'आधी आबादीÓ को बराबरी का दर्जा देने के लिए बड़ी लंबी देशव्यापी लड़ाई चली. नगर निगम गोरखपुर में आधी आबादी का हक बढ़ाया भी गया लेकिन जब जिम्मेदारी निभाने की बारी आई तो उनके पति बेटे या भाई 'नेताÓ बन बैठे.


गोरखपुऱ (ब्यूरो)। अब वे ही अप्रत्यक्ष रूप से वार्ड सरकार चला रहे हैं। नगर निगम गोरखपुर के 80 वार्डों में से 27 महिला पार्षद चुनकर आईं हैं, लेकिन आधे से अधिक महिला पार्षदों का काम उनके पति, पुत्र, भाई, देवर व अन्य रिश्तेदार संभाल रहे हैं। महिला पार्षद की जिम्मेदारी सिर्फ जीत होने तक ही सीमित रही। महिला पार्षदों के कामकाज से लेकर उनके सीयूजी का इस्तेमाल उनके प्रतिनिधि ही कर रहे हैं। यही नहीं खुद को कई बार पार्षद भी बता रहे हैं। विगत दिनों नगर निगम सदन की बैठक में भी महिला पार्षदों के प्रतिनिधि शामिल हो गए थे। मेयर और नगर आयुक्त के हस्तक्षेप के बाद उन्हें बाहर किया गया। रविवार को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने सीयूजी नंबर पर कॉल की तो अधिकांश महिला पार्षदों के प्रतिनिधियों ने कॉल रिसीव किया और खुद को पार्षद बताया। वार्ड में प्रतिनिधियों की ही धमक


महिला पार्षदों के वार्डों में प्रतिनिधियों की ही धमक है। इसी के चलते पब्लिक भी पार्षद की जगह प्रतिनिधियों को खोजती है और उनको समस्याएं बताती हैं। पार्षद प्रतिनिधि ही लोगों को समस्याएं सुलझाने का आश्वासन देते हैं। नगर निगम में भी इनका आना-जाना होता है। किसी विशेष परिस्थिति में ही पार्षद नगर निगम में पहुंचती हैं।

सदन की बैठक से किए गए बाहर

4 जनवरी को नगर निगम बोर्ड की बैठक में महिला पार्षदों के प्रतिनिधि शामिल हो गए थे। बैठक शुरू होते ही सपा के एक पार्षद ने महिला पार्षदों के पति की मौजूदगी पर आपत्ति जताई और उन्हें बाहर करने की मांग की। इसके बाद महिला पार्षदों के पति बाहर किए गए। सपा के पार्षद विश्वजीत त्रिपाठी ने आपत्ति जताई थी और इसका विरोध किया था।

वार्ड 2 बाबा राघवनगर वार्ड नंबर दो की पार्षद बाला का सीयूजी उनके पति महेश पासवान इस्तेेमाल करते हैं। फोन करने पर महेश ने बताया कि वह पूर्व पार्षद भी हैं। सभी लोग ऐसा ही करते हैं। क्षेत्र के लोगों की समस्याएं वह हल करते हैं। वार्ड 3 रानीडीहा वार्ड तीन की पार्षद रीता देवी के पति संतोष सीयूजी इस्तेमाल करते हैं। फोन करने पर उन्होंने बताया कि पार्षद ही सीयूजी का इस्तेमाल करती हैं, घर पर होने के चलते कॉल आने पर रिसीव किया। वह पार्षद प्रतिनिधि भी हैं। वार्ड 5 बाबा गंभीरनाथ
वार्ड पांच की पार्षद हकीकुन निशा हैं। फोन करने पर उनके पति ने कॉल रिसीव किया। बताया कि सारा काम वह ही देखते हैं। इसके चलते सीयूजी भी इस्तेमाल करना पड़ता है। हालांकि ज्यादातर समय सीयूजी मोबाइल पार्षद के पास ही रहता है। वार्ड 6 खोराबार वार्ड छह की पार्षद जयवती देवी हैं। उनके पति राममूरत ने सीयूजी पर फोन करने पर उठाया। बताया कि वह पार्षद पति हैं, सारा काम देखते हैं। इसलिए सीयूजी का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि पार्षद ही सिम का इस्तेमाल करती हैं। वार्ड 8 चरगांवा वार्ड 8 की पार्षद सरोज पासवान हैं। सीयूजी पर फोन करने उनके प्रतिनिधि ने उठाया। उन्होंने कहा, पार्षद प्रतिनिधि होने के चलते वह सीयूजी का इस्तेमाल करते हैं। पार्षद सरोज ही अधिकांश समय सीयूजी का इस्तेमाल करती हैं। वार्ड 12 अशोक नगर वार्ड 12 की पार्षद रीना यादव हैं। सीयूजी पर फोन करने पर पति ने फोन उठाया। खुद को पार्षद बताते हुए कहा कि सीयूजी वह इस्तेमाल करते हैं। कुछ देर बाद बताया कि पार्षद ही सीयूजी का इस्तेमाल करती हैं। उनके व्यस्त रहने पर कॉल रिसीव करता हूं। वार्ड 18 गायत्री नगर वार्ड 18 की पार्षद माया देवी हैं। सीयूजी पर कॉल करने पर उनके प्रतिनिधि रामनाथ ने कॉल रिसीव किया। बताया कि पार्षद ही सीयूजी का इस्तेमाल करती हैं, लेकिन उनकी तबीयत ठीक नही है। इसलिए वह फिलहाल वह रिसीव कर रहे हैं। वार्ड 19 गोपलापुर
वार्ड की पार्षद गुंजा देवी है। उनके सीयूजी पर कॉल करने पर उनके प्रतिनिधि उदयभान ने फोन रिसीव किया। पार्षद की सीयूजी इस्तेमाल करने की वजह पूछने पर बताया कि उनका मोबाइल टूट गया है। इसके कारण सीयूजी इस मोबाइल में लगाना पड़ा। सीयूजी पार्षद ही इस्तेमाल करती हैं। पार्षदों को ही सीयूजी इस्तेमाल करने के लिए दी जाती है। अगर पार्षद प्रतिनिधि इसका इस्तेमाल करते हैं तो यह गलत है। प्रतिनिधियों को खुद को पार्षद कहलाना भी बंद करना होगा। डॉ। मंगलेश श्रीवास्तव, मेयर

Posted By: Inextlive