सिटी के एक प्राइवेट स्कूल में पढऩे वाले 12 वर्षीय आयुष को ऑनलाइन गेम खेलने का शौकीन है. आयुष ने हाल ही में अपने पिता के फोन पर एक ऑनलाइन गेम डाउनलोड किया. यह गेम सोशल मीडिया पर एड देख कर डाउनलोड किया गया था. इसके चलते परिवार को लाखों का नुकसान उठाना पड़ा. आयुष की आदत में गेम्स खेलना इस कदर शामिल हो गया है कि वह पढ़ाई-लिखाई छोड़कर दिनभर मोबाइल पर गेम्स खेलने लगा. सोशल मीडिया पर दिखने वाले आकर्षक गेमिंग विज्ञापनों ने उसे गेम डाउनलोड करने के लिए आकर्षित किया और इसी चक्कर में वह स्कैमर्स के जाल में फंस गया.

गोरखपुर: इन दिनों सोशल मीडिया पर ऑनलाइन गेम्स का स्कैम तेजी से बढ़ा है। स्कैमर सोशल मीडिया के माध्यम से फेसबुक और इंस्टाग्राम पर अपने गेम्स की एड चलाते हैैं। यह गेेम्स इतने आकर्षक होते हैैं कि बच्चे इन्हें डाउनलोड करने की सोचने लगते हैैं। बच्चे जैसे इन गेम्स को डाउनलोड करने के लिए लिंक पर क्लिक करते हैैं वो ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार हो जाते हैैं।

कैसे करते स्कैम


ये स्कैमर्स् फर्जी गेमिंग ऐप्स को इस तरह से डिज़ाइन करते हैं कि बच्चों को बिना जानकारी के ही ऐप्स में पेमेंट करना पड़ता है। गेम्स डाउनलोड करने के बाद बच्चों को सोशल मीडिया या इन-गेम विज्ञापनों के जरिये प्रलोभन दिए जाते हैं, और लिंक पर क्लिक करते ही वे स्कैम के शिकार हो जाते हैं। जब तक बच्चों को इस बात का अहसास होता है, तब तक उनके माता-पिता के बैंक खाते से कई बार रकम काट ली जाती है।

केस-1
गीडा के रहने वाले साहिल अपने पिता के मोबाइल से गेम खेला करता था। शाहिल गेम्स का इतना शौकिन था कि स्कुल से आते ही फोन लेकर गेम्स खेलने में लग जाता था। साहिल को जो गेम अच्छा लगता था, उसे वह डाउनलोड कर लेता था। सोशल मीडिया पर स्क्रौल करते हुए साहिल को एक गेम्स दिखा जो उसे काफी आकर्षक लगा। साहिल ने उसे डाउनलोड करने के लिए लिंक पर क्लिक किया। फोन में उस लींक से ïवायरस डाउनलोड हो गया। जिससे फोन का सारा डेटा स्कैमर के पास चला गया। इस तरह साहिल स्कैम का शिकार हो गया।

केस-2
राहुल रानीडिहा के रहने वाले हैैं। गेम्स में इनकी काफी दिलचस्पी है। चुकि राहुल अभी क्लास पांचवी में हैैं तो उनके पास कोई पर्सनल फोन नहीं है। इस लिए वो अपने पिता के फोन से ही गेम खेलते है। राहुल को एक दिन एक आकर्षक गेम दिखता है। जिसको वो डाउनलोड कर लेता है। गेम्स फाइट वाली थी। इस लिए उसमे जो हीरो कैरेक्टर था उसे अपने दुश्मनों से लडऩे के लिए जो वैपन्स चाहिए था सब पर्चेज करना पड़ता है। राहुल गेम खेलने में इतना इंट्रेस्टेड था कि एक के बाद एक ट्रांजेक्सन कर के पिता के बैैंक एकाउंट खाली कर दिया।

ऑनलाइन गेम का प्रचलन इतना तेजी से बढ़ा है कि स्कैमर ऑनलाइन गेम्स पर अपना जाल फैला दिया है। यह स्कैमर बच्चों को ज्यादा टार्गेट कर रहे हैैं। जिससे बच्चे आसानी से इसके शिकार हो रहे हैैं।
आशीष

स्कैम का जाल हर जगह फैल गया है, तो ऑनलाइन गेम्स कैसे बच सकता है। स्कैमरों ने इलिट क्लास के बच्चों को टार्गेट किया है। जो गेम्स के शौकिन भी हैैं और ऑनलाइन ट्रांजेक्सन कैसे करते हैं इसके बारे में भी उनको पता है।
रिया

ऑनलाइन गेम्स् का फ्राड हो या कोई भी फ्रॉड आप तभी स्कैम के शिकार होते हैैं जब आप लालच करते हैैं। ऑनलाइन गेम्स के बारे में यही कहना चाहूंगा की परेंट्स अपने बच्चों को फोन देते हैैं, तो उन पर नजर भी रखें।
सुधीर जायसवाल, एसपी क्राइम

Posted By: Inextlive