डेंगू के दस्तक से पहले ही हेल्थ डिपार्टमेंट डेंगू मच्छरों पर कड़ा प्रहार करने की रणनीति बनाई. इस बार बीमारी फैलने से पहले ही नियंत्रण के उपायों के साथ ही व्यापक जन जागरूकता शुरू की. ऊंची इमारतों में रहने वाले लोगों को जागरूक करने के लिए उनकी वेलफेयर सोसाइटियों के साथ मीटिंग भी की. डेंगू मच्छर साफ पानी में पनपते है कि जानकारी फैलाने के साथ बताया गया कि एसी से टपकने वाले साफ पानी व फ्रिज के निचले हिस्से की नमी भी इसके लिए पर्याप्त होती है. इसके अलावा छतों पर रखी पानी की टंकियां व उनके आसपास पड़े खाली बर्तन टायर आदि भी मच्छरों को पनपने का अवसर देते हैं.

गोरखपुर: हेल्थ डिपार्टमेंट ने डेंगू मच्छरों के नियंत्रण के लिए जो एक्शन प्लान तैयार किया जो कारगर साबित हुआ। जहां पिछले साल 276 डेंगू के मामले सामने आए थे। अब वह इस साल घटकर 128 तक पहुंचा है। डेंगू पर लगाम लगाने के लिए विभाग ने सबसे अधिक फोकस वीआईपी कॉलोनियों और ऊंची इमारत वाली कॉलोनियों पर किया। साथ ही नगर निगम के अफसरों के सहयोग से मीटिंग की। जब जून के दूसरे सप्ताह से कॉलोनियों के सचिवों के साथ मीटिंग की गई। इसमें डेंगू वाले मच्छरों की रोकथाम के लिए जागरूक किया गया।

किए कारगर उपाय


जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने बताया कि शहर में डेंगू की रोकथाम के लिए कारगर उपाया सोचा गया और उसी पर काम हुआ। सिटी के वीआईपी कॉलोनी, कई अपार्टमेंट और मेडिकल कॉलेज रोड स्थित ऊंची इमारत वाली कॉलोनी पर फोकस किया। वहां सर्विलांस टीम भेजकर हर घ्ज्ञर की जांच कराने के साथ ही लोगों को डेंगू बचाव के बारे में जागरूक किया गया। इसका नतीजा रहा कि इन कॉलोनियों में डेंगू के केस बहुत कम मिले।

पूरे साल मानिटरिंग


मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने बताया कि जुलाई से नंवबर तक डेंगू के केस देखने को मिलते हैं। मानसून के प्रारंभ से लेकर छठ पूजा तक पब्लिक का आना जाना ज्यादा होता है। पिछले साल की तरह इस वर्ष भी हॉट स्पाट को चिन्हित किया। इन हॉट स्पाट एरिया में हेल्थ डिपार्टमेंट की डोमेस्टिक चेकर और नगर निगम के सुपरवाइजर, सफाई कर्मियों को लगाया गया। डोमेस्टिक चेकर को 20 भागों में बांट दिया जाता है। इसमें कुल 40 मेंबर्स है। जुलाई से नवंबर पीक अवर में उन्हें अलग-अलग जोन की जिम्मेदारी दी गई। टीमें डोर-टू-डोर जाती हैँ। लोगो को जागरूक करती है। प्रतिदिन एक टीम करीब 100 घरों को चेक करती है। अवेयर करने के साथ ही घर के अंदर एकत्र पानी दिखाती है और उसे हटवाती है। इस तरह से टीमें आसपास के एरिया को कवर करते हैं। जिस इलाके में केस मिलता है। वहां सोर्स रिडक्शन, एटी लार्वा का छिड़काव और नगर निगम के सहयोग से फागिंग करवाया जाता है।

340 आशाएं करतीं जागरूक


बताया कि 23 अर्बन पीएचसी में कुल 340 आशाएं काम करती हैं। संचारी रोग अभियान के तहत ये अपने-अपने एरिया में डोर-टू-डोर भ्रमण कर मच्छर जनित बीमारियों के बारे में विस्तृत जानकारी देती है। साथ ही इलाज, जांच आदि के बारे में भी सलाह देती है और प्रचार प्रसार सामग्री का भी वितरण करती हैं।

रैपिड रेस्पांस टीम


मलेरिया व फाइलेरिया इंस्पेक्टर के थ डोमेस्टिक चेकर की टीम की निगरानी में जांच कराई जाती है। इतना नहीं अगर किसी इलाके में डेंगू के केसेज मिलते हैं तो वहां टीम पहुंचकर दवाओं के छिड़काव के साथ साफ-सफाई और फागिंग करवाती है। इसके अलावा डेंगू के पेशेंट के घर का विजिट करती है। डोमेस्टिक चेकर टीम रेगुलर उनकी मानिटरिंग भी करते हैं। ताकि केसेज में इजाफा ना हो। साथ ही लोगों को जागरूक भी करती है।

हाट स्पाट एरिया


बेतियाहाता
बिछिया
छोटेकाजीपुर
सिविल लाइंस
दीवान बाजार
गोरखनाथ
हुमायंूपुर
अधियारीबाग
जटेपुर
झरना टोला
मोहद्दीपुर
पुर्दिलपुर
शाहपुर
तारामंडल

डेंगू के लक्षण


-अकस्मात तेज सिर दर्द व बुखार का होना
-मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना
-आंखों के पीछे दर्द होना, जो कि आंखों को घुमाने स बढ़ता है
-जी मचलाना व उल्टी होना
-गंभीर मामलों में नाक, मुंह, मसूड़ों से खून आना अथवा त्वचा पर चकत्ते उभरना

डेंगू से कैसे बचें


-डेंगू फैलाने वाला मच्छर ठहरे हुए साफ पानी में पनपता है। कहीं आपके घर में या आसपास पानी तो जमा नहीं हे? जैसे कि कूलर, पानी की टंकी, पक्षियों के पीने के पानी का बर्तन, फ्रिज की ट्रे, फूदलदान, नारियल का खोल, टूटे हुए बर्तन व टायर इत्यादि
-पानी से भरे हुए बर्तनों व टंकियोंं आदि को ढ़क कर रखें
-कूलर को खाली करके सुखा दें
-यह मच्छर दिन के समय काटता है। ऐसे कपड़े पहले जो बदन को पूरी तरह ढ़कते हों
-डेंगू के इलाज के लिए कोई खास दवा या टीका नहीं है। बुखार होने पर डॉक्टर्स से सलाह लें

डेंगू ना पहनपे इसके लिए पहले से ही प्लानिंग की जाती है। इसके लिए डोमेस्टिक चेकर की 20 टीम का गठन किया जाता है। जो चिन्हित हाट स्पाट वाले इलाके का सर्वे करती है। नगर निगम का भी पूरा सहयोग रहता है। टीमें डोर-टू-डोर पहुंच कर लोगों को बीमारी के बारे में जागरूक करती है और प्रचार प्रसार सामाग्री भी वितरित करती है। इसी का नतीजा है कि पिछले साल की अपेक्षा इस साल कम डेंगू के केसेज सामने आए हैं।
अंगद सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी

Posted By: Inextlive