आस्था के महापर्व छठ में भगवान सूर्य को अर्घ्य देने में फल प्रमुख माना गया है. ऐसे में थोक फल व्यापारियों ने एक माह पहले ही केरल बंगाल नासिक सिलीगुड़ी और जम्मू कश्मीर से फलों का ऑर्डर कर दिया था. जिस वजह से थोक मंडी और रिटेल मंडियों में भरपूर फल मिला. मार्केट में श्रद्धालुओं की चहल पहल रही तथा उन्होंने खरीदारी भी जमकर की. जिसके कारण पिछले साल जिले में करीब 25 करोड़ रुपए के हुए कारोबार के मुकाबले इस साल 30 करोड़ का कारोबार हुआ है. पांच करोड़ रुपए की अधिक बिक्री हुए हैं.

गोरखपुर: छठ पर्व पर 30 करोड़ रुपए से अधिक का कारोबार हो चुका है। माल की फुटकर खरीदारी कर दुकानदारों ने नहाय खाय के दिन से फलों का बाजार सजा दिया था। शहर के सभी चौराहों से लेकर जगह-जगह फलों की दुकानें लगाई गई थी। नारियल व्यापारियों का कहना है कि केरल से नारियल लदे ट्रकों की आवक हुई लेकिन मॉल भरपूर मिला इसलिए छोटे कारोबार और फुटकर दुकानदारों ने खरीदारी जमकर की।

माल किया स्टोर


वहीं छोटी मंडी के व्यापारियों ने अपने दुकानों में मॉल स्टोर कर लिए थे। तीन दिन के अंदर तीन करोड़ का कारोबार हो सका। वहीं फल व्यापारियों का कहना है कि महाराष्ट्र से संतरा, कश्मीर से सेब व नाशपाती, बंगाल से केला इलाहाबाद से अमरूद की खेप मंगाई गई थी।

कम आए बाहरी खरीदार


गोरखपुर फ्रूट एसोसिएशन के महामंत्री विजय कुमार ने बताया कि देश के विभिन्न राज्यों से संतरा, अनानास, नारियल, नाशपाती, अमरूद, सेब, गागल, केला आदि फल मंगाए गए हैं। हालांकि पिछले साल की अपेक्षा इस बार खरीदारी के लिए बाहरी व्यापारियों कम आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि संतरा जहां नागपुर से मंगाया गया है। वहीं नासिक से आनार व मौसमी, सिलीगुड़ी से अनानास, जम्मू कश्मीर से सेब, आंध्र प्रदेश व तमिलनाडु का नारियल, पश्चिमी चंपारण से गागल नीबू तथा कुशीनगर व फरेंदा से केला बिक्री के लिए मंगाया गया है। इन दिनों प्रतिदिन बाहरी फलों की 10 से 12 गाडिय़ां आ रही है।

प्रमुख फलों का भाव
सामग्री भाव रुपए में
सेब 100-120
अमरुद 80-100
शरीफा 80-100
अनार 130-150
संतरा 90-110
नारियल 40-50 प्रति पीस
सिंघाड़ा 40-50 प्रति किलो
अन्नास 50 रुपए प्रति पीस
गागल नीबू 100 रुपए जोड़ा

सूप-दउरा की कीमतें


सूप-80 से 120 रुपए प्रति पीस
दउरा-150 से 250 रुपए प्रति पीस
टोकरी-140 से 250 रुपए प्रति पीस
पीतल सूप-550 से 1100 रुपए
दोहरी बुनाई दउरा-250 से 650 रुपए
कोसी-100 से 250 रुपए प्रति पीस

एक माह पहले ऑर्डर


फल व्यापारियों का कहना है कि फलों का आर्डर पहले ही दिए जाने के कारण मंडी में आवक बराबर बनी रही। अनार, अनानास, सेब जैसे फलों की अधिक डिमांड थी। वहीं रांची से पत्तेदार अदरक की मांग अधिक थी। क्योंकि यहां पर इसकी खेती नहीं के बराबर है।

थोक मंडी और शहर के बाहर की छोटी मंडियों में काफी चहल पहल रही। लोग ने जमकर खरीदारी की। इसलिए पिछले साल के मुकाबले इस साल बिक्री बढ़ी है।
अवध गुप्ता, अध्यक्ष

छठ पर्व को देखते हुए पहले से फलों का ऑर्डर दे दिया गया था। इसलिए मॉल समय से मंडी में आ गया। वहीं कुछ छोटे व्यापारियों ने भी डायरेक्ट मॉल मंगवाकर स्टोर कर लिया था।
सुरेंद्र कुशवाहा, फल कारोबारी

इस साल नारियल का कारोबार जमरम पर रहा। डिमांड के हिसाब से अधिक बिक्री हुई है। एक हफ़्ते के अंदर तीन करोड़ रुपए का कारोबार हुआ है।
अविनाश कुमार गुप्ता, कारोबारी

थोक मंडी में सिर्फ केला, सेब, अनार आदि कुछ ही जिंस में शामिल है। इन्हीं फलों पर मंडी शुल्क लगता है। कुछ ऐसा फल है जो जिंस में शामिल नहीं किए गए है। फिर भी पिछले साल के मुकाबले कारोबार में उछाल आया है।
प्रवीण कुमार त्यागी, सचिव मंडी समिति

Posted By: Inextlive