गोरखपुर जिले के बिना रजिस्ट्रेशन चल रहे अवैध अस्पतालों की जांच तो ठंडे बस्ते में चली गई है लेकिन वह लोगों की जिंदगी अब भी छीनने में लगे हुए हैं.


गोरखपुर (ब्यूरो)।ताजा मामला उरुवा थाना एरिया के एक प्राइवेट हॉस्पिटल का है, जहां प्रसूता की मौत के बाद नाराज परिजनों और लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। आरोप है कि हॉस्पिटल मैनेजमेंट की लापरवाही से प्रसूता की जान चली गई है। इस दौरान हंगामा कर रहे लोगों ने हॉस्पिटल के तीन कर्मियों को बंधक भी बना लिया और शव को सड़क पर रखकर करीब दो घंटे तक प्रदर्शन करते रहे। सूचना प उरुवा थानाध्यक्ष सुनील कुमार निषाद मौके पर पहुंचे और परिजनों को किसी तरह समझाकर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजवाया। साथ ही हॉस्पिटल के कर्मियों को बंद कमरे से बाहर निकलवाया।शुक्रवार को हुई थी एडमिट


बताया जा रहा है कि चचाईराम निवासी जितेंद्र गोंड की पत्नी पूजा (23) को शुक्रवार को प्रसव पीड़ा हुई। परिजन उरुवा स्थित केबी मेमोरियल हॉस्पिटल लेकर आए। इस बीच पूजा का ऑपरेशन किया गया और बेटी हुई। ऑपरेशन के बाद हॉस्पिटल में पूजा की हालत बिगड़ गई। शनिवार की सुबह 11 बजे हॉस्पिटल से गोरखपुर रेफर कर दिया गया, जहां रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। शव रखकर प्रदर्शन

मौत से नाराज परिजनों ने शव को हॉस्पिटल के सामने रख कर प्रदर्शन करते हुए कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे। इस बीच हॉस्पिटल में काम करने वाले तीन कर्मियों को एक कमरे में भी बंद कर दिया। करीब दो घंटे तक शव को हॉस्पिटल के सामने रखकर प्रदर्शन करते रहे। परिजनों ने बताया कि इलाज में लापरवाही की वजह से मरीज की जान गई है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह कानूनी कार्रवाई का हवाला देकर मामले को शांत कराया। परिजनों ने हॉस्पिटल कर्मियों की लापरवाही से मौत की तहरीर दी है। थाना प्रभारी ने बताया कि तहरीर मिली है। मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।मैनेज करने में जुटा रहा संचालकघटना के बाद से दिन भर हॉस्पिटल संचालक मामले को मैनेज करने में जुटा हुआ था। लेकिन, मामले का वीडियो भी कुछ लोगों ने बना लिया था। वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल भी कर दिया था। इसकी वजह से मामले की जानकारी मीडिया के लोगों को हो गई। इसके बाद से संचालक संजय तिवारी मोबाइल बंद कर फरार हो गया है। बताया जा रहा है कि उसने हॉस्पिटल के नाम छपा पर्चा भी वहां से गायब कर दिया है, जिससे लोगों को यह जानकारी न हो सके कि आखिर अस्पताल में कौन से डॉक्टर बैठ रहा है।सात फरवरी को हुई थी जांच

उरुवा पीएचसी के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ। जेपी त्रिपाठी ने बताया कि हॉस्पिटल की जांच सात फरवरी को नायब तहसीलदार गोला के साथ की गई थी। हॉस्पिटल पर कोई नहीं था। लिखित रूप से हॉस्पिटल के रजिस्ट्रेशन के कागजात मांगे गए थे, इस पर हॉस्पिटल संचालक संजय तिवारी की तरफ से ऑनलाइन आवेदन करने की बात कही गई थी। इस पर सख्त निर्देश दिए गए थे कि बिना रजिस्ट्रेशन के हॉस्पिटल चलाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद भी हॉस्पिटल का संचालन मिला है तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। थानाध्यक्ष उरूवा का कहना है कि तहरीर मिल गई है जांच की जा रही है उसके बाद केस दर्ज किया जाएगा।मामले की जानकारी मिली है। स्थानीय अधीक्षक को जांच के निर्देश दिए गए हैं। अगर हॉस्पिटल बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहा था तो इसकी जांच कराई जाएगी। मामले में संचालक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए केस दर्ज कराया जाएगा। विभाग ऐसे हॉस्पिटल्स के खिलाफ अभियान भी चला रहा है।- डॉ। आशुतोष कुमार दुबे, सीएमओ

Posted By: Inextlive