एक तरफ जहां मानसून की दस्तक से गोरखपुराइट्स को तपती गर्मी से थोड़ी राहत मिली है वहीं दूसरी तरफ लोगों को डेंगू का डर भी सताने लगा है.


गोरखपुर (ब्यूरो)। हेल्थ डिपार्टमेंट ने भी डेंगू के प्रति लोगों को अलर्ट किया है। सीएमओ डॉ। आशुतोष कुमार दुबे ने लोगों से अपील की है कि बरसात के मौसम में एक चम्मच साफ पानी भी जमा न होने दें। कूलर, गमले, टॉयर, ट्यूब, नाद आदि हर छोटी-बड़ी जगह की जांच करके जमा पानी को साफ कर दें। मानसून में साफ पानी में डेंगू के मच्छर पनपते हैं। सर्तकता है जरूरी


सीएमओ डॉ। आशुतोष कुमार दुबे ने बताया कि डेंगू का मच्छर केवल साफ पानी में पनपता है। इसका वाहक एडीज मच्छर दिन के समय काटता है। बीते साल सतर्कता बरते जाने के कारण डेंगू के मामले अन्य सालों की तुलना में कम सामने आए थे। राहत की बात यह है कि पिछले दो वर्षो से डेंगू के कारण जिले में कोई मौत नहीं हुई है। डॉक्टर के अनुसार, अगर आपको डेंगू के लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करे, और इलाज शुरू कराए। खुद से इलाज करने के प्रयास घातक साबित हो सकता है। सीएमओ ऑफिस को करें इनफॉर्म

लोगों को जागरूक करते हुए डॉक्टर्स का इस बात पर जोर है कि अगर जिले के किसी भी निजी अस्पताल या फिर लैब में डेंगू का मामला सामने आता है तो मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय को अवश्य रिपोर्ट करें। जागरुकता किसी भी बीमारी को हराने का सबसे बेहतर और सशक्त उपाय है। डेंगू के मामले रिपोर्ट न करने पर निजी अस्पतालों पर कार्रवाई का प्रावधान है। समय से जांच जरूरीसीएमओ डॉ। आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि डेंगू के लक्षणों के बावजूद समय से जांच न होने की स्थिति में जब इसका बुखार छठवें से आठवें दिन में पहुंचता है तो खतरा भी ज्यादा बढ़ जाता है, लेकिन ऐसे मरीज भी समय से अस्पताल आएं तो भर्ती कर ठीक हो जाते हैं। शरीर में चकत्ते आना या नाक, मुंह व मसूड़ों से खून आना डेंगू के खतरनाक लक्षण हैं और ऐसी स्थिति में मरीज को भर्ती करना अनिवार्य है। प्लेटलेट उन्हीं मरीजों को चढ़ाने की जरूरत पड़ती है जिनके शरीर से ब्लीडिंग होने लगती है। अगर ब्लीडिंग नहीं हो रही है तो बीस हजार प्लेटलेट होने पर भी इसे चढ़ाने की आवश्यकता नहीं है, जबकि अगर ब्लीडिंग हो रही है तो अस्सी हजार प्लेटलेट रहने पर भी इसे चढ़ाना पड़ता है। सभी मिल कर करें प्रयास

जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने बताया कि डेंगू का वाहक एडीज मच्छर साफ पानी में पैदा होता है। हफ्ते में एक बार टीन, डब्बा, बाल्टी का पानी खाली कर दें और दोबारा उपयोग के लिए उनको सुखा दे। प्रत्येक सप्ताह कूलर का पानी खाली कर दें और उसके सूखने के बाद ही उसमें पानी भरें। पानी के बर्तन और टंकी आदि को ढक कर रखें। हैंडपम्प के घर के आसपास के गड्ढों को मिट्टी से ढक दें। साफ जमा पानी में मिट्टी का तेल या जला हुआ इंजन का तेल डालें। दिन में भी पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें। बुखार हो तो यह करें-ट्रेंड डॉक्टर्स से ही दिखाएं-डॉक्टर की निगरानी में दवा के साथ पर्याप्त बेड रेस्ट लें-तरल भोज्य पदार्थों का सेवन करें और खूब पानी पिएं-तीव्र बुखार की स्थिति में 108 एंबुलेंस की सहायता से अस्पताल पहुंचें-बुखार हो तो यह न करें-अपने मन से दवा न लें-शारीरिक श्रम न करें-बुखार उतरने लगे तो निश्चिंत न हों और सावधानी जारी रखें-बुखार ठीक होने के बाद भी बेड रेस्ट लेंये है डेंगू के लक्षण -तेज बुखार-त्वचा पर चकत्ते-तेज सिर दर्द-पीठ दर्द-आंखों में दर्द -मसूड़ों से खून बहना-नाक से खून बहना-जोड़ों में दर्द-उल्टी-डायरियाजिले में डेंगू की स्थिति
वर्ष कुल केस2017 112018 252019 1142020 092021 672022 3182023 2762024 06नोट - आकड़े 14 मई 2024 तक के है।

Posted By: Inextlive