शहर में विजय चौराहे से धर्मशाला बाजार के बीच स्थित सुमेर सागर ताल के दिन बहुरने वाले हैं. जीडीए ने रामगढ़ताल की तर्ज पर इसे विकसित करने की तैयारी कर ली है.


गोरखपुर (ब्यूरो)।18.5 एकड़ में फैले सुमेर सागर को विकसित करने के लिए शासन को 27 करोड़ का प्रस्ताव भेजा गया है। आने वाले दिनों में यहां भी लोग सैर सपाटा कर सकेंगे। यहां ताल के प्राकृतिक स्वरूप को स्थापित करते हुए जागिंग ट्रैक, फूड कोर्ट, म्यूजिकल फाउंटेन, स्मार्ट लिंक रोड, लाइटिंग और किनारे लोगों के बैठने के लिए बेंच लगाई जाएगी। बता दें कि सुमेर सागर ताल को विगत वर्षों में अतिक्रमण करके आवासीय व्यावसायिक भवन निर्मित कर दिए गए थे। इसे जिला प्रशासन के सहयोग से खाली कराया गया।ताल को किया जाएगा गहरा
ताल के मुख्य स्वरूप को दोबारा स्थापित करते हुए उसे गहरा भी किया जाएगा। 8.78 एकड़ में ताल के वास्तविक स्वरूप को सुंदर और मनमोहक बनाने के साथ ताल के किनारों को कटान से सुरक्षित करने के लिए पक्का नाला बनाया जाएगा। इससे गंदा पानी ताल के अंदर नहीं जा पाएगा। आसपास के आधा दर्जन मोहल्लों में जलभराव न हो, इसके लिए विजय चौराहा और धर्मशाला के तरफ से आने वाले नालों के पानी की गंदगी को रोककर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर पानी को साफ कर ताल में डाला जाएगा। ताल को इस प्रकार विकसित किया जाएगा कि उसकी जल संचयन क्षमता बढ़ाते हुए भूगर्भ जलस्तर को बरकरार रखने में मदद मिले।


ताल के किनारे पार्क भी बनेगा ताल के किनारे पर पार्क भी विकसित किया जाएगा। फूड कोर्ट विकसित करने के लिए हाट भी बनाया जाएगा। लगभग 1437 मीटर में ताल के किनारे सुबह-सुबह टहलने वाले लोगों के लिए पाथवे बनाने की भी योजना है। यहां आने वाले लोगों को असुविधा न हो इसके लिए 300 से 400 चार पहिया व दोपहिया वाहनों के लिए पार्किंग की सुविधा भी प्रदान की जाएगी। त्वरित विकास योजना के अंतर्गत जीडीए ने प्रस्ताव पे्रषित किया है। सुमेर सागर के सौंदर्यीकरण से गोरखपुराइट्स को रामगढ़ताल नौकायन के बाद दूसरा पर्यटन स्थल शीघ्र ही जीडीए देने जा रहा है। - महेंद्र सिंह तंवर, जीडीए वीसी

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