डॉक्टर को हमारी संस्कृति में भगवान का दूसरा रूप कहा जाता है. बीमार मरीज का इलाज करना और उसे नई जिंदगी मिले यही हर डॉक्टर की कोशिश होती है.


गोरखपुर (ब्यूरो)। डॉक्टर और पेशेंट के बीच आत्मीयता वाले संबंध होता है, एक मरीज के ठीक होने के बाद जितनी खुशी उसे खुद या उसके परिवार को होती है, उतनी ही खुशी उस मरीज के डॉक्टर को भी होती है, मेडिकल फील्ड महज एक पेशा भर नहीं है। यह सेवा भाव के साथ जुड़ा क्षेत्र है। इसी सेवा भाव को सिटी के कई डॉक्टर परिवार कई दशकों से आगे बढ़ा रहे हैं, जिनकी कई पीढिय़ां बतौर डॉक्टर अपनी सेवाएं दे रही है। नेशनल डॉक्टर्स डे के मौके पर पेश है सिटी के ऐसे ही कुछ डॉक्टर पर स्पेशल रिपोर्ट। चार पीढ़ी से हैं लोग डॉक्टर


हमारे यहां चार पीढ़ी के लोग डॉक्टर हैं। मेरे दादा स्व। आर गुलाटी ने सन 1929 में डेंटल की प्रैक्टिस शुरू की। इसके बाद पिता स्व। डॉ। डी गुलाटी, डॉ। राजीव गुलाटी, मैं एमडीएस, मेरी वाइफ डॉ। मधु गुलाटी गायनोलॉजिस्ट है। वहीं, बेटा आयुष गुलाटी डेंटल कॉलेज की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। बहू तारूषी गुलाटी एमडीएस है। इसके अलावा बेटी डॉ। साक्षी गुलाटी 2013 में एमडीएस की। शादी होने के बाद इस समय वह चेन्नई में हैं।

मेडिकल प्रोफेशन चुनने की सबसे बड़ी वजह यह है कि यह एक अच्छी फील्ड होने के साथ-साथ इसमें सेवा भाव भी होता है। इसमें काम करके आपको बेहद खुश होती हैं। हर डॉक्टर अपनी तरफ से सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करता है। हालांकि, हाल के दिनों में पेशेंट्स में डॉक्टर के प्रति विश्वास कम हुआ है। यह चीज दूर करने की जरूरत है। डॉ। राजीव गुलाटी, डेंटिस्ट अविजित सरकारी के परिवार में तीन पीढिय़ों से है डॉक्टर

मेरे परिवार में तीन पीढिय़ों से डॉक्टर चले आ रहे हैं। मेरे फादर स्व। डॉ। एनबीएस सरकारी बीआरडी मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन विभाग के एचओडी थे। उन्होंने बताया कि मैं न्यूरो सर्जन हूं, मेरी वाइफ डॉ। छवि सरकारी गायनोलॉजिस्ट है। बहन अमृता सरकारी जयपुरियार गाइनो, भाई अनुज सरकारी गैस्ट्रो, भाभी माधुवी सरकारी मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन विभाग की डॉक्टर हैं, जबकि बहनोई डॉ। नवनीत जयपुरिया कार्डियोलॉजिस्ट है। बेटा रवि शेखर न्यूरोलॉजिस्ट है। जो इस समय इंग्लैंड में हैं, जबकि छोटा बेटा डॉ। सागर सरकारी बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हड्डी रोग विभाग में हैं। वहीं, अनुज सरकारी के बेटी अनुष्का सरकारी गायनोलॉजिस्ट है। बेटा अमृत सरकारी एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं। यह हमारा समर्पित एंड सेटिस्फाइड फैमिली फंडा है, क्योंकि हम लोग अपना काम करने में खुशी महसूस करते है और हमारे पेशेंट भी खुश हैं। परिवार में डॉक्टर बनने की बड़ी वजह एक-दूसरे से इंस्पायर होना है। यह एक ऐसा पेशा है जो आपकी पेशेंट के ठीक होने पर खुश होने का मौका देता है। डॉ। अविजित सरकारी मेडिकल प्रोफेशन सबसे अच्छा बीआरडी मेडिकल कॉलेज स्त्री व प्रसूति रोग विभाग की एचओडी रही मैं डॉ। रीना श्रीवास्तव ने बताया कि उनके परिवार मेें दो पीढिय़ों के लोग डॉक्टर हैं। उनके पति डॉ। राजेश कुमार सिटी में ही फिजिशियन है, जबकि बेटा डॉ। रजत कुमार नेत्र रोग विशेषज्ञ है। जो प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं। वहीं बहू डॉ। अमृता सक्सेना बीआरडी मेडिकल कॉलेज स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर सेवा दे रही हैं। वहीं, बेटी डॉ। रितिका श्रीवास्तव चर्म रोग विशेषज्ञ है जो कि अग्रोहा मेडिकल कॉलेज हिसार हरियाणा में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर है। वहीं, दामाद डॉ। शेखू बिश्नोई मानसिक रोग विभाग में कार्यरत है। परिवार में सभी लोग डॉक्टर हैं। पेरेंट्स को देखकर उनको फॉलो करते हैं। यह प्रोफेशन अच्छा है इसलिए डॉक्टर बनना एक बड़ी बात है। डॉ। रीना श्रीवास्तव, स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ सेवा भाव और काम करना अच्छा लगता है
सिटी की जानी-मानी गायनो डॉ। सुरहिता करीम ने बताया कि उनके परिवार में दो पीढ़ी से डॉक्टर हैैं, मेरे पति डॉ। विजाहत करीम शहर के जाने माने जनरल सर्जन है। बेटा जिशांक करीम यूरोलॉजिस्ट है। इस समय वह लंदन में पढ़ाई कर रहा है। हमारे परिवार में डॉक्टर है, क्योंकि इस फील्ड में सेवा भाव और काम करना अच्छा लगता है। इसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता। हम लोग अपने पेरेंट्स से प्रेरणा लेकर ही डॉक्टर बने हैं। डॉ। सुरहिता करीम, गायनोलॉजिस्ट

Posted By: Inextlive