12वीं में फेल होने या कम नंबर्स पाने का मतलब यह नहीं कि आप आगे कभी कामयाब नहीं हो सकते. देश और दुनिया में ही नहीं आपके सिटी में ही तमाम ऐसे लोगों का उदाहरण है जहां 12वीं में कम नंबर्स पाने के बाद भी उन्होंने अपनी जिद और जुनून से कामयाबी की ऐसी इबारत लिख दी जिसकी आज मिसाल दी जाती है.


गोरखपुर (ब्यूरो)। 12वीं में फेल होने वाले या कम नंबर्स पाने वाले स्टूडेंट्स इनसे मोटिवेट होकर सफलता के उच्च शिखर पर पहुंच सकते हैं। आइए ऐसे ही कुछ लोगों से आपको भी मिलवाते हैंअसफलता के बाद सफलता की खुशी होती है अलग2011 बैच के आईएएस जिले के डीएम कृष्णा करुणेश मूलरूप से बिहार के रहने वाले हैं, सामान्य परिवार में जन्मे कृष्णा करुणेश के 12वीं में बहुत अच्छे नंबर नहीं थे, लेकिन उन्होंने नंबर्स को दरकिनार कर सिविल सर्विस की तैयारी की और 2011 में आईएएस बने। उन्होंने कम नंबर्स पाने वाले स्टूडेंट्स से कहा कि सफल व्यक्ति के लिए नबर्स मायने नहीं रखते। सफलता पाने के लिए लक्ष्य निर्धारित करें। क्योंकि बिना लक्ष्य के सफलता नहीं मिल सकती है। असफलता से नहीं हुई निराश
सीओ कैंट आईपीएस अंशिका वर्मा ने 12वीं की पढ़ाई प्रयागराज के निजी स्कूल से पूरी की थी। उनके 10वीं में तो अच्छे नंबर्स थे, लेकिन 12वीं में बहुत अच्छे नबर्स नहीं आए। इससे वह बिल्कुल भी निराश नहीं हुई और बीटेक करने के बाद सिविल सर्विस की तैयारी करने लगीं। सेल्फ स्टडी करते हुए उन्होंने 2019 में यूपीएससी की परीक्षा दी, लेकिन पहले प्रयास में उन्हें असफलता मिली। कुछ कर गुजरने की चाहत उन्हें नहीं रोक सकी और यूपीएससी परीक्षा 2020 में सफलता हासिल कर वह आईपीएस अधिकारी बनीं। परेशान होने की नहीं है जरूरतनिराश और परेशान होना मानव का स्वभाव है। जो स्टूडेंट किसी कारण से फेल हो गए हैं या जिन्हें कम नंबर्स नहीं मिले हैं, उन्हें भी निराश और हताश होने की बिल्कुल जरूरत नहीं है। पेरेंट्स बच्चों को डांटने-फटकारने या उन्हें शर्मिंदा करने की जगह उनका पूरी तरह से साथ थे। क्योंकि सभी बच्चे एक जैसी प्रतिभा के नहीं होते और सभी से एक ही तरह के परिणाम की भी उम्मीद नहीं की जा सकती।- शुभांकर राय, साइकॉलिजिस्टअपनी प्रतिभा को पहचानें12वीं के एग्जाम में फेल होने या कम नंबर्स पाने वाले स्टूडेंट्स इसे आखिरी मौका न समझें। तमाम ऐसे लोग हैं जिन्होंने किसी तरह की पढ़ाई नहीं कि लेकिन, उन्हें पूरी दुनिया पहचानती है। हर किसी के भीतर प्रतिभा है। एक बार अपनी प्रतिभा को पहचान लेने के बाद उसे अपना जुनून बनाने की ओर अग्रसर हों। सफलता जरूर मिलेगी। - पुर्णेंदु शुक्ल, करियर काउंसलर

Posted By: Inextlive