गोरखपुर यूनिवर्सिटी में ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करके स्टूडेंट्स को डिग्री सर्टिफिकेट जारी करने के की शुरूआत कर रहा है. ब्लॉकचेन तकनीक के प्रयोग से एकेडमिक प्रमाण-पत्रों के सत्यापन और प्रबंधन के तरीके में बदलाव आएगा.


गोरखपुर (ब्यूरो)। इसका उद्देश्य सुरक्षित डिजिटल संग्रह (बहीखाता) पर डिग्री रिकॉर्ड को संग्रहीत करना है। यूनिवर्सिटी का लक्ष्य इस नई ब्लॉकचेन तकनीक का प्रयोग करके अपने स्टूडेंट्स और पास आउट स्टूडेंट्स के शैक्षणिक रिकॉर्ड की सुरक्षा, पारदर्शिता और पहुंच को बढ़ाना है। वीसी प्रो पूनम टंडन ने इस पहल के बारे में जानकारी देते हुए कहा, यह तकनीक न केवल एकेडमिक प्रमाण-पत्रों को सत्यापित करने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करेगी बल्कि डिग्रियों की प्रामाणिकता भी सुनिश्चित करेगी।डिग्री में नहीं होगी छेड़छाड़ ब्लॉकचेन तकनीक यह सुनिश्चित करती है कि एक बार डिग्री जारी होने के बाद, इसमें बदलाव या छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है, जिससे शैक्षणिक उपलब्धि का एक विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रिकॉर्ड उपलब्ध होता है। यह विशेष रूप से इंटरनेशनल स्टूडेंट्स और पास आउट स्टूडेंट्स के लिए फायदेमंद होगा, जिन्हें विदेश में रोजगार या आगे की पढ़ाई के लिए सत्यापित शैक्षणिक प्रमाण-पत्र की आवश्यकता होती है।
यूनिवर्सिटी को टेक्नोलॉजी में आगे ले जाने का प्रयास गोरखपुर यूनिवर्सिटी इस पहल को लागू करने के लिए अग्रणी ब्लॉकचेन तकनीक प्रदाताओं के साथ साझेदारी कर रहा है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यूनिवर्सिटी उच्च शिक्षा में तकनीकी प्रगति में सबसे आगे रहे।

Posted By: Inextlive