Gorakhpur News : जीआईएस से जुड़ेंगी सड़कें, नहीं भटकेंगे राहगीर
गोरखपुर (ब्यूरो)।गवर्नमेंट के इस कदम से विभाग भी सड़कों के बारे में गलत प्रपोजल बनाकर गुमराह नहीं कर पाएगा। सर्वे के तहत सड़कों को जियो ग्राफिक्स इंफार्मेशन सिस्टम (जीआईएस) व गूगल मैप से जोड़ा जा रहा है। जीआईएस से जुडऩे के बाद जहां हर सड़क की स्थिति पर शासन की नजर होगी। वहीं, सड़कों पर चलने वाले लोगों के लिए राह आसान हो जाएगी। गूगल मैप की मदद से आसानी से लोग अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे। जीआईएस से जुड़ीं 1416 किमी। सड़कें
गोरखपुर जिले में 2976 सड़कें हैं। इनमें से 1416 किमी। सड़कों को सिस्टम से जोड़ा जा चुका है। 129 सड़कें पहले ही इस सिस्टम से जुड़ चुकी हैं। इनमें से एक राज्यमार्ग, तीन प्रमुख जिला मार्ग व 125 अन्य जिला मार्ग हैं। शेष सभी रूरल एरिया के मार्ग हैं। अब उन्हें इस सिस्टम से जोडऩे के लिए सर्वे किया जा रहा है। मार्गों से जोडऩे वाली सड़कें अब इंटरनेट से कनेक्ट होंगी। अब इनकी मरम्मत पीडब्ल्यूडी डिपार्टमेंट के भरोसे नहीं रहेगी। शासन खुद इन पर नजर रखेगा। वह ऑनलाइन जिन सड़कों को खराब देखेगा, उनका प्रपोजल मांगकर बजट स्वीकृत कर देगा। विभाग शासन को नहीं कर पाएगा गुमराह
इस कदम से पीडब्ल्यूडी शासन को गुमराह भी नहीं कर पाएगा। जिन सड़कों का प्रपोजल भेजा जाएगा, शासन में बैठे लोग उन सड़कों की वर्तमान स्थिति तत्काल ऑनलाइन देख सकेंगे। किन सड़कों पर गड्ढे हैं, कौन-सी सड़कें नवीनीकरण, चौड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण के योग्य हैं। वह शासन खुद तय कर सकेगा। सड़कों पर गड््ढों, जलभराव व ट्रैफिक लोड शासन में बैठे लोग वहीं से देख सकेंगे। जीआईएस से सड़कों को जोडऩे सर्वे जारी है। अभी तक 1416 किमी। सड़कों को सिस्टम से जोड़ा जा चुका है। सड़कों को इंटरनेट के माध्यम से सिस्टम से कनेक्ट किया जाएगा। इसे गूगल मैप पर भी डाला जाएगा। इससे शासन में बैठे लोग जब चाहें, सड़कों की स्थिति देख सकेंगे। हम किसी सड़क पर कितना काम करा चुके हैं, कितना बचा है, यह सब शासन से ही देखा जा सकेगा। इससे लोगों को भी गंतव्य तक पहुंचने में आसानी होगी। प्रवीण कुमार अग्रवाल, एक्सईएन प्रांतीय खंड पीडब्ल्यूडी