Gorakhpur News : कोरोना व इंफ्लूएंजा के कॉमन सिम्प्टम्स, डायग्नोसिस से पहले 'किट का टेस्ट'
गोरखपुर (ब्यूरो)।कोरोना जैसे लक्षण वाले नए इफ्लुएंजा एच3एन2 वायरस से डरे लोग इसका कंफर्मेशन कराने में भी नाकाम हैं। ऐसा इसलिए कि अब तक इसके लिए न तो बीआरडी मेडिकल कॉलेज में जांच किट आई है और न ही जिला अस्पताल के पास ही ऐसी कोई किट मौजूद है, जिससे इसकी पहचान की जा सके। ऐसे में मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने इसके जांच किट को लेकर आईसीएमआर और माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट से जानकारी मांगी है। कोरोना जैसे हैैं इंफ्लूएंजा के लक्षण
इंफ्लूएंजा एच3एन2 वायरस से दो मरीजों की मौत के बाद से केंद्र और राज्य सरकार पूरी तरह से अलर्ट है। लेकिन अभी तक इस बीमारी से निपटने और इसके एसओपी जारी नहीं की गई है। ऐसे में हेल्थ डिपार्टमेंट पूरी सतर्कता बरत रहा है। जिला अस्पताल के ओपीडी में सर्दी जुकाम के मरीजों के 20 प्रतिशत तक इजाफा हुआ है। मौसम के उतार-चढ़ाव के बीच यह सामान्य बीमारी मानी जा रही है, लेकिन दिल्ली समेत दूसरे राज्यों में इंफ्लूएंजा वायरस का खतरा बढऩे डॉक्टर इसे सामान्य वायरस बताने से भी कतरा रहे हैं। खांसी के साथ बुखार आने की शिकायत लिए मरीजों की संख्या बढ़ी है। ऐसे मरीजों को घुटन की भी शिकायत है। माइक्रो बॉयोलोजी डिपार्टमेंट के एचओडी प्रो। डॉ। अमरेश कुमार सिंह ने बताया कि कोरोना का लक्षण इंफ्लूएंजा वायरस सेम है, ऐसे में जब तक आरटीपीसीआर जांच नहीं की जाती है, तब तक इस वायरस का पता नहीं लगाया जा सकता है। एंटीजन किट से इस बीमारी का पता नहीं लगाया जा सकता है। जबतक की आरटीपीसीआर नहीं होगी। आरटीपीसीआर की जांच के लिए बीआरडी मेडिकल कॉलेज तैयारियों में जुटा हुआ है। एक सप्ताह में बढ़े मरीज वहीं जिला अस्पताल के चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ। गौरव गणेश ने बताया कि मौसम में परिवर्तन से मरीजों की संख्या बढ़ी है। एक सप्ताह में सर्दी-बुखार के मरीज 40 फीसदी बढ़े हैैं। प्रतिदिन 20-25 बच्चे इस वायरस से पीडि़त होकर पहुंच रहे हैैं, यह इंफ्लूएंजा वायरस ही है, लेकिन कोरोना जैसा दिख रहा है। बच्चे गंभीर रूप से सांस की बीमारी, खांसी और निमोनिया जैसी तकलीफ से पीडि़त होकर पहुंच रहे हैैं। सर्दी, जुकाम और बुखार वाले मरीजों को घबराने की जरुरत नहीं है। बीमार होने पर वह जिला अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचेंगे तो उन्हें प्रॉपर इलाज मिलेगा। सभी सीएचसी-पीएचसी पर भी इलाज की सारी सुविधा है। इंफ्लूूएंजा वायरस को लेकर जैसे ही गाइडलाइन आती है। उसके हिसाब से जांच किट प्रोवाइड की जाएगी।- डॉ। आशुतोष कुमार दुबे, सीएमओ