Gorakhpur News : जानलेवा हाथी पर फॉरेस्ट डिपार्टमेंट बना 'सफेद हाथी', हाथी के मालिकों की सन 1990 से नहीं बनाई गई लिस्ट
गोरखपुर (ब्यूरो)।हैरान करने वाली बात यह भी है कि 2018-19 में गणना का दावा है कि जिलेभर में कितने हाथी हैैं और कौन इसका ऑनर है। लेकिन इसे भी सार्वजनिक नहीं किया गया। कहीं न कहीं मामले की लीपापोती में जुटा फारेस्ट डिपार्टमेंट अब अपनी ही जांच को लेकर घिरता नजर आ रहा है। नवंबर 2021 से डीएफओ विकास खुद गोरखपुर की कमान संभाले हैं, लेकिन इस घटना के बाद पूरा फॉरेस्ट डिपार्टमेंट सफेद हाथी साबित हो गया है। हाथी का मालिक कौन, अफसरों को पता ही नहीं
बता दें, चिलुआताल थाना अंतर्गत मोहम्मदपुर माफी में एक हाथी ने एक मासूम बच्चा समेत दो महिलाओं को कुचल दिया था। फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने हाथी को ट्रेंक्यूलाइज कर इंजेक्शन का सहारा लिया, लेकिन हाथी के मालिक का अब तक पता नहीं लगा सकी है। जबकि चर्चा इस बात की है कि यह हाथी ग्रामीण विधायक विपिन सिंह का है। लेकिन इस बात की पुष्टि फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के अधिकारी अब तक नहीं कर सके हैैं। जांच के लिए 10 दिन का वक्त
दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के इंवेस्टिगेशन में कई तथ्य चौंकाने वाले सामने आए। दरअसल, वन्य जीव अधिनियम 1972 के तहत वन्य जीव की सूची फॉरेस्ट डिपार्टमेंट को बनानी होती है। सूची में जिलेभर में कितने वन्य जीव हैैं, मालिक कौन है। हाथी को टाइम टू टाइम उसकी मीटिंग से पहले उसके महावत को इस बात की जानकारी देनी थी कि वह इसे बाहर नहीं निकालेंगे। लेकिन यह सब प्रक्रिया धरी की धरी रह गई। जबकि 2018-19 में भी हाथी ने अपना शिकार बनाया था। लिस्ट बनाई गई थी। लेकिन अब तक इस मामले में चार सदस्यीय टीम जांच नहीं कर सकी है। जबकि इस घटना के बाद जिले भर में हाथी पालकों की सूची बनाए जाने का दावा किया जा रहा है। लेकिन इसके लिए 10 दिन का वक्त निर्धारित किया है। वहीं इस मामले की पल-पल रिपोर्ट भी शासन को भेजी जा रही है। शासन से नई गाइडलाइन आने के बाद ही अब हाथी के रजिस्ट्रेशन कराए जाने की बात कही जा रही है। इसके लिए डीएफओ आफिस में आवेदन करना होगा। हाथी ने पहले भी बनाया शिकार फरवरी 2019 - पूर्व मंत्री जितेंद्र कुमार जायसवाल उर्फ पप्पू भैया के पादरी बाजार स्थित फार्म हाउस पर बिदके हाथी ने चारा देने गए महावत रफीक को सूंड़ में लपेटकर पटकने के बाद पैर से दबाकर मार डाला था। 15 वर्ष पहले भी पूर्व मंत्री के हाथी ने अपने महावत को कुचलकर मार डाला था।
1 जुलाई 2019 - कौड़ीराम-गोला मार्ग पर तीयर चौराहे के पास एक तिलक समारोह में पूजन के दौरान हाथी बिदक गया। उसने आधा दर्जन लोगों को घायल कर दिया और कई गुमटियां व वाहन पलट दिए। वन विभाग की टीम के साथ महावत ने किसी तरह हाथी पर काबू पाया।14 जनवरी 2020 - झंगहा के सहसराव गांव में आयोजित यज्ञ कार्यक्रम में गए विधायक विपिन ङ्क्षसह के इसी हाथी ने अपने महावत शब्बीर को पटककर मार डाला था। बाद में महावत के चचेरे भाई असीम ने किसी तरह हाथी को काबू में कर पेड़ से बांध दिया। हाथी मालिक विधायक विपिन ङ्क्षसह ने घटनास्थल पर पहुंचकर दुख जताने के साथ ही महावत के परिजन को आर्थिक मदद का आश्वासन दिया। घटना के बाद वन विभाग की टीम ने हाथी को कब्जे में ले लिया, जिसे बाद में महावत बिना बताए ही लेकर चला गया।चार सदस्यीय टीम मामले की जांच कर रही है। अभी तक की जांच में हाथी के मालिक का पता नहीं चल सका है। महावत भी मौके से भाग गया था, दूसरे गांव से महावत बुलाकर रेस्क्यू करवाया गया था। जांच में 10 दिन का वक्त लगेगा। इसके साथ ही सूची भी जारी की जाएगी।
विकास यादव, डीएफओ