Gorakhpur News: शरीर में पानी की कमी से हो सकता है स्केमिक स्ट्रोक
गोरखपुर (ब्यूरो)। इसमें ज्यादातर श्रमिक वर्ग के लोग हैं, जो धूप में काम करते-करते बेहोश या सुस्त हो गए थे। विशेषज्ञों के अनुसार शरीर में पानी की कमी होने से खून गाढ़ा हो रहा है और यह मस्तिष्क के जिस हिस्से में नहीं पहुंच पा रहा है, उससे संबंधित शरीर का हिस्सा लकवाग्रस्त हो जा रहा है, इसलिए समय-समय पर पानी पीते रहने की जरूरत है.बीआरडी मेडिकल कालेज के न्यूरो सर्जरी विभाग में प्रतिदिन लगभग सौ रोगी पहुंचते हैं। इनमें से पक्षाघात के 25-30 रोगी होते हैं। अप्रैल तक प्रतिदिन पक्षाघात के रोगियों की संख्या छह-सात हुआ करती थी। तेज गर्मी व धूप की वजह से इन रोगियों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। ओपीडी में पहुंच रहे पक्षाघात के रोगियों में सबसे ज्यादा संख्या ग्रामीण क्षेत्र के रोगियों की हैं। इनमें से ज्यादातर तेज धूप में काम करने वाले लोग हैं। किसी का मुंह टेढ़ा हो गया तो किसी का हाथ। किसी के शरीर का एक भाग पूरी तरह सुन्न हो गया। दूसरे-तीसरे दिन एक-दो ऐसे रोगी भी पहुंच रहे हैं, जिनकी उम्र 45 वर्ष से कम है। विशेषज्ञों के अनुसार ज्यादातर रोगी उच्च रक्तचाप व मधुमेह के शिकार हैं। इन रोगियों में से 70 प्रतिशत को पता ही नहीं था कि उन्हें उच्च रक्तचाप व मधुमेह है। जांच में पता चला कि सभी का उच्च रक्तचाप 115-200 एमएमएचजी (पारे का मिलीमीटर) से अधिक और मधुमेह 300 मिलीग्राम से ज्यादा था। यह हैं लक्षण-बोली में लडख़ड़ाहट.-शरीर के एक तरफ के हिस्से में कमजोरी.-आधे चेहरे, एक तरफ के हाथ-पैर में कमजोरी.-एक तरफ के हाथ-पैर का काम न करना.-सिर में तेज दर्द.-उल्टी और चक्कर आना.-भ्रम की स्थिति होना.-सांस लेने में दिक्कत.-बेहोशी।इसका रखें ध्यान-रक्तचाप व मधुमेह के रोगी तेज धूप से बचें। -शरीर में पानी की कमी न होने दें.-प्यास न लगने पर भी कुछ अंतराल पर पानी पीते रहें.-बिस्तर छोडऩे के बाद थोड़ा व्यायाम अवश्य करें.-जरूरी होने पर सिर, हाथ-पैर अच्छी तरह ढंककर ही बाहर निकलें.-रक्तचाप की नियमित जांच कराएं.-कोलेस्ट्राल नियंत्रित रखें.-भोजन में नमक की मात्रा सीमित रखें।तेज गर्मी व धूप की वजह से पक्षाघात के रोगियों की संख्या बढ़ गई है। प्रतिदिन ओपीडी में 25-30 प्रतिशत लकवा के रोगी आ रहे हैं। इनमें से ज्यादातर श्रमिक वर्ग से हैं। शरीर में पानी की कमी से स्केमिक स्ट्रोक की समस्या ज्यादा हो रही है। -डा। त्रिपुरारी पांडेय, न्यूरो सर्जन, बीआरडी मेडिकल कालेज
तेज गर्मी की वजह से निर्जलीकरण की समस्या हो रही है। इसकी वजह से पक्षाघात के रोगियों की संख्या बढ़ गई है। इसमें 45 वर्ष से कम उम्र के युवा भी हैं। हालांकि इनकी संख्या कम है। ज्यादातर रोगी 50 वर्ष से अधिक उम्र के हैं। -डा। अविजित सरकारी, न्यूरो सर्जन