अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स गोरखपुर के चर्म रोग विभाग में बाल प्रत्यारोपण शुरू हो गया है. फालिक्यूलर यूनिट एक्सट्रैक्शन एफयूई विधि से बाल प्रत्यारोपण में 12 से 14 घंटे लग रहे हैं.


गोरखपुर (ब्यूरो)। चर्म रोग विभाग में नई विधि से बाल का प्रत्यारोपण शुरू- लगभग 15 सौ रुपये खर्च, बाहर एक लाख रुपये से ज्यादा

प्रत्यारोपण के बाद व्यक्ति या महिला घर भी जा सकती है। खास बात यह है कि एम्स में अधिकतम 15 सौ रुपये में बाल प्रत्यारोपण होगा। निजी अस्पतालों में इसका खर्च एक लाख रुपये से ज्यादा होता है।


कभी बुजुर्गों में बाल गिरने के मामले आते थे। अब 17 वर्ष और इससे ज्यादा उम्र के किशोर व युवाओं में बाल झडऩे के मामले बढ़े हैं। इसकी वजह पोषणयुक्त खानपान का इस्तेमाल न करना, प्रदूषण और तनाव का बढऩा है। कम उम्र में गंजापन की बढ़ती समस्या ने बाल प्रत्यारोपण की तरफ लोगों का रुझान बढ़ा दिया है। इसे देखते हुए एम्स गोरखपुर का चर्म रोग विभाग भी आगे आया है। हालांकि इच्छुक लोगों की संख्या तेजी से बढऩे के कारण प्रत्यारोपण के लिए कुछ महीने इंतजार करना पड़ सकता है।60 से 70 बाल रोजाना गिरना सामान्य

एम्स के चर्म रोग विभागाध्यक्ष डा। सुनील गुप्ता ने कहा कि 60 से 70 बाल रोजाना गिरना सामान्य बात है। बाल रोजाना जमते हैं और गिरते हैं लेकिन इससे ज्यादा बाल गिरें तो यह समस्या है। इसका निदान कराना जरूरी होता है। एम्स में सबसे ज्यादा 24 से 36 वर्ष आयु वर्ग वाले आ रहे हैं। इनमें पुरुषों की संख्या ज्यादा है। एफयूई तकनीक काफी सफल है। जड़ से बाल को निकालकर प्रत्यारोपण किया जाता है। यह प्राकृतिक बाल होता है। यह समय के साथ बढ़ता है। बाल कटवाया और कलर भी कराया जा सकता है। डा। सुनील गुप्ता, विभागाध्यक्ष, चर्म रोग विभाग, एम्स गोरखपुरएम्स में तेजी से नई तकनीक का इस्तेमाल शुरू हो रहा है। हमारी कोशिश है कि किसी भी समस्या को लेकर रोगी आए तो उसका निदान हो सके। सभी डाक्टर और कर्मचारी काफी मेहनत से एम्स को आगे बढ़ाने में जुटे हैं।प्रो। गोपाल कृष्ण पाल, कार्यकारी निदेशक व मुख्य कार्यपालक अधिकारी, एम्स गोरखपुर

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