शहर को जाम से मुक्त करने के लिए ई रिक्शा के हर रूट का अलग-अलग कलर और कोड तय करने और आउटर में पांच जोन बनाने की कवायद कागजों में सिमट कर रह गई.


गोरखपुर (ब्यूरो)।यही नहीं गोरखपुर-काठमांडू बस सेवा का संचालन में लटका हुआ है। जबकि इसका संचालन खिचड़ी के समय ही होना था। स्कीम के धरातल पर न उतरने से पब्लिक की उम्मीदें धराशायी होती जा रही हैं। आरटीओ की ओर से सिटी को जाम से मुक्त कराने के लिए ई-रिक्शा को जोनवार बांटने की तैयारी की गई थी। इसे लेकर अफसरों के साथ मीटिंग भी हुई थी, लेकिन यह स्कीम कागजों में ही सिमट कर रह गई। इसी तरह परिवहन विभाग की ओर से बस संचालन की कवायद की गई। लेकिन वह भी पूरी नहीं हो सकी। ई-रिक्शा पर कोई नियम कानून नहीं


दिसंबर को आरटीओ की मीटिंग में यह सुझाव दिए गए थे कि नई व्यवस्था के मुताबिक जोन का निर्धारण होने के बाद करीब 6 हजार ई-रिक्शा चालकों को पांच जोन में संचालित करने की अनुमति दी जाएगी। हर रूट पर बढ़ रहे ई-रिक्शा की संख्या को देख शासन ने ई-रिक्शा को प्रमुख रूट से हटाकर विशेष जोन बनाने का निर्देश दिया था। शासन स्तर से जारी निर्देश के क्रम गोरखपुर में भी ई-रिक्शा को भीड़-भाड़ वाले रूटों से हटाने की तैयारी शुरू की गई थी। इसके बावजूद भी रूटों का निर्धारण नहीं हो सका है। आए दिन रोड पर जाम

सिटी के प्रमुख सड़कों पर चल रहे छह हजार से अधिक ई-रिक्शा मनमाने तरीके से फर्राटा भर रहे हैं। इसके लिए न तो रूट का कोई मतलब है और न ही अफसरों की चेतावनी का कोई डर। इसके चलते आए दिन रोड पर जाम की स्थित रहती है। ई-रिक्शा चालक सबसे अधिक अव्यवस्था रेती, गोलघर, बेतियाहाता, रुस्तमपुर, मोहद्दीपुर, गोरखनाथ, बरगदवा, मेडिकल कॉलेज, पादरी बाजार और ट्रांसपोर्टनगर में फैला रहे हैं। ये कहीं से भी गाड़ी मोड़ देते हैं और कहीं भी रोककर सवारी उतारते-चढ़ाते हैं। हैरान करने वाली बात तो यह है कि ये एक बार में छह से सात लोगों को बैठाकर ई-रिक्शा चलाते हैं। गोरखपुर-काठमांडू बस सेवा का इंतजार

इंटरनेशनल एसी बस सेवा से काठमांडू की सैर करने की इच्छा रखने वाले गोरखपुराइट्स व पर्यटक अभी भी इस सेवा के बहाल होने के इंतजार में हैं। नए साल और खिचड़ी में इस सेवा को हरी झंडी दिखाने की उम्मीद लेकर रोडवेज प्रशासन ने पूरी तैयारी की। वहीं राप्तीनगर कार्यशाला में हाईटेक बस तैयार होकर खड़ी हैं, लेकिन राप्तीनगर की एसी जनरथ बस चलाई नहीं जा सकी है। जबकि बस को हाईटेक सुविधा से लैस किया जा चुका है। वहीं इस सेवा के लिए भारत और नेपाल सरकार की अनुमति पहले ही मिल चुकी है। परिवहन विभाग ने परमिट भी जारी कर दिया है। इस सेवा के लिए गोरखपुर स्टेशन परिसर में टिकट काउंटर आरक्षित हो गया है। मैनुअल और ऑनलाइन दोनों तरह के टिकट भी बुक करने की व्यवस्था है। प्रति पैसेंजर्स करीब 11 सौ रुपए किराया भी तय कर दिया गया है। साथ ही बस संचालित करने के लिए टाइमिंग भी तय हो चुकी है इसके बावजूद भी बस सेवा अभी तक शुरू नहीं हो सकी है। गोरखपुर-काठमांडू एसी बस सेवा की तैयारी पहले ही पूरी हो चुकी है। सिर्फ इंतजार किया जा रहा है कि कब हरी झंडी दिखाई जाए। शासन के दिशा-निर्देश का इंतजार किया जा रहा है। जल्द ही बस सेवा आरंभ किया जाएगा। - पीके तिवारी, आरएम गोरखपुर रीजन सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में इन रूटों को पांच जोन में बांटकर ई-रिक्शा चलावाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए अफसरों की समिति गठित की गई हैं। अगली बैठक में इस पर चर्चा होनी है। इसके लिए रूट तय किए जाएंगे। - संजय कुमार झा, एआरटीओ प्रशासन

Posted By: Inextlive