डायलिसिस के लिए अब मरीजों को बाहर की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी. एम्स गोरखपुर में ही उन्हें सुविधा मिलेगी. पीपीपी मॉडल पर डायलिसिस यूनिट की सुविधा मुहैया कराई जा रही है. डायलिसिस यूनिट लगाने का कार्य पहले ही पूरा हो चुका है.


गोरखपुर (ब्यूरो)। एम्स गोरखपुर में डायलिसिस यूनिट शुरू करने के लिए एम्स प्रशासन की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई है। उम्मीद है कि मार्च महीने में सीएम योगी आदित्यनाथ डायलिसिस यूनिट का उद्घाटन कर सकते हैं। डायलिसिस यूनिट चालू होने से मरीजों को इसका फायदा मिलेगा। प्राइवेट कंपनी नेफ्रोप्लस ने करीब 25 मशीने स्टॉल करने का कार्य चल रहा है। आयुष्मान कार्ड होल्डर और केंद्र सरकार हेल्थ स्कीम के लाभार्थियों का डायलिसिस फ्र होगी।नेफ्रोलॉजिस्ट के लिए प्रयास


बताते चले कि एम्स गोरखपुर और प्राइवेट कंपनी नेफ्र ोप्लस के साथ पीपीपी मॉडल पर डायलिसिस यूनिट सेवा शुरू करने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किया था, ताकि मरीजों को कम दर पर डायलिसिस सेवा प्रदान किया जा सके। इसके लिए एम्स प्रशासन काफी दिनों सें नेफ्रोलाजिस्ट की तैनाती के प्रयास हो रहे थे। नेफ्र ोलाजिस्ट की ज्वाइन कराने के लिए विज्ञापन भी जारी किया गया। एम्स प्रशासन ने अपने री सोर्सेज से भी नेफ्रोलाजिस्ट से बात की लेकिन कोई तैयार नहीं हुआ। ईडी प्रो। डॉ। गोपाल कृष्ण पाल ने कार्यभार ग्रहण करते समय ही घोषणा कर दी थी कि ब्लड बैंक और डायलिसिस यूनिट की स्थापना उनकी सर्बोच्च प्राथमिकता में है। यह रहेंगे मौजूद

डायलिसिस के लिए नेफ्र ोप्लस तीन नेफ्रलाजिस्ट की तैनाती करेगा। इसके अलावा डायटिशियन, तकनीशियन और अन्य समेत 20 कर्मचारी मौजूद रहेंगे। मरीजों की डायलिसिस के साथ ही उन्हें खानपान के बारे में भी बताया जाएगा। नेफ्र ोप्लस जर्मनी निर्मित मशीन लगा दिया है।डायलिसिस यूनिट जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा। मशीनें स्टॉल की जा रही है। जल्द ही कार्य पूरा कर लिया जाएगा। फरवरी में ही सीएम के हाथों उद्घाटन किया जाना था, लेकिन व्यस्थतम कार्यक्रम के कारण डेट आगे बढ़ गई हैं। उम्मीद है कि मार्च महीने में डायलिसिस यूनिट शुरू कर दी जाएगी। - डॉ। अरुप मोहंती, मीडिया, प्रभारी एम्स

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