दिवाली से पहले ही शहर की आबोहवा काफी खराब हो गई है. शनिवार सुबह एक्यूआई एयर क्वालिटी इंडेक्स 182 दर्ज किया गया. हालांकि दोपहर बाद इसमें सुधार हुआ लेकिन फिर भी एक्यूआई 106 रहा. खराब हवा के चलते सांस रोगियों की चिंताएं बढ़ गई हैं. यही नहीं इसके मरीजों में भी इजाफा हो सकता है. ऐसे में बुजुर्ग और बच्चों को तो काफी सावधानी बरतनी होगी.


गोरखपुर (ब्यूरो).सेंट्रल पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार शनिवार सुबह 6 बजे गोरखपुर के मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय क्षेत्र में 182 एक्यूआई रहा। दिवाली में पटाखे से निकलने वाले धुएं की वजह से प्रदूषण और खराब हो सकता है। हालांकि पहले दिवाली के आसपास एक्यूआई ठीक रहता था। इसके बाद खराब होता था। इस बार एक्यूआई पहले ही बढ़ गया। इसलिए बिगड़ी आबोहवा 1. निर्माण कार्यों में सुरक्षा मापदंडों का ध्यान नहीं रखा जा रहा। 2. दिवाली के चलते पब्लिक और वाहनों का मूवमेंट बढ़ गया। 3. निर्माण स्थलों और धूलभरी सड़कों पर पानी का छिड़काव नहीं किया जा रहा। 4. वातावरण में नमी घटने से धूल के कण ऊपर उठ गए हैं। मास्क का करें इस्तेमाल


डॉक्टरों का कहना है कि प्रदूषण से बचने के लिए मास्क का प्रयोग करना चाहिए। भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें, दिवाली के समय अचानक एक्यूआई बढ़ जाता है। वायु प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर फेफड़ों और सांस लेने में आती है। इसके लिए सावधानी बेहद जरूरी है। एक्यूआई रेंज हवा का हाल स्वास्थ्य पर संभावित असर

0-50 अच्छी है बहुत कम असर51-100 ठीक है संवेदनशील लोगों को सांस की हल्की दिक्कत101-200 अच्छी नहीं है फेफड़ा, दिल और अस्थमा मरीजों को सांस में दिक्कत201-300 खराब है लंबे समय तक ऐसे वातावरण में रहने पर किसी को भी सांस में दिक्कत301-400 बहुत खराब है लंबे समय तक ऐसे वातावरण में रहने पर सांस की बीमारी का खतरा401-500 खतरनाक है स्वस्थ आदमी पर भी असर, पहले से बीमार हैं तो ज्यादा खतरा

मौसम में जलवायु परिवर्तन के कारण एक्यूआई बढ़ रहा है। साथ ही निर्माण कार्यों और गाडिय़ों के चलने से उठने वाली धूल वायुमंडल पर असर डाल रही है। धूल के कण हवा में जा रहे हैं। इसके लिए आवश्यक कदम उठाने की सलाह जिम्मेदारों को दी गई है। पंकज यादव, आरओ, पॉल्युशन बोर्ड गोरखपुर

Posted By: Inextlive