अगर आप ऑनलाइन शॉपिंग के शौकीन हैं और ऑनलाइन गीता प्रेस या अन्य प्रकाशन की किताब खरीदने की सोच रहे हैं तो सावधान हो जाएं. ऑनलाइन एप आपके कपड़े ज्वेलरी के लिए पॉकेट फ्रेंडली हो सकते हैं.


गोरखपुर (ब्यूरो)। लेकिन, आपके लिए गीता प्रेस या अन्य धार्मिक किताबों के लिए की गई ऑनलाइन शॉपिंग महंगी पड़ सकती है। जहां पर गीता प्रेस की हनुमान चालीसा की किताब बस तीन से 10 रुपये में मिलती है, वहीं फ्लिपकार्ट पर उसके दोगुने दाम से भी ज्यादा वसूले जा रहे हैं।कीमत सिर्फ 3 रुपयेगीता प्रेस की पॉकेट हनुमान चालीसा की कीमत सिर्फ तीन रुपये है, वहीं फ्लिपकार्ट पर हनुमान चालीसा की प्राइज कहीं 149 रुपए है तो कहीं 154 रुपये है। साथ ही कहीं इससे भी ज्यादा दिखाए जा रहे हैं। अन्य प्रकाशन में हनुमान चालीसा की कीमत 200-300 से भी ज्यादा है।गीता प्रेस की वेबसाइट पर धार्मिक किताबों के प्राइजगीता तत्व विवेचनी 400 रु।श्रीमद्भागवत गीता 170 रु।संक्षिप्त महाभारत 380 रु।श्री विष्णु पुराण 200 रु।श्रीमद्वाल्मिकी रामायण 350 रु।सुंदरकांडम 35 रु।दुर्गा सप्तशती 50 रु।


श्री हनुमान चालीसा 3 से 10 रु।

फ्लिपकार्ट पर धार्मिक किताबों के प्राइजश्री रामचरितमानस 629 रु।सुन्दरकांड 156 रु।श्री दुर्गा सप्तशती 183 रु।श्री विष्णु पुराण 220 रु।श्रीमद्भगवत गीता 447 रु।श्रीमद्वाल्मिकी रामायण 630 रु।श्री हनुमान चालीसा 138 रु।ऑनलाइन एप के खिलाफ गीता प्रेस ने की शिकायत

गीता प्रेस के प्रबंधक लाल मणि त्रिपाठी ने बताया कि उन्होंने मनचाहे दाम पर गीता प्रेस की किताबों के बेचने वाले शॉपिंग एप की शिकायत भी की, लेकिन अभी तक ऑनलाइन एप ने इस पर कोई रिस्पांस नहीं दिया।गीता प्रेस के किताबों से जुड़ी विशेष श्रद्धागीता प्रेस की धार्मिक किताबों की डिमांड बढ़ी हुई है। भले ही गीता प्रेस के किताबों का ई-संस्करण लांच कर दिया गया है। लेकिन, फिर भी लोगों के मन में गीता प्रेस के किताबों के लिए विशेष श्रद्धा है। इसकी वजह से लोग आज भी गीता प्रेस की किताबों को अपने पूजा घर में स्थान दिए हुए हैं। भले ही गीता प्रेस ने अपना ई-संस्करण लांच कर दिया हो, लेकिन फिर भी लोगों में गीता प्रेस की किताबों को सहेजा और पूजा की जाती है।गीता प्रेस की किताबों को बढ़ाकर बेचने वाले शॉपिंग एप की शिकायत मेल की गई है। लेकिन, अभी तक मेल का कोई जवाब नहीं आया है। इसीलिए गीता प्रेस की किताबों को खरीदने के लिए गीता प्रेस की वेबसाइट का इस्तेमाल करें।देवी दयाल अग्रवाल, ट्रस्टी, गीता प्रेस

Posted By: Inextlive