एम्स गोरखपुर में शनिवार को दवा पहुंचाने वाले ड्रोन का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया गया. एम्स के ईडी प्रो. गोपाल कृष्ण पाल ने कहा आपदा काल में सुदूर क्षेत्रों में दवा पहुंचाने और जांच के लिए खून के नमूनों को मंगाने में ड्रोन सेवा क्रांतिकारी कदम है.


गोरखपुऱ (ब्यूरो)। इसी क्रम में एक कंपनी ने एम्स परिसर में ड्रोन के ट्रायल का नियमित मानक के अनुसार सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया। सरदारनगर और डुमरीखास से शुरुआत स्वयं ड्रोन उड़ाने वाले ईडी डॉ। पाल ने कहा कि ड्रोन सेवा की मदद से ग्रामीण क्षेत्रों में दवाइयां, जांचों की सुविधा, वैक्सीन की सुविधा बढ़ जाएगी। ड्रोन सेवा से दूर बैठे हुए व्यक्ति को समय से स्वास्थ सेवाएं मिलेंगी। शुरुआत में यह सेवा ब्लॉक पीएचसी सरदारनगर और आरएचटीसी डुमरीखास के बीच में रहेगी। बाद में इन सेवाओं का अन्य क्षेत्र में विस्तार भी किया जाएगा।

25जनवरी को लांचिंग


डॉ। पाल ने बताया कि 25 जनवरी को ड्रोन की लॉचिंग पूरे भारत में होगी। यह पीएम नरेंद्र मोदी की स्कीम है। इस स्कीम की सफलता के लिए गोरखपुर एम्स से ही इसकी लॉचिंग की जाएगी। हार्ट आदि गंभीर मरीजों के लिए ड्रोन व्यवस्था बनाई गई है। ऐसे पेेशेंट्स को बीमारी से राहत देने के लिए ड्रोन के जरिए उन तक दवाएं और वैक्सीन पहुंचाने का प्लान तैयार किया गया है। चुनी गईं ड्रोन दीदी

सामुदायिक और पारिवारिक चिकित्सा एचओडी डॉ। हरी शंकर जोशी ने बताया कि इसके लिए दोनों क्षेत्रों से एक एक ड्रोन दीदी को नामित करके दिल्ली में प्रशिक्षण के लिए भेजा जा चुका हैं। सरदारनगर से कुसुम कला और डुमरीखास से नीलम वर्मा को ड्रोन दीदी के लिए चुना गया है। गोरखपुर से पहले यहां ट्रायल गोरखपुर के पहले ड्रोन से दवा पहुंचाने का ट्रायल डिब्रूगढ़ असम, नागालैंड, मणिपुर, आंध्रा और हिमाचल प्रदेश में हुआ। डॉ। अशोक पांडेय ने बताया कि ड्रोन के जरिए 15000 फीट ऊंचाई और 0.5 डिग्री तापमान पर ड्रोन चलाना एक चैलेंज था। क्योंकि ड्रोन की बैट्री ऑपरेट होने में दिक्कत आ रही थी, मगर चैलेंज के बाद भी ड्रोन का सफल ट्रायल हुआ। डिब्रूगढ़ में भी आरएमआरसी ने किया था ट्रायलआरएआरसी की ओर से आपदा के समय ड्रोन के जरिए दवाएं व वैक्सीन पहुंचाने का सफल ट्रायल हो चुका है। पहले इसका ट्रायल डिब्रूगढ़़, असम, नागालैंड, मणिपुर, आंध्रा और हिमांच प्रदेश में हुआ। डॉ। अशोक पांडेय ने बताया कि ड्रोन के जरिए 15000 फीट ऊंचाई और -5 डिग्री तापमान पर ड्रोन चलाना एक चैलेंज था। क्योंकि ड्रोन की बैट्री ऑपरेट होने में दिक्कत आ रही थी मगर चैलेंज के बाद भी ड्रोन का सफल ट्रायल हुआ। गोरखपुर में भी इसका ट्रायल होना है। ताकि आपदा के समय जरूरतमंदों के पास आसानी से जरूरी दवाएं और वैक्सीन पहुंचाया जा सके।

Posted By: Inextlive