जिला महिला अस्पताल में बने 100 बेड मैटरनिटी विंग का आईसीयू छह साल से ताले में बंद है. अस्पताल का संचालन तो किया जा रहा है लेकिन क्रिटिकल पेशेंट्स के लिए दी गई छह बेड के आईसीयू की सुविधा अब तक शुरू नहीं हो पाई है. यह हाल तब है जब सीएम योगी आदित्यनाथ ने जिला अस्पताल के 100 बेड मैटरनिटी विंग अस्पताल का उद््घाटन किया था.

गोरखपुर: जिला महिला अस्पताल में बने 100 बेड मैटरनिटी विंग अस्पताल का संचालन पीपीपी मॉडल पर किया जाना था। दो करोड़ के उपकरण खरीदे गए, जो मैटरनिटी विंग में रखे गए। लेकिन संचालन करने वाली फर्म ने हाथ खड़े कर दिए। इसके बाद शासन के फरमान पर अस्पताल प्रशासन ने आनन-फानन में मैटरनिटी विंग अस्पताल को संचालित करने का मन बनाया। इसके लिए एनएचएम के जरिए डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती की गई।

वर्ष 2019 में उद्घाटन


100 बेड मैटरनिटी विंग के अस्पताल का संचालन करने के लिए अस्पताल प्रशासन की ओर से तैयारियां पूरी की गईं। 27 जनवरी 2019 को सीएम योगी आदित्यनाथ ने अस्पताल का उद्घाटन किया। इसके बाद अस्पताल का संचालन शुरू कर दिया गया, लेकिन स्टाफ की कमी के चलते आज भी अस्पताल में बने वेंटिलेटर युक्त छह बेड का आईसीयू धूल फांक रहा है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि आईसीयू चलाने के लिए एमडी फिजिशियन विशेषज्ञ और एनेस्थेटिस्ट की जरूरत होती है। विशेषज्ञ नहीं मिलने की वजह से आईसीयू का संचालन नहीं हो पा रहा है।

क्रिटिकल पेशेंट रेफर


जिला महिला अस्पताल में प्रतिदिन लगभग 10 गर्भवती का सीजेरियन होता है। वहीं, करीब 15 से 20 का नार्मल डिलेवरी कराया जाता है। यही नहीं चार से पांच क्रिटिकल पेशेंट्स को बीआरडी मेडिकल कॉलेज रेफर किया जाता है। संसाधनों से लैस अस्पताल होने के बाद भी पेशेंट्स को इलाज के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है।

अस्पताल के आईसीयू संचालित करने के लिए ट्रेंड स्टाफ और एनेस्थेटिस्ट की जरूरत है। शासन को डिमांड भेजी गई है।
डॉ। जय कुमार, एसआईसी महिला अस्पताल

Posted By: Inextlive