Gorakhpur News : सिस्टम ने कंज्यूमर्स पर गिराई 'बिजली', सॉफ्टवेयर के फेरबदल में पिस रहे स्मार्ट मीटर कंज्यूमर
गोरखपुर (ब्यूरो)।बिजली का इस्तेमाल तो लगातार हो रहा है, लेकिन बिन न बनने से पेमेंट नहीं हो पा रहा है। ऐसे में कंज्यूमर्स परेशान है कि कहीं उनको इकट्ठा लंबा-चौड़ा बिल न दे दिया जाए, जिसका पेमेंट करने में भी मुश्किल हो। बिजली निगम की लापरवाही का खामियाजा कंज्यूमर्स को न भुगतना पड़े, इसका उन्हें डर सता रहा है। कंज्यूमर के मोबाइल पर मैसेज नहीं आने और बिल नहीं जमा होने से ऑनलाइन कनेक्शन डिस्कनेक्ट हो जा रहा है। इसके चलते अब कंज्यूमर्स को लाइन जुड़वाने के लिए भी बिजली घरों की दौड़ लगानी पड़ रही है। चार फरवरी तक बन जाना था बिल
कंज्यूमर्स को बिल हर हाल में चार फरवरी तक बन जाना चाहिए था। बिल न बन पाने के कारण कंज्यूमर्स तो प्रॉब्लम झेलनी पड़ रही है। जनवरी में बिजली निगम का सॉफ्टवेयर बदलने के कारण स्मार्ट मीटर वाले कंज्यूमर्स को सबसे ज्यादा प्रॉब्लम हुई। पिछले महीने नौ जनवरी के बाद बिल बनने शुरू हो सके, लेकिन इसके बाद भी कंज्यूमर्स के मोबाइल नंबर पर मैसेज नहीं पहुंचा। अभियंताओं ने कार्यदायी संस्था लार्सन एंड टूब्रो के अफसरों से बात की लेकिन इसके बाद भी समस्या बनी रही। हालांकि इस दौरान कुछ कंज्यूमर्स के पास मैसेज पहुंचे लेकिन ज्यादातर कंज्यूमर्स को जाकर बिल निकलवाना पड़ा।
जनवरी में कम जमा हुए रुपए स्मार्ट मीटर से बिल जनरेट न होने की वजह से लोगों को भी प्रॉब्लम हुई। बिल न बनने के कारण जनवरी में सिर्फ 56.13 परसेंट कंज्यूमर्स ने ही बिल जमा किए। इससे पहले 75 परसेंट से ज्यादा कंज्यूमर्स हर महीने बिल जमा कर देते थे, लेकिन साफ्टवेयर चेंज होने से बिजली बिल बनने की रफ्तार सुस्त हो गई। लार्सन एंड टूब्रो का सिटी में नहीं हैं ऑफिस स्मार्ट मीटर कंज्यूमर्स को बेहतर सुविधा दिलाने की जिम्मेदार कार्यदायी लार्सन एंड टूब्रो को है। इसके लिए सिटी के चारों डिविजन में एंप्लाई तैनात किए गए हैं, लेकिन कंज्यूमर्स की सुनाई के लिए कंपनी का कहीं भी ऑफिस नहीं हैं। इसलिए कंज्यूमर्स को अपनी समस्या का समाधान करवाने के लिए बिजली निगम के ऑफिस का चक्कर काटना पड़ता है। यदि एलएंडटी कंपनी का ऑफिस होता तो कंज्यूमर्स को परेशान नहीं होना पड़ता और वह आसानी से अपनी कंप्लेन कर सकते हैं। इस ओर कोई जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे हैं। फॉर योर इंफॉर्मेशन - -पहले एचसीईएल कंपनी का सॉफ्टवेयर था। अब क्वैश कार्प का नया सॉफ्टवेयर अपडेट हुआ है।-नया सॉफ्टवेयर सर्वर से अभी तक कनेक्ट नहीं हो पा रहा है।
-सर्वर से कनेक्ट होने में अभी तीन माह का लगेगा समय तब तक सॉल्युशन नहीं हो पाया। -तकनीकी गड़बड़ी के चलते कंज्यूमर के मोबाइल पर मैसेज नहीं पहुंचा।-बिजली का बिल नहीं जमा होने ऑनलाइन बिजली डिस्कनेक्ट हो जा रही है। -बिजली बिल जमा होने के बाद भी कनेक्शन जुडऩे में प्रॉब्लम आ रही है।-स्मार्ट मीटर सर्वर से आधारित होता है।-स्मार्ट मीटर में कंपनी का सिम लगा हुआ है। इसका डाटा सर्वर से जुड़ा है।-डॉटा कलेक्ट कर सर्वर को देता है। इसी के आधार पर बिल बनता है। -दो माह से सॉफ्टवेयर चेंज होने की वजह से ऑनलाइन बिल नहीं बन पा रहे हैं। -अगर कंज्यूमर्स के घर की लाइन कटती है तो एसडीओ और एक्सईएन से संपर्क करें।-जो नए स्मार्ट मीटर लग रहे हैं उनका ऑटोमेटिक बिल का नहीं बनाना।डिविजन बिल जनरेट मैसेज पहुंचे प्रथम 5410 348सेकेंड 16160 1222
थर्ड 17525 1427फोर्थ 13148 100856398 स्मार्ट मीटर कंज्यूमर 52243 बिजली बिल जनरेट 4005 कंज्यूमर्स को मोबाइल पर पहुंचा मैसेज बिजली बिल का मैसेज मोबाइल पर नहीं आने की वजह से प्रॉब्लम हो रही है। कनेक्शन कटने के बाद ऑफिस की दौड़भाग करनी पड़ रही है। तब जाकर सप्लाई जुड़ पा रही है।- अर्थव पांडे, रामजानकी नगर जहां पहले बिजली बिल का मैसेज मोबाइल पर आ जाता था। समय से बिजली का बिन जमा कर देते थे। लेकिन अब मैसेज नहीं आने से बिजली काट दी जा रही है। जिसकी वजह से प्रॉब्लम होती है। - विजय निषाद, शास्त्रीपुरम्् स्मार्ट मीटर के बिल न बनने से राजस्व नहीं जमा हो पा रहा है। कंज्यूमर भी परेशान है। कार्यदायी संस्था को पत्र लिखकर जल्द से जल्द बिल बनवाने को कहा गया है। - ई। यूसी वर्मा, एसई शहर
बिजली निगम के नए साफ्टवेयर में स्मार्ट मीटर के बिल का डाटा पहुंचने में थोड़ी तकनीकी प्रॉब्लम हो रही है। एक से दो दिन में सभी का बिल बन जाएगा। - लुकमान खान, सिटी हेड, लार्सन एंड टूब्रो