्राइम थानाकुसम्ही जंगल बदनाम
गोरखपुर शहर से सटे कुसम्ही जंगल में पुलिस निगरानी कमजोर है। यहां पर हर साल कोई ना कोई वारदात होती है, हर बार पुलिस घटना के बाद ही सक्रिय होती है। बीट सिपाही को तो कुछ पता ही नहीं होता। यहां रात में गश्त भी बंद है।

Posted By: Inextlive