घरों से ही गीला-सूखा कूड़ा अलग करके नगर निगम कर्मियों को देने की कवायद या अवहेलना पर जुर्माने संबंधी शासनादेश से विरोध के सुर उभरे हैं.


गोरखपुर (ब्यूरो)।निवर्तमान पार्षदों और पब्लिक ने नाराजगी जताते हुए कहा कि पहले व्यवस्थाएं दुरुस्त की जाएं, फिर नए-नए नियम पब्लिक पर थोपे जाएं। एक तो डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन नहीं हो रहा है। कई जगहों पर हफ्ते में एक में एक दिन कूड़ा घरों से उठ रहा है। कुछ जगहों पर हालत ऐसी है कि कूड़ा उठाने वाले कर्मचारियों का अता पता नहीं है। ऐसे में लोगों पर ही चाबुक चलाना उचित नहीं है। यह तब है जब नगर निगम पहले से टैक्स वसूल रहा है। वहीं, निवर्तमान पार्षदों का कहना है कि इस तरह के कदम तभी उठाने होंगे, जब शत प्रतिशत डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की व्यवस्था कर ली जाए। इसके पहले नागरिकों के ऊपर किसी प्रकार की कोई भी बंदिश नहीं लगने दी जाएगी। वार्ड 80, कलेक्शन चुनिंदा जगहों पर ही


नगर निगम का दावा है कि सभी 80 वार्डों में डोर टू डोर कूड़े का कलेक्शन हो रहा है। कुछ ही जगहों पर लोग गीला और सूखा कूड़ा अलग करके दे रहे हैं। जहां से मिक्स कूड़ा मिल रहा है, उसमें से गीला-सूखा अलग करने में कर्मियों को काफी समय लग रहा है। अगर सभी लोग अलग-अलग करके कूड़ा घर से ही दे देंगे तब वह शत प्रतिशत उपयोग किया जा सकता है। इससे पर्यावरण को संरक्षण में भी काफी मदद मिलेगी। नगर निगम में पहुंच रहीं कंप्लेन नगर निगम कंट्रोल रूम में रोजाना कंप्लेन संबंधी कॉल पहुंच रहे हैं। 27 फरवरी को 9 लोगों और 28 फरवरी व एक मार्च को 7-7 लोगों ने सफाई कराने व कूड़ा निस्तारण की कंप्लेन की। लोगों का कहना है कि शिकायत की जा रही है लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिल रहा है। ये है नया नियम स्वच्छ राज्य मिशन की ओर से कई विंदुओं पर निर्देश नगर आयुक्त को जारी किए गए हैं। इसमें घरों से लोगों गीला और सूखा अलग-अलग देना होगा। अगर ऐसा नहीं किया गया तो 200 रुपए जुर्माना लगाया जाएगा। इसके साथ ही निर्माण व विध्वंस सामग्री सड़क पर मिलने पर 2 हजार का जुर्माना लगाया जाएगा। पेड़ों की कटाई छंटाई करने के उपरांत उसके अवशेष सड़क पर मिलने पर भी 2 हजार जुर्माने का प्रावधान किया गया है। होटल, रेस्टोरेंट वाले भी अगर कूड़े मैनेजमेंट नहीं करते या फिर अलग-अलग करके नगर निगम को नहीं देंगे तो एक हजार का जुर्माना लगाया जाएगा। जुर्माने की कार्रवाई गलत

अलग-अलग कूड़ा घरों से उठाने की कवायद तो ठीक है लेकिन उससे पहले नगर निगम सभी लोगों को जागरूक करे। साथ ही शत प्रतिशत कूड़ा घरों से कलेक्शन की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। नगर निगम की जुर्माने की कार्रवाई गलत है।ऋषि मोहन वर्मा, निवर्तमान उपसभापति नगर निगम पहले जागरुकता अभियान चलाए। इसके बाद ही किसी तरह की पाबंदी उन पर लगाए। अगर ऐसा नहीं किया गया तो कोई तो नगर निगम की नहीं चलने दी जाएगी। संजीव सिंह सोनू, शेखपुरडोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की अभी तक व्यवस्था दुरुस्त नहीं है। नगर निगम पहले लोगों को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराए, इसके बाद ही कोई नियम उन पर थोपे। अगर लोगों को बेवजह परेशान किया गया तो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बृजेश सिंह उर्फ छोटू, राप्तीनगर नगर निगम कर्मी रोज कूड़ा लेने के लिए आ रही नहीं रहे हैं। मजबूरी में लोगों को खाली स्थान और प्लाटों में कूड़ा फेंकना पड़ रहा है। ऐसे में लोगों अलग-अलग कूड़ा करके देने के लिए दबाव बनाने का नियम कानून नहीं चलने दिया जाएगा। अशोक यादव, रायगंज

नगर निगम तानाशाही कर रहा है। वार्डों में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की व्यवस्था बदहाल है। अब वह गीला-सूखा कूड़ा अलग-अलग देने की बात कर रहा है। पहले सारी व्यवस्थाएं दुरुस्त कराए, इसके बाद ही कोई नियम कानून लागू कराए।विश्वजीत त्रिपाठी, बेतियाहाता 20 परसेंट से अधिक डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन नहीं हो रहा है। ऐसे में गीला और सूखा कूड़ा अगर लोग अलग कर भी लें तो किसे दें। नगर निगम पहले अपनी सारी व्यवस्था दुरुस्त करें, इसके बाद ही नया नियम लगाने की बात करे। आलोक सिंह विशेन, शक्तिनगर गीला और सूखा कूड़ा अलग ही रखता हूं, लेकिन कोई लेने ही नहीं आता है। मजबूरी में खाली प्लाट में कूड़े को फेंकना पड़ता है। ऐसा सिर्फ मेरे साथ ही नहीं बल्कि पूरे वार्ड में है। - एनडी सिंह, कृष्णानगर कॉलोनी नागरिकों पर दबाव बनाने से पहले नगर निगम अपने कर्मचारियों के क्रियाकलाप को भी चेक करे। जब रोजाना कूड़ा लेने के लिए ही नहीं आएंगे तो लोगों की क्या गलती है। नगर निगम पहले लोगों को जागरूक करे- शिशिर त्रिपाठी, महुईसुघरपुर जब घर-घर से नगर निगम कूड़ा ही नहीं उठ पा रहा है तो ऐसे नियम की क्या जरूरत है। अधिकांश लोग कूड़े को पहले से ही अलग-अलग रखते हैं। लेकिन निगम कर्मियों के कलेक्शन न करने से उन्हें इधर-उधर फेंकना पड़ रहा है। चंद्रभान त्रिपाठी, संध्या विहार कॉलोनी
कूड़ा लेने के लिए कोई भी घर पर नहीं आता है। मैं हमेशा गीला और सूखा कूड़ा दो डस्टबिन में रखती हूं। नगर निगम अपनी व्यवस्था सुधारे। इसके बाद जुर्माने की बात करे। सोनी पांडेय, बुद्धनगर सालों से दो डस्टबिन में कूड़ा एकत्र करके घर के बाहर बने प्लाट में फेंकती हूं। आज तक कोई भी नगर निगम का कर्मचारी कूड़ा लेने ही नहीं आया। अब अगर नगर निगम बिना किसी व्यवस्था उपलब्ध कराए ऐसा कर रहा है तो गलत है। कांति उपाध्याय, भरवलियानगर निगम की मंशा किसी को परेशान करने की नहीं है। अगर सभी लोग गीला और सूखा कूड़ा अलग करके कर्मियों को देंगे तो इससे उसका सही उपयोग किया जा सकेगा। लोगों को जागरूक करने के लिए दस्तक अभियान भी चल रहा है, जिन घरों से कूड़ा उठाने की व्यवस्था रह गई है, जल्द ही दुुरुस्त कर ली जाएगी। डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए नगर निगम ने गाडिय़ों की खरीदी हैं, जल्द ही वह भी वार्डों में लगाई जाएंगी। - डॉ। मणि भूषण तिवारी, नोडल अफसर स्वच्छ भारत मिशन व सहायक नगर आयुक्त

Posted By: Inextlive