Gorakhpur News : जिला अस्पताल में दिखा सुधार, रूरल के अस्पतालों में भी मैली चादर
गोरखपुर (ब्यूरो)।नियमानुसार प्रतिदिन कलर कोड के हिसाब से बेडशीट बदलने का आदेश है। हालांकि, गुरुवार को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के खुलासे के बाद जिला अस्पताल प्रशासन हरकत में नजर आया। यहां पलंग में साफ चादर बिछाए गए और पेशेंट्स को कंबल भी दिए गए। बता दें, दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने 5 जनवरी को 'बीआरडी-जिला अस्पताल में मैली चादर क्योंकि, ड्रायर मशीन और प्रेस खराबÓ खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी। इसका असर जिला अस्पताल में नजर आया। वार्ड में पेशेंट्स को साफ चादर दिए गए और सभी बेड में कंबल भी दिए गए। लॉन्ड्री में भी बड़ी संख्या में चादर को रेडी किया गया, ताकि पेशेंट्स को कोई परेशानी नहीं हो। सहजनवां सीएचसी में बेडशीट गंदी
सहजनवां सीएचसी में सामने आया कि वार्ड में बिना बेडशीट के पेशेंट्स सुलाए गए हैं। बेडशीट की कंडीशन भी ठीक नहीं दिखाई दी। कई बेड पर तो बेडशीट ही नहीं नजर आई। वहीं, ईटीसी वार्ड के बेड संख्या 10 पर घनश्यामनगरी की शीला देवी एडमिट थीं, उन्हें जिस बेड पर सुलाया गया था। उस पर बेडशीट नहीं नजर आई। इसके बाद जनरल वार्ड में भी किसी बेड पर बेडशीट नहीं थी। जो बिस्तर पर लगाई गई थी। वह भी गंदी नजर आई। इस संबंध में सीएचसी के अधीक्षक डॉ। ब्यास कुशवाहा ने कहा, पेशेंट्स के लिए बेड पर बेडशीट बिछाई जाती है। कभी-कभी पेशेंट्स के साथ आने वाले परिजन बेडशीट फेंक देते हैं। दो से तीन दिन में बेडशीट चेंज की जाती है। गगहा सीएचसी मेें बेडशीट ही नहीं 30 बेड वाली गगहा सीएचसी में सभी बेड खाली थे। बेड पर बेडशीट और कंबल तक नहीं थे। जेएसवाई वार्ड में सिहाईजपार निवासी सीमा का ट्रीटमेंट चल रहा था। बेड पर बेडशीट साफ नजर आई। इस दौरान अटेंडेंट ने कहा, अस्पताल में पेशेंट तो एडमिट कर लिए जाते हैं, लेकिन बेडशीट मांगने पर स्टाफ नहीं देता है। जो मिलती भी है, उस पर दाग लगा होता है। प्रभारी ने कहा, बेडशीट और कंबल की धुलाई के लिए टेंडर के जरिए एजेंसी नामित है। एजेंसी लोकल माध्यम से बेडशीट और कंबल की धुलाई मानक के अनुसार कराती है। एजेंसी कर्मी हर दूसरे दिन अस्पताल से संक्रमित बेडशीट लेने आते हैं। चौरीचौरा सीएचसी में काम की बेडशीट नहीं
चौरीचौरा सीएचसी में सिर्फ दो पेशेंट सायरा बानो और नीलू देवी को डिलेवरी के लिए एडमिट कराया गया है। इस दौरान उन्हें बेडशीट दी गईं, लेकिन वह भी किसी काम के नहीं थे। प्रभारी आरपी सिंह ने बताया, बेडशीट की धुलाई एजेंसी के जरिए कराई जाती है। बेड पर पड़े गंदे बेडशीट का हटवा दिया जाता है यदि बदलने नहीं तो हैं तो स्टाफ की लापरवाही होती है। इसलिए इसकी निगरानी खुद करता हूं।