Gorakhpur News: घर बैठे करें शादी-फंक्शन में खाने का ऑर्डर
गोरखपुर (ब्यूरो)। अब एक-दो नहीं बल्कि सैकड़ों लोगों के लिए घर पर बैठे-बैठे ही खाने की बुकिंग कर सकते हैं। अब गोरखपुर में आप किसी भी फंक्शन के लिए खाने के लिए एक दिन पहले ऑर्डर देकर आप बना बनाया खाना लेकर जा सकते हैं।गोरखपुर मे भी सशक्त हो रहीं महिलाएंजहां देशभर में आज महिलाएं नई-नई बुलंदियों को छू रही हैं, वहीं गोरखपुर में भी कई ऐसी संस्थाएं हैं, जो सैकड़ों-हजारों महिलाओं को फाइनेंशियली तो सपोर्ट कर ही रही हैं, बल्कि उनके अंदर नए-नए आइडिएशन पर भी काम कर रही हैं। कोई सैकड़ों महिलाओं को जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बना रहा है तो कोई उनके अंदर क्रिएटिविटी और उनके कुकिंग स्कील को निखार रहा है। आज महिलाओं को सशक्त करने में ये आर्गनाईजेशन भी बड़ी भूमिका निभा रही हैं।अब घर बैठे करें ऑर्डर
मेरी आशा आर्गनाईजेशन ने एक नई पहल की है, जिसमें कॉन्टेक्ट नम्बर के जरिए ऑर्डर की संख्या के हिसाब से ऑर्डर कर सकते हैं। अगर आपको 10-20 लोगों के लिए खाना ऑर्डर करना हो तो आप बस 5-6 घंटे पहले दे सकते हैं। वहीं अगर आपको इससे ज्यादा लोगों के लिए ऑर्डर करना हो तो एक दिन पहले आप मनपसंद डिश के लिए ऑर्डर कर सकते हैं।
आधी आबादी महिला सशक्तिकरण की ओर
मेरी आशा आर्गनाईजेशन की अन्नू सिंह ने बताया कि उनके ऑर्गनाईजेशन में करीब हजारों महिलाएं जुड़ी हैं। जिसमें लेडिज का एक ग्रुप कुकिंग करती हैं। एक ग्रुप सैनिटरी पैड और एक ग्रुप अचार बनाने का काम करती है। मेरी आशा ग्रुप से हजारों महिलाएं जुडृी हैं। यही वजह है कि आज आधी आबादी महिला सशक्तिकरण की ओर बढ़ रही हैं।सनराईज ने रोशन किया सैकड़ों घरसनराईज एनजीओ उन महिलाओं को रोजगार दे रहा है, जिन महिलाओं की पढ़ाई किसी वजह से रूक गई। तनु उन महिलाओं को आगे बढऩे का मौका दे रही हैं जो पढ़ाई न कर पाने की वजह से नौकरी से वंचित रह गई हैं। सनराईज एनजीओ महिलाओं को कम्प्यूटर, बुटीक, ब्यूटी पॉर्लर, क्राफ्ट वर्क, मेहंदी, विजन कवर, मैकरम वर्क, सॉफ्ट टॉय जैसी चीजों की ट्रेनिंग कराता है, जिससे महिलाओं को भी रोजगार के लिए भटकना न पड़े। आज सनराईज एनजीओ से ट्रेनिंग लेकर महिलाएं खुद सेल्फ डिपेंडेंट बन गई हैं।यहां से करें ऑर्डरअगर आपको खाना और अचार खाने का शौक है, लेकिन बनाने से परहेज है तो उसके लिए आप नंबर पर कॉल कर सकते हैं।-6394117065-9161835957
मेरी आशा संस्था की कोशिश यही है कि संस्था से ज्यादा से ज्यादा लोग लाभांवित हो सकें। आज इस संस्था से हजारों महिलाएं जुड़कर सेल्फ डिपेंडेंट हो चुकी हैं।अन्नू, मेरी आशा ऑर्गनाईजेशनपहले जमाने में लड़कियों, महिलाओं के लिए करियर ऑप्शन रखा ही नहीं जाता। लेकिन, आज समय बदल गया है। महिलाएं सशक्त हो रही हैं। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को रोजगार दूं और उनके टैलेंट को लोगों के सामने रख पाऊं।तनु शर्मा, सनराईज एनजीओ