बाढ़ के समय जिले के कई क्षेत्रों में स्थिति खतरनाक होती है. पूर्व में यहां नहाने गए लोगों के डूबने की घटना हुई है. इससे बचने के लिए इस बार लोगों को जागरूक करने की नई पहल की गई है.


गोरखपुर (ब्यूरो)। ऐसे 16 स्थानों पर डिजिटल संकेतक लगाने का फैसला किया गया था। इसकी जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी को दी गई थी लेकिन, चार महीने पहले ही बजट मिलने के बावजूद विभाग ने संकेतक नहीं लगाए हैं। डीएम कृष्णा करुणेश ने इस मामले में नाराजगी जताते हुए जल्द से जल्द संकेतक लगाने का निर्देश दिया है।खतरे के बारे में दी जाएगी जानकारी
जिले में नदियों के किनारे संवेदनशील स्थलों पर डिजिटल संकेतक लगाकर लोगों को जागरूक किया जाएगा। इसके जरिए इस क्षेत्र में खतरे के बारे में जानकारी दी जाएगी और लोगों, खासकर बच्चों को नहाने से बचने के लिए जागरूक किया जाएगा। इसकी नियमित रूप से निगरानी भी होगी। बाल तरणवीर योजना के अंतर्गत यह संकेतक लगाए जाने हैं। इसके लिए लगभग दो लाख रुपये का बजट आ चुका है। 12 जून 2024 को डीएम की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह बात सामने आयी थी कि उस समय तक एक भी संकेतक नहीं लगाए गए। डीएम के पूछने पर संबंधित अधिकारी संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए।नगर क्षेत्र में जलभराव रोकने के लिए जल्द पूरा करना होगा काम


नगर क्षेत्र में जलभराव रोकने के लिए जल्द ही काम पूरा करना होगा। बाढ़ से संबंधित बैठक में डीएम ने इस बात के निर्देश भी दिए थे। बैठक में नगर आयुक्त ने खजांची, स्पोट्स कालेज, गोपलापुर, दाउदपुर आदि क्षेत्रों में पीडब्ल्यूडी द्वारा कराए जा रहे नाला निर्माण की प्रगति पर असंतोष जताया था। उन्होंने आशंका जताई थी कि समय से निर्माण कार्य पूरे न होने पर वर्षा के समय जलभराव होगा। डीएम ने पीडब्ल्यूडी निर्माण खंड तीन के अधिकारियों को निर्देश दिया था कि मानसून से पहले निर्माण पूरा कर लें। ऐसा न होने पर जलभराव हुआ तो कार्रवाई की जाएगी।बाढ़ के समय जिले में 16 स्थानों पर डिजिटल संकेतक लगाने का निर्देश दिया गया है। इसका बजट भी मिल चुका है लेकिन संकेतक लगाया नहीं गया था। जल्द से जल्द संकेतक लगाने का निर्देश संबंधित विभाग को दिया गया है।कृष्णा करुणेश, डीएम.

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