योजनाओं की कार्ययोजना तैयार करने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करने प्रमुख योजनाओं की निगरानी करने से लेकर तकनीकी डेटा की व्याख्या करने का काम तेज हो सकेगा. जीडीए ने इसके लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट पीएमयू का गठन किया है. जीडीए ऐसा करने वाला प्रदेश का पहला प्राधिकरण है. इसके लिए हर महीने प्राधिकरण को करीब 5.5 लाख रुपये खर्च करने होंगे और इससे 11 से 12 युवाओं को रोजगार मिल सकेगा.


गोरखपुर (ब्यूरो)।जीडीए में वीसी के रूप में कार्यभार संभालने के बाद महेंद्र ङ्क्षसह तंवर ने आधुनिक कार्यशैली के लिए पीएमयू के गठन का निर्णय लिया। इसके लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) जारी किया गया है। करीब एक महीने में कई फर्मों की ओर से काम करने की इच्छा जताई गई। सबसे कम पैसे में काम करने के लिए लखनऊ की फर्म तैयार हुई। इस फर्म की ओर से करीब 5.5 लाख रुपये प्रतिमाह खर्च पर काम करने पर सहमति जताई है, जबकि दूसरे नंबर पर बोली लगाने वाली गुरुग्राम की फर्म ने हर महीने करीब 17 लाख रुपये का खर्च दर्शाया था। जल्द ही लखनऊ की फर्म से अनुबंध कर काम शुरू कर दिया जाएगा। इससे योजनाएं जल्दी पूरी होंगी और लोगों को लाभ होगा।पीएमयू में होंगे ये विशेषज्ञ


पीएमयू का नेतृत्व नगर नियोजक करेंगे। इस टीम में अर्बन डिजाइनर, ट्रांसपोर्ट प्लानर, सिविल इंजीनियर, स्ट्रक्चरल इंजीनियर, वित्त विशेषज्ञ व रिमोर्ट सेंङ्क्षसग विशेषज्ञ आदि शामिल होंगे। वर्तमान में जीडीए में आर्किटेक्ट एवं स्ट्रक्चरल इंजीनियर का पैनल गठित है, उन्हीं से काम कराया जाता है।तीन वर्ष के लिए गठित है पीएमयू

पीएमयू की स्थापना तीन वर्ष के लिए की जाएगी। बाद में इसे दो वर्ष के लिए बढ़ाया जा सकता है। इसके सदस्यों को प्राधिकरण समय-समय पर बदल भी सकेगा।

ये होगा फायदाजीडीए की आने वाली समूह आवासीय योजना, सांस्थानिक प्रशासनिक भवन, नगर नियोजन आदि परियोजनाओं का विस्तृत सर्वे करेगी। विस्तृत डिजाइन, ड्राइंग एवं टेंडर प्रपत्र तैयार करने की जिम्मेदारी भी इसी यूनिट के पास होगी।पीएमयू के गठन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। फर्म का चयन किया जा चुका है और जल्द ही काम भी शुरू कर दिया जाएगा। परियोजनाओं को अब और तेज व बेहतर तरीके से पूरा किया जा सकेगा। जीडीए ऐसा पहला प्राधिकरण है जहां पीएमयू गठित होने जा रही है।महेंद्र ङ्क्षसह तंवर, जीडीए वीसी

Posted By: Inextlive