Gorakhpur Crime News: यूपी एटीएस ने प्रदेश में कूटरचित स्टांप पेपरों और टिकटों की सप्लाई का सिंडिकेट चलाने वाले एक गैंग के मास्टर माइंड नवाब आरजू और उसके साथी राजू कुमार यादव को रविवार की सुबह कैंट इलाके से अरेस्ट किया. जबकि इसके पिता और भांजे सहित सात लोगों को कैंट पुलिस ने पांच माह पहले ही अरेस्ट किया था.

Gorakhpur Crime News: यूपी एटीएस ने प्रदेश में कूटरचित स्टांप पेपरों और टिकटों की सप्लाई का सिंडिकेट चलाने वाले एक गैंग के मास्टर माइंड नवाब आरजू और उसके साथी राजू कुमार यादव को रविवार की सुबह कैंट इलाके से अरेस्ट किया। जबकि इसके पिता और भांजे सहित सात लोगों को कैंट पुलिस ने पांच माह पहले ही अरेस्ट किया था। सभी आरोपित वर्तमान में जेल में हैं, जबकि नवाब आरजू फरार चल रहा था। कैंट पुलिस ने इसके ऊपर इनाम रखा था। बिहार का रहने वाला यह गैंग जाली स्टांप पेपर और टिकट छापकर देश और प्रदेश के विभिन्न जिलों में तस्करी करता था।

सिंडीकेट की जानकारी


एटीएस के अनुसार इस तरह की सूचना मिल रही थी कि प्रदेश में एक सिंडिकेट चल रहा है जो बिहार से कूटरचित भारतीय स्टांप पेपर और कूटरचित स्टांप टिकट छापकर अपने गैंग के सहयोगियों के साथ अलग-अलग जिलों में सप्लाई कर रहा है। इस सूचना की जांच-पड़ताल में बिहार के रहने वाले नवाब आरजू का नाम सामने आया।

आ रहा गोरखपुर


पता चला कि नवाब आरजू अपने कुछ साथियों के साथ गोरखपुर आने वाला है। इस सूचना के आधार पर यूपी एटीएस ने गोरखपुर में रविवार की सुबह नवाब और उसके साथी राजू कुमार यादव को अरेस्ट कर लिया।

स्टांप की तस्करी


यूपी एटीएस के अनुसार नवाब आरजू उर्फ लालू शातिर अपराधी है। वह पहले भी कूटरचित स्टांप पेपरों की तस्करी में जेल जा चुका है। वर्तमान में वह यूपी, बिहार और दिल्ली के विभिन्न जिलों में कूटरचित स्टांप पेपरों और टिकटों की तस्करी कर रहा था। इसी गिरोह के अन्य सक्रिय सदस्यों को पहले ही पुलिस जेल भेज चुकी है। इनमें उसके पिता कमरूद्दीन, भांजे साहबजोदे, ऐश मोहम्मद, रविन्द्र दीक्षित, नन्दलाल प्रसाद और संतोष गुप्ता शामिल हैं। गिरोह के अन्य सक्रिय सदस्य एटीएस के रडार पर हैं। गोरखपुर की कैंट थाना पुलिस गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ आगे की विधिक कार्यवाही कर रही है।

ये हुआ बरामद


गिरफ्तार आरोपियों के पास से 6.94 लाख रुपए मूल्य के कूटरचित भारतीय स्टांप पेपर, 72000 रुपए मूल्य के कूटरचित भारतीय स्टांप टिकट और तीन मोबाइल फोन मिले हैं। उनकी एक क्रेटा कार भी पुलिस ने बरामद की है।

बेटा था फरार


बिहार सिवान मोफस्सिल नई बस्ती के रहने वाले 84 साल का मोहम्मद कमरूद्दीन और उसका नाती साहेबजादे को इससे पहले पुलिस ने पकड़ा था। दोनों ने जाली स्टांप का प्रिंटिंग प्रेस लगाया था। कमरूद्दीन ने अपने ससुर से जाली नोट की छपाई सीखी थी उसके बाद अपने बेटे और नाती को भी सिखाया था। नाती साहेबजादे ने तो असली की तरह जाली स्टांप दिखे इसके लिए सिक्योरिटी फीचर का कोर्स भी किया था। बेटा नवाब फरार चल रहा था।

Posted By: Inextlive