सिटी में अवैध रूप से संचालित ई-रिक्शा पर ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ विभाग की संयुक्त टीम ने शिकंजा कसा है.


गोरखपुर (ब्यूरो)। टीम ने गुरुवार को रोडवेज स्थित यूनिवर्सिटी चौराहा और ट्रैफिक चौराहा पर ऑटो और ई-रिक्शा के खिलाफ सघन चेकिंग अभियान चलाया। इस दौरान बिना ड्राइविंग लाइसेंस, बिना फिटनेस के व मानक के विरूद्ध चल रहे 192 वाहनों का एमवी एक्ट के तहत चालान किया। इस दौरान नाबालिग द्वारा चलाए जा रहे वाहन मानक के विरूद्ध पाए गए। टीम ने कुल 29 वाहनों को सीज किया है। बेलगाम ई-रिक्शा पर लगाम


बता दे कि दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने 'बेलगाम ई-रिक्शा के खिलाफ अभियान चलाया। खबर का संज्ञान लेते हुए आरटीओ प्रवर्तन संजय कुमार झा के निर्देश पर पीटीओ विजय आनंद के नेतृत्व में प्रवर्तन टीम सड़क पर उतरी। यूनिवर्सिटी चौराहा पर ई-रिक्शा की चेकिंग की। इस अभियान से ई-रिक्शा चालकों में हड़कंप मच गया। बिहार के रहने वाले चालक का कहना है कि ई-रिक्शा मालिक किराए ई-रिक्शा चलवाते हैं। हमें शाम के समय सिर्फ मजदूरी मिल जाती है।

इसलिए नहीं बन पाता ड्राइविंग लाइसेंस

जांच के दौरान एक चालक ने बताया कि वह बिहार का रहने वाला हूं, इसलिए गोरखपुर में ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं बन पाता है। इसके अलावा चेकिंग के दौरान चार ई-रिक्शा का फिटनेस फेल मिला और दो का इंश्योरेंस भी नहीं था, जिनका चालान किया गया। इसके बाद टीम यातायात चौराहे पर पहुंची। टीम को देखते ही कुछ ई-रिक्शा चालक अपना रास्ता बदल दिए। कुछ को टीम ने पकड़ लिया और चेकिंग के दौरान चार चालकों के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं मिला। टीम ने उनका चालान कर दिया। आरटीओ प्रवर्तन संजय कुमार झा ने बताया कि यह अभियान आगे भी चलता रहेगा। एसपी ट्रैफिक ने भी की कार्रवाई एसएसपी डॉ। गौरव ग्रोवर के निर्देश पर एसपी ट्रैफिक संजय कुमार के नेतृत्व में टीम ने गुरुवार को शहर के विभिन्न चौराहों पर ऑटो और ई-रिक्शा के खिलाफ सघन चेकिंग अभियान चलाया। अभियान के दौरान रोडवेज तिराहा और ट्रैफिक चौराहा पर बिना ड्राइविंग लाइसेंस, बिना फिटनेस और नाबालिग चालाकों के विरूद्ध कार्रवाई की गई। इस बीच बिना ड्राइविंग लाइसेंस, बिना फिटनेस के व मान के विरूद्ध चल रहे 172 वाहनों का एमवी एक्ट के तहत चालान किया। साथ ही नाबालिग द्वारा चलाए जा रहे एक वाहन एवं मानक के विरूद्ध पाए गए कुल 29 वाहनों को सीज किया है। ऑनलाइन कस्टमर केयर कर्मी बना ठग
ऑनलाइन पैसा ट्रांसफर करना और ऑनलाइन कस्टमर केयर से की मदद मांगना महंगा पड़ गया। जालसाज ने कस्टमर केयर का कर्मचारी बन खाते की जानकारी ली और करीब एक लाख रुपये ट्रांसफर कर लिया। गोरखनाथ पुलिस पीडि़त की शिकायत पर जांच शुरू कर दी है।जानकारी के अनुसार, गोरखनाथ इलाके के चित्रगुप्त कॉलोनी निवासी वीरेंद्र धर दुबे ने तहरीर में बताया है कि उन्होंने अपने मोबाइल से ऑनलाइन पैसा से मोबाइल पर 500 रुपया ट्रांसफर किया। लेकिन रकम उसके खाते में नहीं गई। वह यूनियन बैंक जाकर खाते की जानकारी लिया। बैंककर्मियों ने फोन पे के कस्टमर केयर से संपर्क करने की सलाह दी। इसके बाद उन्हें कस्टमर केयर पर कॉल किया। फोन रिसिव करने वाले ने अपना नाम गोवर्द्धन यादव बताया। रुपये रिफंड करने के नाम पर वह वीडियो कॉल कर कुछ जानकारी देकर कोड डालने को कहा। इस पर दो बार वह खाते से 99,979 रुपया निकाल लिया। पुलिस आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दिया है।

Posted By: Inextlive