Gorakhpur News: सिटी में स्वाइन फ्लू की दहशत
गोरखपुर: जिले में इन दिनों वायरल संक्रमण फैला हुआ है। इस संक्रमण की चपेट में बच्चे, युवा, बुजुर्ग सभी हैं। संक्रमण के कारण लोगों को तेज बुखार, सिर में दर्द, सांस की नली और सीने में तकलीफ हो रही है। इसके अलावा पेट का संक्रमण और डायरिया भी हो रहा है। बच्चे और युवाओं में निमोनिया के भी लक्षण मिल रहे हैं। पिछले हफ्ते से वायरल इंफेक्शन के पेशेंट्स की संख्या में तेजी आई है।
लग रही लंबी कतारबीआरडी मेडिकल कॉलेज, एम्स गोरखपुर और जिला अस्पताल की ओपीडी में संक्रमण से जूझ रहे पेशेंट्स की लंबी कतार लग रही है। मेडिसिन ओर बाल रोग विभाग की ओपीडी में आधे पेशेंट सिर्फ वायरल इंफेक्शन के ही पहुंच रहे हैं। इन पेशेंट्स में 10 परसेंट पेशेंट्स की हालत गंभीर हो रही है। पेशेंट्स को हाई डोज दवाएं दी जा रही हैं। कोविड जैसे लक्षण
गोरखनाथ चिकित्सालय के फिजीशियन डॉ। संजीव गुप्ता ने बताया कि वायरल निमोनिया के पेशेंट्स में कोविड जैसे लक्षण हो रहे हैं। हालांकि जांच कराने पर रिपोर्ट निगेटिव आ रही है। पेशेंट्स के फेफड़ों में संक्रमण भी हो रहा है। खास बात यह है कि तेज बुखार सात से 10 दिन तक बना रहा रहा है। इस दौरान सिर में दर्द हो रहा है। दर्द निवारक और बुखार की दवाएं पेशेंट्स पर काम असर कर रही है। उनका डोज बढ़ाना पड़ रहा है।
एम्स गोरखपुर में भर्ती तीन पेशेंट्स में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई, लेकिन सभी इलाज के दौरान स्वस्थ्य है। इसमें से दो को डिस्चार्ज कर दिया गया है। साथ ही एम्स के डॉक्टर्स लोगों को बता रहे हैं कि सर्दी-जुकाम होने पर बचाव करें, डरे नहीं। लक्षणों के आधार पर आसानी से इलाज हो जा रहा है। हालांकि पेशेंट्स को विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए। एम्स में हाईटेक जांच की सुविधा उपलब्ध है। लोग जागरूक हुए हैं इसलिए पेशेंट्स के इलाज में लापरवाही नहीं बरत रहे हैं। एम्स में पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के एचओडी प्रो। सुबोध कुमार ने बताया कि सर्दी-जुकाम के साथ आने वाले पेशेंट्स का एहतियात के आधार पर जांच कराई जाती है। यदि सर्दी-जुकाम है तो मास्क पहनें और भीड़भाड़ में जाने से बचें। वहीं, मधुमेह, फेफड़े में संक्रमण वाले पेशेंट्स को अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी।