Fear of Bad Touch in Gorakhpur UP: सिटी के बशारतुपर की रहने वाली पिंकी गोलघर के एक शॉप में वह काम करती हैं. वह डेली ऑटो में बैठकर गोलघर काली मंदिर तक जाती हैं. देखें सीएम योगी के शहर का हाल।


गोरखपुर (ब्यूरो)। Fear of Bad Touch in Gorakhpur UP: आवाजाही के दौरान रास्ते भर वह इसलिए परेशान रहती हैं कि ऑटो में ओवरलोड यात्री बैठाए जाते हैं। पीछे और बीच की सीट के अलावा चालक के दोनों ओर दो लोग बैठते हैं। बीच वाली सीट पर बैठने वाले पुरुष अक्सर पीछे की सीट पर बैठी महिलाओं और युवतियों के पैरों में अपने पैर में सटा देते हैं। बगल में बैठे लोग भी ऑटो के हिचकोले खाने के बहाने बैड टच (गलत नीयत से छूना) करते हैं। ऊपर से ऑटो में लगे साउंड सिस्टम पर चालक अश्लील गाने बजाते हैं, जो उन्हें ऑटो में सफर के दौरान और अनकंर्फटेबल कर देता है। यह हाल सिटी की सिर्फ एक पिंकी की नहीं है, ऐसे ने जाने कितनी पिंकी ऑटो से सफर करने के दौरान इसी तरह की समस्याओं से हर रोज गुजरती है। स्पॉट 1


सिटी के शास्त्री चौक पर यूपी 53 एचटी 2877 नंबर का ऑटो ड्राइवर तेज आवाज में भोजपुरी गाना बजा रहा था। उस ऑटो में महिलाएं भी बैठी थीं, लेकिन उसे इसकी परवाह नहीं थी। अंबेडकर चौक से शास्त्री चौक पर कुछ देर रुकने के बाद बेतरतीब तरीके से ऑटो चलाते हुए घोषकंपनी की ओर चल दिया। स्पॉट 2

सिटी के मोहद्दीपुर में ऑटो चलाक ऑटो में गाने बजा रहा था। इस ऑटो में इसमें ओवरलोड सवारी बैठे हुए दिखे। इस ऑटो में चार महिलाएं भी बैठी थीं, बावजूद इसके ऑटो चालक को इसकी कोई परवाह नहीं थी। वल्गर भोजपुरी गाने भी कर देते हैं अनकंर्फटेबल सिटी की दीपांजलि बताती हैं कि जब उन्हें दूर जाना होता है तो ऑटो, ई रिक्शा करना ही पड़ता है, लेकिन जब ऑटो में भोजपुरी गाने बजते हैं तो हमें उसके वल्गर साउंड करने से अनकंर्फटेबल टेबल फील करा देते हैं और जब फ्रेंड्स ग्रुप रहते है तो थोड़ी संतुष्टि भी रहती है, लेकिन सोलो ट्रैवलिंग में और भी ज्यादा डर लगता है।बैठने में भी लगता है ऑक्वर्डगोरखनाथ में रहने वाली हेमा ने बताया कि वो रोज गोरखनाथ से कॉलेज जाती थीं, लेकिन सीट से ज्यादा लोगों के बैठने की वजह से अक्सर वो आराम से बैठने वाली सीट भी नहीं मिल पाती है, जिसकी वजह से अक्सर उन्हें ये प्रॉब्लम फेस करनी पड़ती है।नशे में भी भरते हैं फर्राटा

दुर्गाबाड़ी में रहने वाली जया ने कहा कि काम का कोई टाइमिंग नही होता इसलिए अक्सर कभी अचानक भी उन्हें काम से बाहर निकलने के लिए ऑटो करना पड़ता है। वैसे तो गोरखपुर में सिक्योरिटी रहती है, लेकिन ऑटो ड्राइवर रात में नशे में ऑटो चलाते हैं इसलिए अपनी सिक्योरिटी के लिए तो बहुत डर लगता है।ऑटो और ई रिक्शा की संख्याऑटो 7,231ई रिक्शा 11, 343मैं और मेरी दीदी अक्सर अपने कॉलेज जाने के लिए ऑटो करते हैं, लेकिन अक्सर ऑटो पर इतने लोग बैठे रहते हैं कि हमें ऑक्वर्ड फील होने लगता है।हेमाऑटो रिक्शा में अक्सर ही भोजपुरी गाने बजते हुए मिलते हैं, उपर से ऑटो ड्राइवर्स सीट से ज्यादा सवारी रहते है। ओवरलोड होने के वजह से एक्सीडेंट भी हो सकता है।निकिता

Posted By: Inextlive