महानगर में बिजली की संभावित मांग को देखते हुए सबस्टेशनों की क्षमता बढ़ाने का निर्णय लिया गया है. इसमें डेढ़ लाख से अधिक घरों को निर्बाध बिजली तो मिलेगी ही साथ ही सबस्टेशनों के ओवरलोड होने की शिकायत भी दूर हो जाएगी. पुराने तारों को बदलकर नए तार लगाए जाएंगे और नए ट्रांसफार्मर भी लगाए जाएंगे. बिजली निगम ने स्मार्ट सिटी में व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए बिजनेस प्लान 2025-26 का डीपीआर बना लिया है. इन कार्यो में 42.31 लाख रुपए खर्च होंग

गोरखपुर: महानगर में इस समय कंज्यूमर्स की संख्या लगभग दो लाख तीस हजार से अधिक है। सिटी के विस्तार के कारण नए-नए एरिया सिटी में शामिल हुए हैं। डेली कंज्यूमर्स की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी होने के कारण बिजली की डिमांड भी लगातार बढ़ती जा रही है। गोलघर, शाहपुर, राप्तीनगर, मोहद्दीपुर आदि सबस्टेशन ओवरलोड चल रहे हैं। इस कारण बार-बार बिजली कटने से कंज्यूमर का परेशान रहते हैं।

अभियंताओं का मानना है कि जिस तरह महानगर में विकास कार्य हो रहे हैं। उससे बड़ी-बड़ी कंपनियों के शोरूम, मॉल, फ्लैट आदि तेजी से बढ़ रहे हैं। यहां बिजली की डिमांड बहुत ज्यादा होती है। ऐसे में भविष्य में बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए नए कार्यो को कराना बहुत जरूरी हो गया है।


कार्यो का विवरण धनराशि (रुपए लाख में)
सबस्टेशनों की क्षमता वृद्धि 250.00
लाइन निर्माण का कार्य 1240.00
लाइन का निर्माण, विभक्तीकरण 297.00
जर्जर तार, केबल व पोल बदलना 467.13
ट्रांसफार्मरों की स्थापना 875.10
ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि 31.50
अतिरिक्त एलटी सर्किट स्थापना 529.75
जर्जर एबी केबल, एबी केबल की क्षमता वृद्धि, बार कंडक्टर से एबी केबल बदलने का कार्य 208.27
क्षतिग्रस्त एलटी अंडरग्राउंड केबलों को बदलना 85.00
जर्जर पोल बदलना व लॉग स्पैन में स्थापना 91.80
बांस-बल्ली सुदृढ़ीकरण 155.50
कुल योग 4231.05


स्मार्ट सिटी के तहत महानगर में भविष्य की जरूरतों को देखते हुए बिजनेस प्लान 2025-26 के तहत 41.31 करोड़ का प्रपोजल तैयार किया गया है। सीएम सिटी में तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं। इससे बड़ी कंपनियां आ रही हैं। फ्लैटों की संख्या बढ़ रही है और व्यापार में बढ़ोत्तरी हो रही है। इस कारण बिजली की डिमांड लगातार बढ़ रही है। वर्तमान के साथ ही भविष्य के गोरखपुर में बिजली की दिक्कत नहीं होगी।
ई। लोकेंद्र बहादुर सिंह, एसई शहर

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